राहुल द्रविड़ के साथ 4 करोड़ की ‘ठगी’

अधिक रिटर्न मिलने के आश्वासन पर 2014 में 20 करोड़ रुपए का उस कंपनी में निवेश किया था बेंगलुरु (बीबीसी) : भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने एक स्थानीय कंपनी विक्रम इन्वेस्टमेंट के खिलाफ उनसे चार करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने की शिकायत यहां सदाशिवनगर पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई है. पुलिस इंस्पेक्टर नवीन ने बताया कि द्रविड़ ने दो दिन पहले विक्रम इन्वेस्टमेंट कंपनी के खिलाफ 4 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने उस कंपनी में 20 करोड़ रुपए का निवेश किया था. अन्य खिलाड़ियों और नामी लोगों भी हुए हैं उसकी ठगी के शिकार बताया जाता है कि कई खिलाड़ियों और दूसरे नामी लोगों को भी इस कंपनी ने ठगा है. लेकिन द्रविड़ ऐसे पहले शख़्स हैं जिन्होंने इसकी शिकायत दर्ज कराई है. इन्हीं मामलों में कुछ हफ़्तों पहले पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ़्तार किया था. इनमें एक पूर्व खेल पत्रकार भी शामिल थे जिन पर विक्रम इन्वेस्टमेंट कंपनी के द्वारा कथित तौर पर कई लोगों को ठगने के आरोप हैं. नवीन ने कहा कि गिरफ़्तार किए गए लोगों में कंपनी के मालिक राघवेंद्र श्रीनाथ, एजेंट सुतराम सुरेश (पूर्व पत्रकार), नरसिम्हामूर्ति, के.सी. नागराज और प्राह्लाद नामक लोग शामिल हैं. द्रविड़ को उनके 16 करोड़ रुपए मिल गए, 4 करोड़ मिलने बाकी हैं द्रविड़ ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि उन्होंने अधिक रिटर्न मिलने के आश्वासन पर 2014 में 20 करोड़ रुपए का उस कंपनी में निवेश किया था, लेकिन प्रमुख निवेश का चार करोड़ उन्हें अभी तक वापस नहीं मिला है. पीआई नवीन ने बताया कि द्रविड़ को उनके 16 करोड़ रुपए मिल गए हैं, लेकिन उन्हें अभी भी 4 करोड़ मिलने बाकी हैं. क्रिकेटर ने इस मामले में संबंधित दस्तावेज़ जमा किए हैं. 5 लोगों के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई इस संबंध में शिकायत के बाद कंपनी और निवेशक पी.आर. बालाजी समेत पांच लोगों को खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. शिकायतकर्ता का आरोप है कि एजेंट ने जिंस व्यापार में गारंटी लाभ का आश्वासन दिया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. पुलिस का कहना है कि श्रीनाथ ने कंपनी बनाई थी और सुरेश समेत कुछ लोगों को एजेंट के रूप में नियुक्त किया था.

