लॉकडाउन, कोरोना और सुशांत : अक्रांत है बॉलीवुड

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लॉकडाउन

2020 की पहली छमाही में मायानगरी की लुट गई कमाई, छह माह का लेखा-जोखा

 
*जीवंत के. शरण,
विश्व सिनेमा
को बदहाली की कगार पर पहुंचा दिया कोरोना वायरस ने. बाॅलीवुड हो या हॉलीवुड, सभी जगह लाॅकडाउन काल बन कर सामने आ गया. परिणामत: न तैयार फिल्में रिलीज हुई और न ही नई फिल्मों की शूटिंग हो पाई. इस बीच अनेक दिग्गज कलाकारों ने कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से हार कर बॉलीवुड को शोकाकुल कर भी गए. सबसे दुखद तो रहा उदयीमान युवा अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत का जाना. 14 जून को सुशांत की मौत के अब पूरे दो माह हो गए हैं. उनकी मौत एक पहेली बन गई है. मुंबई पुलिस, बिहार पुलिस, सीबीआई को लेकर यह मामंला देश की शीर्ष अदालत तक जा पहुंचा है. कोरोना वायरस और लॉकडाउन की त्रासदी के बीच इस मामले की गूंज से बॉलीवुड अक्रांत है.  
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साल 2020 की पहली छमाही में कुल पचास फिल्में ही रिलीज हो पाई है. ऐसे में बड़े फिल्मकारों को छोड़ दें, तो इंडस्ट्री से जुड़े अधिसंख्य मध्यम और निम्न वर्ग के सहयोगियों की संचित कमाई खत्म हो गई है. उनके लिए फिर से आर्थिक मोर्चा पर स्वयं को संभालना आसान नहीं होगा. वर्ष 2019 की पहली छमाही में फिल्मों का कलेक्शन तकरीबन सत्रह सौ करोड़ था, लेकिन इस वर्ष छह सौ करोड़ का ही कलेक्शन हो पाया है. लाॅकडाउन के ठीक पहले 13 मार्च को ‘अंग्रेजी मीडियम’ रिलीज हुई थी. उसके बाद सिने जगत में पूरी तरह से सन्नाटा छा गया. लेकिन अब कोहरा छंटने लगा है. छोटे बड़े कलाकारों और तकनीशियनों के चेहरे की रौनक भी लौटने लगी है.

चार माह बाद चहल-पहल
लगभग चार माह की तबाही के बाद अब कोरोना के संग जीने की आदत डालने की विश्व स्वास्थ्य संगठन की सलाह पर फिल्म इंडस्ट्री में फिर से चहल-पहल शुरू हो गई है. सरकार से लॉकडाउन में कुछ शर्तों के साथ शूटिंग की अनुमति मिलने के बाद छोटे पर्दे की रौनक पहले देखने को मिल रही है. सीरियल के नए एपिसोड का प्रसारण भी आरंभ हो गया है. मनोरंजन परोसने वालों में सबसे अधिक पीड़ित छोटे कलाकारों, सपोर्ट कर्मियों और तकनीशियनों की माली हालात में सुधार के आसार बन रहे हैं.

फिल्म तैयार है, लेकिन…
अजय देवगन की फिल्म ‘मैदान’ तैयार है, लेकिन निर्माता बोनी कपूर ऑन लाइन रिलीज के लिए तैयार नहीं हैं. इसी तरह कुछ अन्य बड़े निर्माता दीपोत्सव तक सिनेमाघर खुलने की आस लगाए बैठे हैं. इसीलिए बड़े बजट की फिल्म ‘सूर्यवंशी’ अक्षय कुमार, रणबीर सिंह की ’83’ और सलमान खान की फिल्म ‘राधे’ का रिलीज डेट आगे खिसका दिया गया है. वैसे हालात को देखते हुए निर्देशक शेखर कपूर ने भविष्यवाणी की है कि – ‘सालभर नहीं खुलेंगे सिनेमाघर’. इन तमाम ऊहापोह के बावजूद अभिनेत्री अनुष्का शर्मा की ‘बुलबुल’, चमनबहार, अमिताभ बच्चन और आयुष्मान खुराना की ‘गुलाबो सिताबो’, स्वरा भास्कर की ‘रसभरी’, ‘वर्जिन भानुप्रिया’, ‘धूमकेतू’ नवाजुद्दीन सिद्दीकी की रात अकेली है, विद्या बालन की शकुंतला देवी, लूटकेस (कुणाल खेमू) के साथ कुछ अन्य वेब सीरीज अमेजन प्राइम, डिज्नी हाॅटस्टार और नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो कर लॉकडाउन के ही दौरान खूब सुर्खियां बटोर रही है.  

