राष्ट्रविरोधी का आरोपी संस्था को वैधता : फड़णवीस ने उठाए सवाल

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मुंबई : ‘जिस पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) संगठन के विरुद्ध कई राज्यों ने राष्ट्रविरोधी और समाज विरोधी कार्रवाई के कारण उसे प्रतिबंधित करने की कार्रवाई शुरू की है, उसी पीएफआई को मुंबई महापालिका ने कोरोना संक्रमित मृतकों के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी सौंप कर सरकार ने ऐसी राष्ट्रविरोधी संस्था को वैधता प्रदान किया है.’ यह आरोप आज यहां पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने लगाया.

मुंबई महानगर पालिका पीएफआई को मुंबई के कोरोना संक्रमित मृतकों को दफनाने की अनुमति दी है. महानगपालिका ने इस आशय का एक परिपत्र गत 18 मई को जारी किया है. इसी परिपत्र के साथ ट्वीट के जरिए पूर्व मुख्यमंत्री ने यह सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि जिस संथा पर राष्ट्रविरोधी और समाजविरोधी होने का ठप्पा लग चुका है, उसे इस प्रकार शासकीय वैधता कैसे दी जा सकती है.

उल्लेखनीय है की पीएफआई के विरुद्ध केरल, झारखंड, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश राज्य सरकारों ने प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई शुरू कर दी है. पीएफआई पर पिछले दिनों नई दिल्ली के शाहीन बाग सहित देश के अन्य राज्यों में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में धरना प्रदर्शन करने वालों की आर्थिक मदद करने और परोक्ष रूप से उस आंदोलन को चलाने का आरोप है. यह भी आरोप है कि इस संस्था ने फरवरी में दिल्ली में दंगा करने वालों की भी मदद की थी.

बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने पीएफआई के बैंक खातों की जांच कर संथा की राष्ट्रविरोधी कार्रवाइयों का पर्दाफास किया है. इसी आधार पर पीएफआई के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया जा रहा है. देवेंद्र फड़णवीस ने सवाल किया है कि ऐसी देश विरोधी संस्था को वैधता प्रदान करने में क्या राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की भी सहमति है?

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