छत्रपति शिवाजी महाराज की छवि बिगाड़ने की कोशिश का कड़ा विरोध

मराठा सेवा संघ, जिजाऊ ब्रिगेड, संभाजी ब्रिगेड ने कलेक्टर के समक्ष दर्ज कराई शिकायत अमरावती : महाराष्ट्र में पांचवीं कक्षा के छात्रों के लिए बाजार में उपलब्ध हिंदी पाठ्यपुस्तक 'व्याकरण वाटिका 5' में छत्रपति शिवाजी महाराज को "शिवाजी वीर है, लेकिन बुद्धिमान नहीं" बता कर उनकी छवि बिगाड़ने का आरोप लगाया गया है. साथ ही अमरावती में इसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है. मराठी दैनिक "महाराष्ट्र टाइम्स" की खबर में बताया गया है कि यह पुस्तक नोएडा स्थित 'मधुबन प्रकाशन' ने प्रकाशित किया है और इसकी लेखिका डॉ. अनुराधा हैं. महाराष्ट्र के विभिन्न संगठनों ने पुस्तक पर शिवाजी महाराज का अपमान करने का आरोप लगते हुए प्रकाशक और लेखक पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है. मराठा सेवा संघ, जिजाऊ ब्रिगेड और संभाजी ब्रिगेड ने अपनी शिकायत में कहा है कि किताब में 'रचनात्मक गतिविधियां' परिच्छेद चार और पांच में शिवाजी महाराज के बारे में अपमानजनक और गलत बातें लिखी हुई हैं. दोनों संगठनों ने किताब में लिखी गईं पंक्तियों- "शिवाजी से भी बढ़कर नासमझ हो. शिवाजी वीर है, लेकिन बुद्धिमान नहीं" पर कड़ी आपत्ति जताई है. मराठा सेवा संघ, जिजाऊ ब्रिगेड और संभाजी ब्रिगेड की शिकायत के मुताबिक, यह शिवाजी महाराज की छवि को बिगाड़ने का प्रयास है. इससे हिंदू समाज की भावना को ठेस पहुंची है. मराठा सेवा संघ ने अमरावती के कलेक्टर को पत्र लिखकर पुस्तक प्रकाशित करनेवाली संस्था और लेखक के खिलाफ कारवाई की मांग की है. इन संगठनों का कहना है कि शिवाजी महाराज शूरवीर और बुद्धिमान थे, लेकिन उनकी छवि खराब करने के लिए लेखक ने जानबूझकर ऐसा लिखा है. शिकायतकर्ताओं की मांग है कि लेखक और प्रकाशक के खिलाफ कानूनी कारवाई की जाए और इसकी बिक्री पर रोक लगाने के साथ ही इसे पाठ्यक्रम में शामिल न किया जाए.

निष्पक्ष और निःशुल्क हो गई देश में इंटरनेट सेवा

बुधवार से ही हो गई लागू, नेट न्यूट्रैलिटी को मिली सरकार की मंजूरी नई दिल्ली : देश में अब बिना भेदभाव और रोकटोक के सभी के लिए इंटरनेट की उपलब्धता के लिए जारी संघर्ष सफल हो गया. सरकार ने देश में नेट न्यूट्रैलिटी (नेट निरपेक्षता) को मंजूरी दे दी है. इसके बाद इसमें किसी प्रकार के बदलाव या उल्लंघन पर भारी जुर्माने की चेतावनी भी दी गई है. रिमोट सर्जरी और स्वचालित कर जैसी कुछ महत्वपूर्ण सेवाओं को नेट निरपेक्षता नियमों के दायरे से बाहर रखा जाएगा। अब मोबाइल ऑपरेटर्स, इंटरनेट प्रवाइडर्स और सोशल मीडिया कंपनियां इंटरनेट पर कॉन्टेंट और स्पीड मामले में पक्षपात नहीं कर सकेंगी. इसके वे अलावा जीरो रेटेड प्लेटफॉर्म भी नहीं बना सकती हैं जहां, केवल चुनिंदा सर्विस और वेबसाइट ही फ्री करने की बात है. इंटर मिनिस्ट्रियल कमिशन की बैठक में मिली मंजूरी टेलिकॉम सचिव अरुणा सुंदरराजन ने बताया, 'बुधवार को इंटर मिनिस्ट्रियल कमिशन की बैठक में नेट न्यूट्रैलिटी को मंजूरी दी गई. यह तत्काल प्रभाव से लागू भी हो गया है.' उन्होंने बताया कि इस आदेश के बाद कोई भी ऑपरेटर, इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर इस क्षेत्र में अपना एकाधिकार स्थापित नहीं कर सकता है.