लगातार 29 मार्च से 1 अप्रैल तक 4 दिन बंद रहेंगे बैंक

नई दिल्ली : इस बार बैंकों सहित ग्राहकों पर भी बैंकिंग संबंधी सारे कार्य 29 मार्च से पहले ही निपटाने पड़ेंगे. क्योंकि इस बार 29 मार्च से 1 अप्रैल के बीच बैंक लगातार 4 दिन बंद रहने वाले हैं. हालांकि बैंक अपने स्टाफ को इन छुट्टियों में भी बुलाकर 31 मार्च तक अपनी फाइनेंशियल ईयर की क्‍लोजिंग की प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं. लेकिन आम ग्राहकों के लिए ये चार दिन कठिन गुजरेंगे. सरकारी विभागों और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को भी अपनी बैंकिंग जरूरतें और ईयर क्‍लोजिंग की प्रक्रिया जल्द ही निपटाने पड़ेंगे. वित्तीय वर्ष के अंत अर्थात 31 मार्च तक आम लोगों को और प्रतिष्ठानों को फाइनेंस, टैक्‍स और बैंकिंग से जुड़े बहुत से काम निपटाने होते हैं. साथ ही बैंकों के सामने भी अपना साल भर का लेखा-जोखा निपटाने का यही समय होता है. इसके चलते 31 मार्च के आसपास बैंकों में भारी भीड़ हो जाती है. इसलिए इस बार सभी को 29 मार्च से पूर्व ही बैंकिेंग से जुड़े काम निपटाने होंगे. लगातार 4 दिन इस कारण से बैंक रहेंगे बंद इस बार 29 मार्च से 1 अप्रैल के बीच दो दिन तो त्यौहारों की छुट्टियों में 29 मार्च को महावीर जयंती पर और 30 को गुड फ्राइडे पर बैंकों में और सरकारी विभागों व अन्य प्रतिष्ठानों में भी बंदी रहेगी. इसके बाद 31 मार्च को अंतिम शनिवार और 1 अप्रैल को रविवार के चलते बैंक बंद रहेंगे. ऐसे में सभी प्रतिष्ठानों और सामान्य लोगें को अपने बैंकिंग से संबंधित काम पहले ही निपटाने पड़ेंगे.

नए वेतन बोर्ड का गठन करने, पत्रकारों एवं गैर पत्रकारों को समुचित पेंशन देने...

ऑल इंडिया न्यूज पेपर एम्प्लॉइज फेडरेशन की कार्यसमिति की दो दिवसीय बैठक नागपुर में संपन्न जीवंत शरण नागपुर : ऑल इंडिया न्यूज पेपर एम्प्लॉइज फेडरेशन (एआईएनईएफ), दिल्ली की कार्यसमिति की दो दिवसीय बैठक में नए वेतन बोर्ड का गठन और पत्रकारों को पंद्रह हजार तथा गैर पत्रकारों को दस हजार रुपए मासिक पेंशन के लिए सरकार से चर्चा करने और संगठन की मजबूती के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया. अखबारी संस्थाओं द्वारा शोषण और दमन पर गहरी चिंता नागपुर के एमएलए हॉस्टल में 17 और18 मार्च, 2018 को सम्पन्न हुई फेडरेशन की इस बैठक में अन्य विभिन्न विषयों पर भी गहन मंथन किया गया. देश में पत्रकारों और गैरपत्रकारों के साथ अखबारी संस्थाओं द्वारा शोषण और दमन पर गहरी चिंता व्यक्त की गई. इस दिशा में केंद्र और राज्य सरकारों की निष्क्रियता के विरुद्ध एकजुट होकर संघर्ष के लिए भी तैयार रहने का संकल्प किया गया. इस बात पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई कि मजीठिया वेतन बोर्ड की सिफारिशों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा लागू करने के आदेश का भी अनेक अखबारी संगठनों ने पालन नहीं किया है और सरकार भी इसे लागू कराने में रुचि नहीं ले रही है. वेतन बोर्ड की स्थापना में हो रहे विलम्ब पर रोष उल्लेखनीय है कि 1960 में एआईएनईएफ की स्थापना के बाद देश के 35 ट्रेड यूनियन फेडरेशन से संलग्न हो चुके हैं. पालेकर, बछावत, मणिसाना और मजीठिया वेतन बोर्ड के गठन में फेडरेशन ने महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया है. फेडरेशन ने अगले वेतन बोर्ड की स्थापना में हो रहे विलम्ब पर गहरा रोष जताया है. साथ ही पत्रकारों एवं गैरपत्रकार कर्मचारियों को समुचित मासिक पेंशन निर्धारित करने के लिए भी प्रयास करने का निश्चय किया गया. देश के विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि शामिल फेडरेशन के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता एस.डी. ठाकुर के साथ गोपन नामपट्टू (केरल), वी. गोपालन, जी. भूपति (चेन्नई), उज्जवल सेन, एच. भट्टाचार्य, शांतनु रॉय (कोलकाता), शशि कुमार श्रीवास्तव (मुंबई), विष्णु दत्त शर्मा, मनोज कुमार जैन (दिल्ली) के अलावा असम के भी प्रतिनिधि बैठक में प्रमुख रूप से उपस्थित थे. फेडरेशन की सफलता के लिए नागपुर के अखबारों के श्रमिक संगठनों सहित अन्य संगठनों ने भी अथक प्रयास किया. स्वागत समिति के सचिव संजय येवले पाटिल और स्वागताध्यक्ष डॉ. विजय पवार के साथ नागपुर के अन्य संगठनों ने अपना बहुमूल्य योगदान दिया.