ओटीटी प्लेटफार्म से मिल रही संजीवनी
लॉकडाउन सिने जगत के लिए यह मुश्किल वक्त है. इससे पहले किसी ने भी शायद ऐसा माहौल नहीं देखा होगा. कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव के कारण सिनेमाघर कब खुलेगा, अभी कुछ भी कहा नहीं जा सकता है. ऐसे में कुछ फिल्मकार करोड़ों की लागत से बन कर तैयार फिल्मों को रिलीज करने के लिए सिनेमाघर के विकल्प के रूप में ओटीटी प्लेटफार्म को बेहतर मानने लगे हैं. जानकारों के अनुसार यहां फिल्मों की लागत आसानी से मिल जाती है. हालांकि डिजीटल प्लेटफार्म पर रिलीज का फैसला सभी नहीं कर पा रहे हैं.

पोस्ट प्रोडक्शन के काम को बढ़ावा  
फिलहाल फिल्मों की शूटिंग से ज्यादा पोस्ट प्रोडक्शन (एडिटिंग/डबिंग/साउंड मिक्सिंग/कलर करेक्शन वगैरह) के काम को लॉकडाउन में बढ़ावा दिया गया है. इसी सिलसिले में अभिषेक बच्चन वेब सीरीज  ‘ब्रीद’ की शूटिंग के लिए मुंबई स्थित साउंड एंड विजन स्टूडियो में आने जाने लगे. फिर खबर आ गई अमिताभ बच्चन का पूरा परिवार (जया बच्चन को छोड़कर) कोरोना संक्रमित हो गया. इसके बाद स्वाभाविक रूप से फिर फिल्म निर्माण का उत्साह थोड़ा मंद पर गया.

सोनू की दरियादिली
लाॅकडाउन के दरम्यान बाॅलीवुड का एक बेहद उदार और मानवीय पक्ष आलोकित हुआ. दरअसल प्रवासी मजदूर लाखों की संख्या में मुंबई में फंसे हुए थे. सरकार के प्रयास के बावजूद मजदूरों की हालत दयनीय होते जा रही थी। इसे देखकर फिल्म के कुछ कलाकार आगे आए और मजदूरों को सपरिवार उनके घर भेजने का काम किया. अमिताभ बच्चन और कुछ अन्य ने भी उन्हें निजी बसों से उनके गंतव्य तक भेजा. लेकिन इन कलाकारों में सर्वाधिक मजदूरों को सुरक्षित उनके घर भेजने का श्रेय जाता है, सोनू सूद को. बिना शोरगुल के सोनू ने सड़क पर स्वयं रह कर बसों की कतार लगाई. उन्होंने अब तक तकरीबन एक लाख मजदूरों की सहायता की है, जिसकी सराहना विदेशों में भी हो रही है.

अलविदा कह गए अनेक फिल्मकार
फिल्म जगत के लिए साल 2020 सिर्फ लाॅकडाउन के लिए ही यादगार नहीं रहेगा. साल की पहली छमाही में इंडस्ट्री के अनेक नामी हस्ती दुनिया को छोड़कर असमय अनंत में विलीन हो गए. पहले इरफान खान, फिर ऋषि कपूर, इसके बाद वाजिद खान (संगीतकार), सुशांत सिंह राजपूत, गीतकार योगेश और निर्देशक बासु चटर्जी, मनजीत ग्रेवाल, सचिन कुमार, अभिनेत्री निम्मी, कोरियोग्राफर सरोज खान, अपने समय के धुरंधर हास्य कलाकार जगदीप, निर्देशक रजत मुखर्जी, और साठ के दशक की सदाबहार अदाकारा कुमकुम भी. इनमें से कुछ असाध्य बीमारी से ग्रसित थे, तो कुछ अपनी जिंदगी के अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुके थे.
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सुशांत का जाना बना भूचाल
लेकिन लॉकडाउन में सबसे ज्यादा पूरी फिल्म इंडस्ट्री को झकझोर गया सुशांत सिंह राजपूत (34) का जाना. दिशा सालियान और सुशांत सिंह राजपूत  की मौत के बाद मई महीना मनोरंजन जगत के लिए काल बन कर आया. मराठी फिल्मों का चर्चित चेहरा आशुतोष भाकरे, क्राइम पेट्रोल की प्रेक्षा मेहता और टीवी स्टार समीर शर्मा भी इसी महीने में ग्लैमर वर्ल्ड को अलविदा कह गए.

लॉकडाउन के ही दौरान सुशांत ने 14 जून को फांसी लगाकर जान दी थी. उनकी मृत्यु के दो महीना होने जा रहा है, बावजूद इसके इंडस्ट्री में मचा कोहराम और जांच की आंच अभी थमी नहीं है.
 
उधर 61 साल के संजय दत्त कोविड से तो बच गए, लेकिन उनके फेफड़े का कैंसर तीसरे चरण में पहुंच कर मायानगरी को फिर से एक झटका दे दिया है. संजय कैंसर का इलाज अमेरिका में वहीं करवाने वाले हैं, जहां उनकी मां (नरगिस दत्त) भी अपने ब्रेस्ट कैंसर का इलाज करवा चुकी हैं.