बीएसएनएनएल 25 से शुरू करेगी देश की पहली इंटरनेट टेलिफोन सुविधा

किसी भी नंबर पर कर सकेंगे असीमित कॉल, रजिस्ट्रेशन शुरू होगा एक-दो दिन में नई दिल्ली : सरकारी टेलिकॉम कंपनी बीएसएनएल (भारत संचार निगम लिमिटेड) देश की पहली इंटरनेट टेलिफोन सेवा 25 जुलाई से शुरू करने जा रही है. कंपनी ने इसकी घोषणा गुरुवार को की. इससे बीएसएनएल के यूजर्स को उसके ‘विंग्स’ मोबाइल ऐप से देश भर में किसी भी टेलीफोन नंबर पर या किसी अन्य कंपनी के वाई-फाई से देशभर में असीमित कॉल करने की सुविधा मिलेगी. यह सेवा यूजर्स को बिना सिम के कॉल करने की सुविधा देगी. इसका वार्षिक शुल्क 1,099 रुपए होगा. दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने किया सेवा का शुभारंभ अभी देश में मोबाइल ऐप पर कॉल करने की सुविधा किसी खास ऐप के जरिये ही मिल रही है. लेकिन अब इस ऐप से किसी भी फोन नंबर पर कॉल कर सकने की सुविधा होगी. इस सेवा का शुभारंभ करते हुए दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने बीएसएनएल के प्रबंधन को बधाई देते हुए कहा, 'मौजूदा प्रतिस्पर्धी माहौल में बीएसएनएल का बाजार में हिस्सेदारी बढ़ाना एक सराहनीय कार्य है.' कंपनी के अध्यक्ष सह प्रबंधनिदेशक अनुपम श्रीवास्तव ने कहा कि इसके लिए रजिस्ट्रेशन एक-दो दिन में शुरू कर दिया जाएगा और यह सेवा 25 जुलाई से लागू होगी. उन्होंने कहा कि इस सुविधा से विदेश में 'विंग्स' का इस्तेमाल करने वाले लोग भारत में किसी भी नंबर पर कॉल कर सकेंगे. इस ऐप का इंटरनेट के माध्यम से उपयोग कर दुनियाभर में कहीं भी कॉल की जा सकती है.

विदर्भ नदी की बाढ़ ने किनारा तोड़ घोंनसा कोयला खदान को किया तबाह

प्राणहानि नहीं हुई, किन्तु वेकोलि की करोड़ों की मशीन डूबी रवि लाखे वर्धा : वर्धा जिले के वनी तहसील में विदर्भ नदी अपना किनारा तोड़ता हुआ वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (वेकोलि) की ओपन कास्ट घोंनसा कोयला खदान को लबालब कर दिया। इससे हालांकि किसी की जान जाने की खबर तो नहीं है, लेकिन वेकोलि की कोयला खनन की कई भारी मशीन खदान में डूब गई. खबर लिखने तक वेकोलि प्रबंधन खदान में पानी से नुकसान का अनुमान लगाने में जुटा हुआ है. समझा जाता है कि वेकोलि को करोड़ों का नुकसान हुआ है. विदर्भ नदी के तीव्र बहाव के कारण कुछ ही देर में खदान पानी से लबालब भर गया. बताया जाता है की बारिश के कारण खदान में कोयला निकालने काम उस वक्त बंद था. इस कारण वहां कोई मौजूद नहीं था. इस कारण कोई प्राणहानि नहीं हुई. प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले दिनों ही घोंनसा ओपन कास्ट खदान के निकट के दो नालों फुलोरा और जगलोन के पानी का बहाव दूसरी तरफ मोड़ दिया गया था. किंतु विदर्भ नदी में पानी का स्तर बढ़ने के कारण खदान के पास छोटा बांध अथवा नदी का किनारा टूट गया और उफनती नदी का तेज भाव देखते-देखते पूरे खदान को लबालब कर डाला. स्थानीय लोगों के अनुसार नदी यदि अपना किनारा तोड़ कर घोंनसा खदान में नहीं घुसता तो आस-पास के घोंनसा, रासा, जगलोन, बोरडा आदि कुछ गांव उसकी चपेट में आ जाते और जान-माल का भारी नुकसान होता.