महाराष्ट्र : 33 जिला परिषदों में मई तक होंगी हजारों बहालियां

सभी जिलों से मांगी गई है जातीय संवर्ग सहित रिक्तियों की जानकारी अमरावती : महाराष्ट्र के 33 जिला परिषदों के विभिन्न पदों पर हजारों की संख्या में बहालियां होने की चर्चा है. आगामी चुनावों के मद्देनजर राज्य में हजारों युवकों को जिला परिषद के माध्यम से नौकरी देने के लिए राज्य शासन द्वारा प्रशासकीय स्तर पर कार्रवाई जारी है. यह नियुक्तियां आगामी मई महीने तक पूरी कर लिए जाने की संभावना है. जातीय संवर्ग सहित रिक्तियों की जानकारी सप्ताह भर में देनी है पता चला है कि राज्य शासन द्वारा अमरावती सहित इन सभी जिला परिषदों से एसटी, एससी, ओबीसी, ओपन सहित अन्य संवर्गों के लिए रिक्त पदों की पूरी विस्तृत जानकारी भेजने का निर्देश दिया गया है. अगले एक सप्ताह में राज्य शासन को सभी जिला परिषदों को यह जानकारी उपलब्ध कराना होगा. पता चला है कि सभी जिला परिषदों ने राज्य शासन को यह जानकारी भेजने के लिए जातीय संवर्ग सहित रिक्तियों की जानकारी जुटाने का काम शुरू कर दिया है. हजारों की संख्या में होगी बहाली इनके अंतर्गत अभियंता, विस्तार अधिकारी, कनिष्ठ-वरिष्ठ सहायक, लिपिक, चपरासी आदि पदों पर हजारों की संख्या में यह नियुक्तियां की जाएंगी. इसके लिए ऑनलाइन आवेदन मंगाए जाएंगे. राज्य शासन द्वारा एक साथ 33 जिला परिषदों के लिए इतनी बड़ी संख्या में नियुक्तियां राज्य में पहली बार की जाएंगी. एक से अधिक जिलों से आवेदन नहीं कर सकेगा उम्मीदवार बहालियों में किसी प्रकार का विघ्न अथवा विवाद न हो, इसके लिए भी सभी जिला परिषदों को पहले ही ताकीद कर दिया गया है. यह भी व्यवस्था की जा रही है कि प्रत्येक पद के लिए उम्मीदवार एक ही जिले से आवेदन कर सकेगा. एक उम्मीदवार एक से अधिक जिलों से आवेदन नहीं कर सकेगा. नियुक्ति प्रकिया को निर्दोष बनाने के लिए पूरे उपाय किए जा रहे हैं.