सुशांत की मौत बन गई पहेली
सुशांत की मौत को सुसाइड बताने के बाद यह एक पहेली बनती जा रही है. पहले इसे नेपोटिज्म (भाई-भतीजावाद) के आईने में देखा जा रहा था. अब सुशांत की मौत में हत्या का एंगल सामने आ रहा है. शक की सूई अपने को सुशांत की गर्ल फ्रेंड बताने वाली अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती की ओर घूम गई है. प्रवर्तन निदेशालय ने रिया, उसके परिजनों सहित सात लोगों के खिलाफ जांच भी शुरू कर दिया है. इस मामले को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है.

सुशांत की मैनेजर दिशा सालियान द्वारा सुशांत की मौत से एक सप्ताह पूर्व लॉकडाउन के ही दौरान अपने फ़्लैट से गिर कर मृत पाई गई थी. उसे भी आत्महत्या मान लिया गया था. लेकिन दिशा की मौत को भी हत्या बताने और उसकी हत्या को सुशांत की हत्या से जोड़ कर देखा गया. इस एंगल से भी जांच की मांग है. दिशा की हत्या को तो राज्य के मंत्री और मुख्यमंत्री के पुत्र आदित्य ठाकरे से भी जोड़ा दिया गया है.

सीबीआई जांच पर मामला चतुर्दिक गरमाया
सुशांत आत्महत्या के दो महीने पूरे होने जा रहे हैं. इस मामले में अभी जांच का कोई परिणाम सामने नहीं आया है. इसमें राजनीति भी चरम पर पहुंच गई है और बयानबाजी का दौर जारी है. सीबीआई जांच को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा है. बॉलीवुड में भी कई अलग-अलग गुट और बिहार-मुंबई बनाते दिखाई देने लगे हैं. मीडिया से लेकर सोशल मीडिया पर बिहार, महाराष्ट्र के नेता, आम लोग, राजनेता और बॉलीवुड के भी सभी गुटों के बयान भी गूंज रहे हैं.  

सुशांत के चाहने वाले और उनका परिवार मामले की लगातार सीबीआई जांच की मांग कर रहा हैं तो वहीं कुछ राजनेता इसमें टांग अड़ा रहे हैं. सुशांत सिंह की बहन श्वेता सिंह ने एक वीडियो शेयर कर सुशांत को इंसाफ दिलाने के साथ सीबीआई जांच की मांग की, जिसके बाद कई बॉलीवुड सितारों ने श्वेता का साथ देते हुए सोशल मीडिया पर एक मुहिम छेड़ दी है.

श्वेता सिंह के बाद बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत ने सुशांत सिंह राजपूत मामले में सीबीआई जांच की मांग उठाते हुए अपना एक वीडियो शेयर किया था. वहीं उनकी एक्स गर्लफ्रेंड अंकिता लोखंडे का भी इसी तरह का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें उन्होंने सुशांत को इंसाफ दिलाने की बात कही. अदाकारा ऋचा चड्ढा ने सुशांत सिंह राजपूत की याद में अपने ब्लॉग में बेहद कड़वी बात भी कह डाली. अब इस मुहिम में सीबीआई की मांग भी जोर पकड़ती जा रही है. मुहिम में कृति सेनन और वरुण धवन भी शामिल हो गए हैं. उन्होंने अपने इंस्टाग्राम स्टोरी में सुशांत को इंसाफ दिलाने और उनके मामले में सीबीआई जांच की मांग की है.
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मुंबई पुलिस भी रडार पर
मामले की जांच कर रही मुंबई पुलिस भी रडार पर आ गई है. सुशांत के पिता ने सुशांत की हत्या का संदेह बताते हुए पटना के पुलिस थाने में केस दर्ज कर जांच की मांग कर डाली. हाई प्रोफइल मामला होने के कारण बिहार पुलिस को भी हरकत में आना पड़ा. उसने जांच टीम मुंबई भेज दी. मुंबई पुलिस ने उनके जांच में न केवल अड़ंगे लगाए, बल्कि टीम के मुखिया के पीछे बीएमसी को लगा कर उन्हें 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन कर दिया. इससे मुंबई पुलिस की भूमिका विवादास्पद बन गई है.

असमंजस में मुंबई पुलिस
ताजा खबरों के अनुसार प्रारम्भिक नेपोटिज्म के आरोपों की ही छानबीन पर काम कर रही मुंबई पुलिस भी अब असमंजस में है. समझा जाता है कि इसमें कहीं कुछ ठोस नहीं मिल पाया है. सुसाइड की थ्योरी भी फेल हो चुकी है. अब उसके सामने भी ह्त्या की थ्योरी पर जांच का दवाब भी बढ़ने लगा है. महीने में किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी मुंबई पुलिस अब अपना मुंह चुराने की जुगत भिड़ाती है, अथवा हत्या की थ्योरी पर जांच की ओर कदम बढ़ाती है, इस ओर बॉलीवुड ही नहीं आम लोगों की नजर भी है. दूसरी ओर सीबीआई को जांच सौंपे जाने पर उठे विवाद का हल सुप्रीम कोर्ट क्या देगा, यह भी…  

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