प्रकाश मेहाडिया बने ग्राहक कल्याण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष

मोटवानी, अश्विन मेहाडिया राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने, राष्ट्रीय प्रतिनिधि सभा में घोषणा नागपुर : अखिल भारतीय ग्राहक कल्याण परिषद की राष्ट्रीय प्रतिनिधि सभा में प्रकाश मेहाडिया को परिषद का राष्ट्र्रीय अध्यक्ष और प्रताप मोटवानी और अश्विनभाई मेहाडिया को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया. इससे पूर्व अश्विनभाई मेहाडिया और प्रताप मोटवानी क्रमशः परिषद के नागपुर यूनिट के अध्यक्ष और महासचिव रहे हैं. सुभाष अग्रवाल राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष बने देश के विभिन्न राज्यों से राष्ट्रीय प्रतिनिधि सभा में आए 100 से अधिक प्रतिनिधियों ने उनका चयन किया. इसकी घोषणा परिषद के प्रथम सत्र में राष्ट्रीय अध्यक्ष अधि. बी.जी. कुलकर्णी और राष्ट्रीय महासचिव देवेंद्र तिवारी ने की. इस अवसर पर परिषद् के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाष अग्रवाल को राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष बनाया गया. वजन में हेराफेरी करने व कनकी चावल पर दुबारा सेस का विरोध बाद में सभा में नवनियुक्त राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रताप मोटवानी ने सब्जी विक्रेताओं द्वारा वजन में हेराफेरी की शिकायतों से सभा को अवगत कराते हुए उनके विरुद्ध माप-तौल विभाग में शिकायत दर्ज कराने का प्रस्ताव रखा. उन्होंने कहा कि इससे आम ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी की जा रही है. साथ ही उन्होंने एपीएमसी में प्रोसेस्ड कनकी चावल में दुबारा मंडी सेस लगाए जाने की बात बताते हुए परिषद की ओर से विरोध दर्ज करने का भी प्रस्ताव किया. प्लास्टिक बंदी लागू करने का कड़ा विरोध राष्ट्रीय महासचिव देवेंद्र तिवारी ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा बिना कोई वैकल्पिक व्यवस्था किए प्लास्टिक बंदी लागू करने का कड़ा विरोध किया. उन्होंने कहा कि इसका कड़ा विरोध किया जाएगा. इसके लिए विरोध प्रस्ताव पारित किया गया. तिवारी ने घोषणा की कि नागपुर के रानी झांसी चौक पर धरना दिया जाएगा. सभा के अंत में देश के विभिन्न भागों से आए परिषद प्रतिनिधियों का पुष्पगुच्छ से स्वागत नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रकाश मेहाडिया ने किया और राष्ट्रीय प्रतिनिधि सभा में भाग लेकर उसे सफल बनाने के लिए उनका आभार माना.