दिए की आग से जली पत्नी के बाद पति की भी मृत्यु

कोंढाली (संवाददाता) : स्थानीय पुलिस थाना अंतर्गत गोठणगांव में जलता दिया गिरने से जल गए दोनों पति-पत्नी की उपचार दरम्यान नागपुर के शासकीय मेडिकल हॉस्पीटल में उपचार के दौरान मृत्यु हो गई. कोंढाली से 30 कि.मी. दूर हिंगणा तहसील के अंतर्गत आनेवाले गोठणगांव में पिछले 3 मार्च की रात 8 बजे गांव की बिजली जाने से शेवंताबाई मनोहर युवनाते (60) ने चुल्हे पर रॉकेल का दिया लगाकर खाना पका रही थी. गलती से शेवंताबाई से रॉकेल के दिये धक्का को लग गया, फलस्वरूप जलता दिया तथा रॉकेल शेवंताबाई के लुगड़े पर गिर गया. चुल्हे की आग से लुगड़ा जलने लगा. शेवंताबाई को जलते देख पति मनोहर चंपतराव युवनाते बचाने को दौड़ा, पर जलती शेवंताबाई पति मनोहर से चिपक गई. इससे मनोहर भी आग की चपेट में आ गया और पत्नी के साथ उसके कपड़ों और शरीर में आग लग गई. उनकी चीख-पुकार सुन पहुंचे लोगों ने पति-पत्नी के शरार में लगी आग बुझाई और उन्हें उपचार के लिए अडेगांव प्राथमिक स्वास्थ केंद्र ले गए. अडेगांव प्राथमिक आरोग्य केंद्र के डॉक्टरो ने 85 फीसदी जली शेवंताबाई तथा 30 प्रतिशत जले मनोहर का प्राथमिक उपचार कर उन्हें नागपुर शासकीय मेडिकल हॉस्पीटल रेफर कर दिया. 3 मार्च की रात को ही उपचार के दौरान शेवंताबाई की मृत्यु हो गई तथा 15 मार्च की रात 12 बजे नागपुर शासकीय मेडिकल हॉस्पीटल के वार्ड क्रमांक-4 में मनोहर युवनाते की भी उपचार दरम्यान मृत्यु हो गई. कोंढाली के थानेदार पुरुषोत्तम अहेरकर के मार्गदर्शन मे हे.कॉ. किशोर लोही मामले की जांच कर रहे हैं.

पॉवर लिफ्टिंग, वेट लिफ्टिंग एवं बॉडी बिल्डिंग स्पर्द्धा में डब्ल्यूसीएल बना चैम्पियन

28वीं कोल इंडिया अंतर कंपनी स्पर्द्धा की मेजबानी डब्ल्यूसीएल ने की चंद्रपुर क्षेत्र के दुर्गापुर ऑडिटोरियम में नागपुर : 28वीं कोल इंडिया अंतर कम्पनी पॉवर लिफ्टिंग, वेट लिफ्टिंग एवं बॉडी बिल्डिंग स्पर्द्धा 2017-18 में डब्ल्यूसीएल 191 अंकों के साथ विनर अप (चैम्पियन) और एसईसीएल 171 अंकों के साथ रनर अप रहा. मिस्टर कोल इंडिया बने एमसीएल के एस.एन. नाथ एमसीएल के एस.एन. नाथ को मिस्टर कोल इंडिया चुना गया.कोल इंडिया की स्ट्रांग वीमेन का ख़िताब सीआईएल की श्रीमती सुमिता लाहा को और कोल इंडिया के स्ट्रांग मैन का ख़िताब एसईसीएल के बिजेंद्र सिंह, बेस्ट लिफ्टर ऑफ़ कोल इंडिया का ख़िताब डब्ल्यूसीएल के त्रिभुवन लाल को मिला. 14 से 16 मार्च तक चली स्पर्द्धा इसका आयोजन चंद्रपुर क्षेत्र के दुर्गापुर ऑडिटोरियम में विगत 14 से 16 मार्च तक आयोजित किया गया. प्रतियोगिता में कोल इंडिया सहित उसकी सभी अनुषंगी कंपनियों के अलावा एससीसीएल की टीमों ने हिस्सा लिया. डब्ल्यूसीएल के सीएमडी मिश्र ने किया पारितोषिक वितरण प्रतियोगिता का समापन एवं पारितोषिक वितरण शुक्रवार, 16 मार्च को डब्ल्यूसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक राजीव रंजन मिश्र के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ. इस अवसर पर उन्होंने सभी खिलाड़ियों के खेल प्रसंशा करते हुए इस बात की सराहना की की सभी खिलाड़ियों ने स्वस्थ्य तन एवं मन के साथ खेल को खेल भावना से खेला. उन्होंने कहा कि खेल एक अनुशासनात्मक प्रक्रिया है. इसके लिए शरीर, मस्तिष्क और आत्मा की एकात्मकता जरूरी है. उन्होंने नई प्रतिभाओं से भी आगे आने का आह्वान किया. डब्ल्यूसीएल के निदेशक (कार्मिक) डॉ. संजय कुमार ने भी प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया और शुभकामनाएं दी. कार्यक्रम में सभी का स्वागत क्षेत्रीय महाप्रबंधक ए.सी. सिंह ने किया. इस अवसर पर वेकोलि के निदेशक (तकनीकी) बी.के. मिश्रा, निदेशक (कार्मिक) डॉ. संजय कुमार, वेकोलि संचालन समिति / कल्याण मण्डल के सदस्य रमेश बल्लेवार, सी.जे. जोसफ, एस.एच. बेग, सुधीर गुरडे, कामेश्वर राय, वर्धा वैली के समस्त क्षेत्रीय महाप्रबंधक, अधिकारी एवं कर्मचारीगण विशेष रूप से उपस्थित थे. कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान गायन से हुआ.

खुद खुलासा किया अभिनेता इरफान ने अपनी बीमारी का

मुंबई : बहुत सारी अटकलों और अफवाहों के बीच बॉलीवुड अभिनेता इरफान खान ने खुद अपनी बीमारी का खुलासा कर दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि उन्हें न्यूरोइंडोक्राइन ट्यूमर है. ज्ञातव्य है कि कुछ दिन पहले इरफान ने सोशल मीडिया पर अपनी बीमारी को लेकर पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने रेयर डिजीज का जिक्र किया था. उनके इस पोस्ट के बाद उनके फैंस में बेचैनी बढ़ गई थी. इरफान ने इस पोस्ट में लिखा था कि कोई कयास न लगाएं, वह खुद इस बारे में जानकारी देंगे. आज उन्होंने पोस्ट करके इस बारे में जानकारी दे दी है. है क्या 'न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर'? 'न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर' को NET के नाम से भी जाना जाता है. दरअसल यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर के तंत्रिका कोशिकाओं के हार्मोन उत्पादन में असामान्य वृद्धि होती है. यह ट्यूमर शरीर की आंतों में शुरू होता है. आम तौर पर यह फेफड़ों और अग्नाशय में होता है. यह ट्यूमर गंभीर है या नहीं, यह इस बात पर निर्भर है कि यह किस स्टेज पर है. इसके अलावा इस पर भी निर्भर करता है कि यह शरीर के किस हिस्से में है और कितनी तेजी से बढ़ रहा है. यह शरीर के किसी एक हिस्से से अन्य हिस्से में भी आसानी से फैल सकता है.

ईपीएफओ पेंशनधारकों का न्यूनतम पेंशन हो सकता है दोगुना

नई दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के पेंशनधारकों को मिलने वाली न्यूनतम पेंशन राशि डबल हो सकती है. ईपीएफओ के तहत न्यूनतम मासिक पेंशन फिलहाल 1000 रुपए है. उसको दोगुना करके 2,000 रुपए करने की संभावना है. लेकिन इसके लिए अभी चुनावों तक थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है. इससे करीब 40 लाख पेंशनधारकों को फायदा होगा. इससे सरकार पर सालाना 3,000 करोड़ रुपए का बोझ बढ़ेगा. सुविज्ञ सूत्रों के अनुसार इस पर अंतिम फैसला अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले लिया जा सकता है. डबल होगा सरकार का बोझ मोदी सरकार ने 2014 में एक साल के लिए 1,000 रुपए मासिक की न्यूनतम पेंशन को मंजूरी दी थी और 2015 में इसे अनिश्चितकाल तक के लिए बढ़ा दिया था. न्यूनतम पेंशन के लिए सरकार सालाना 813 करोड़ रुपए का योगदान देती है. अगर इसका फायदा अभी 2,000 रुपए मासिक से कम पेंशन पाने वाले सभी लोगों को दिया गया तो सरकार का बोझ भी बढ़कर दोगुने से अधिक हो सकता है.

चारा घोटाले का चौथा मामला : आज आ सकता है फैसला, लालू-जगन्नाथ पर लटकी...

रांची : चारा घोटाला मामले में दुमका कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित फैसला आज आने की संभावना है. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में फैसले के लिए निर्धारित तिथि गुरुवार को फैसला टल गया था. लेकिन लालू प्रसाद यादव की ओर से आवेदन दिए जाने की वजह से फैसला टल गया था. चारा घोटाले के इस चौथे मामले के आरोपियों में बिहार के दो मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और जगन्नाथ मिश्र पर सजा की तलवार लटक रही है. हालांकि विशेष लोक अभियोजक राकेश प्रसाद ने अदालत में सीबीआई का पक्ष रखा है. उन्होंने लिखित रूप से अदालत को बताया है कि सुप्रीम कोर्ट ने 8 मई 2017 को नौ माह में सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया था, वह तिथि भी 6 फरवरी को पूरी हो गई है. उसे ध्यान में रखते हुए भी लालू प्रसाद का आवेदन विचारणीय नहीं है. इसके पूर्व लालू प्रसाद की ओर से उनके अधिवक्ता ने अदालत में आवेदन देकर अनुरोध किया कि उन्होंने बुधवार को तीन अधिकारियों को मामले में आरोपित किए जाने को लेकर आवेदन दिया है. इसमें बिहार के तत्कालीन एजी (एकाउंटेंट जनरल) पी.के. मुखोपाध्याय, डिप्टी एजी बी.एन. झा और एजी ऑफिस के तत्कालीन सीनियर डायरेक्टर जनरल प्रमोद कुमार के नाम शामिल हैं, जो चारा घोटाले में आरोपित किए जाने से संबंधित है. जब तक आवेदन पर सुनवाई और उस पर कोई आदेश नहीं आ जाता, तब तक फैसले को स्थगित रखा जाए.

कपास की रकम के लिए सगा भाई बना भाई का हत्यारा

चंद्रपुर : जिले के वरोरा तहसील के के शेगांव बु. में स्थित केम गांव में कपास की रकम के लिए दो सगे भाइयों के बीच विवाद में बुधवार, 14 मार्च को शाम 4 बजे पंढरी दादाजी बरडे ने खेत में काम कर रहे अपने भाई गुणवंत दादाजी बरडे की हत्या कर दी. यह सनसनीखेज घटना दोनों भाइयों के बीच कपास की फसल को लेकर विवाद से शुरू हुई और कत्ल की वारदात के साथ खत्म हुई. विवाद कपास बेचकर पूरी रकम हड़पने का आरोप पंढरी बरडे द्वारा गुणवंत पर लगाने के बाद गहराया. आरोपी पंढरी ने गुणवंत से पैसों की मांग की, लेकिन मृतक ने देने इंकार कर दिया. इसी बात पर दोनों के बीच झगड़ा बढ़ा और गुस्से में आकर गुणवंत के सिर पर पंढरी ने कुल्हाड़ी दे मारा. परिजनों ने जख्मी गुणवंत को तुरंत वरोरा के उप जिला अस्पताल पहुंचाया, लेकिन उसकी हालत गंभीर होने के कारण उसे चंद्रपुर जिला अस्पताल भेजा गया. अधिक गंभीर जख्म होने के कारण और ज्यादा खून बह जाने के कारण गुणवंत की मौत हो गई. घटना की जानकारी मिलते ही शेगांव बु. पुलिस स्टेशन के पीआई सुभाष बारसे ने शव का पंचनामा कर आरोपी गुणवंत को गिरफ्तार कर लिया है.