महाराष्ट्र पुलिस को मिली फिटनेस की चुनौती

मनपसंद पोस्टिंग के लिए गणतंत्र दिवस पर देना होगा फिटनेस टेस्ट मुंबई : राज्य के कोल्हापुर रेंज से पुलिसवालों को फिजिकल फिट रहने के लिए प्रेरित करने की सोच के साथ महाराष्ट्र राज्य पुलिस विभाग ने अब काम शुरू कर दिया है. विभाग ने जनवरी 2019 तक वजन कम करने वाले पुलिसवालों को उनकी पसंद के स्थान की पोस्टिंग देने का फैसला किया है. कोल्हापुर रेंज के इंस्पेक्टर जनरल विश्वास नांगरे पाटिल के इस विचार को विभाग ने पूरे राज्य के लिए लागू करने का फैसला किया है. अगले गणतंत्र दिवस पर होगी अग्निपरीक्षा इसके लिए अगले वर्ष गणतंत्र दिवस, 26 जनवरी को एक मैराथन दौड़ कराई जाएगी, जिसके बाद तीन अलग-अलग उम्र के टॉप 25 लोगों को उनके मनपसंद स्थान की पोस्टिंग दी जाएगी. इसके तहत 25 अफसर, जो सबसे ज्यादा वजन घटाएंगे, उन्हें भी मनपसंद पोस्टिंग मिलेगी. ज्ञातव्य है कि फोर्स में आते समय तो सभी अफसर फिट होते हैं, लेकिन उम्र, काम और जिम्मेदारियों के कारण उनका फिजिकल फिटनेस और उनकी फिजिकल क्षमता पुलिस सेवा के लिए अनुपयोगी होती जाती है. अलग उम्र, अलग लक्ष्य कोल्हापुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक विश्वास नांगरे पाटिल ने अपने रेंज के 13,000 पुलिसकर्मियों के लिए यह चुनौती पेश कर दी है. रेंज में सोलापुर, पुणे, सतारा, सांगली और कोल्हापुर जिले आते हैं. मैराथन के लिए 40 साल से कम उम्र के पुलिसवालों को 21 किमी, 40-50 की उम्र वालों को 10 और 50 से अधिक उम्र के वालों को 5 किलोमीटर दौड़ने का लक्ष्य दिया गया है.

पुलिस अकेडमी : 122 आईपीएस ट्रेनी ऑफिसरों में से 119 फेल

भावी अफसरों के लिए पुलिस अकेडमी से पास होना होता है जरूरी नई दिल्ली : इंडियन पुलिस सर्विस (आईपीएस-भारतीय पुलिस सेवा) में चुने जाने के बाद सेवा देने के लिए जरूरी इम्तिहान देने हैदराबाद स्थित सरदार वल्ल्भभाई पटेल नेशनल पुलिस अकेडमी पहुंचे 122 ट्रेनी ऑफिसरों (प्रशिक्षु अफसर) में से 119 जरूरी परीक्षा में फेल हो गए. इस पुलिस अकेडमी से ग्रेजुएशन के दौरान इन भावी अफसरों के लिए इस परीक्षा में पास होना जरूरी होता है. अब उन्हें पास होने के लिए तीन मौके और दिए जाएंगे. फिलहाल इन्हें ग्रेजुएट घोषित कर दिया गया है हालांकि, फेल होने के बाद भी फिलहाल इन्हें ग्रेजुएट घोषित कर दिया गया है और अलग-अलग काडरों में प्रोबेशनर बना दिया गया है, लेकिन तीन प्रयासों में हर विषय में पास न कर पाने पर उन्हें सेवा से बाहर किया जा सकता है. फेल होने वाले विषयों में क़ानून की आईपीसी और सीपीसी उल्लेखनीय है कि इससे पहले साल 2016 में केवल दो आईपीएस अफसर अकेडमी से पास नहीं हो सके थे. इस साल फॉरन पुलिस फोर्स के मिला कर कुल 136 आईपीएस अफसरों में से 133 एक या एक से ज्यादा विषयों में फेल हुए हैं. इनमें इंडियन पीनल कोड (आईपीसी- भारतीय दंड संहिता) और क्रिमिनल प्रसीजर कोड (सीपीसी-दंड प्रक्रिया संहिता) विषय शामिल हैं. अकेडमी के इतिहास में पहली बार ऐसे परिणाम आश्चर्य की बात यह है कि फेल होने वाले अफसरों में वे अफसर भी शामिल हैं, जिन्हें अक्टूबर में हुई पासिंग आउट परेड में मेडल और ट्रॉफी मिले थे. उधर, फॉरन पुलिस फोर्स के सभी अफसर फेल हो गए हैं. एक प्रॉबेशनर ने बताया कि अफसर एक बार फिर परीक्षा में बैठेंगे. उन्होंने बताया कि अकेडमी के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ है. लोग परीक्षा में फेल होते हैं, लेकिन इस तरह से लगभग सभी का फेल होना बड़ी बात है. एक प्रॉबेशनर ने बताया कि ट्रेनिंग में मिले मार्क्स सीनियॉरिटी में जुड़ते हैं. फेल होने से सीनियॉरिटी कम हो जाती है. अकेडमी के एक अधिकारी ने बताया कि ऑफिसरों के फेल होने के बाद भी उन्हें ग्रेजुएट होने या फील्ड पर पोस्टिंग मिलने से रोका नहीं जा सकता.

आज रोकी गई अमरनाथ यात्रा, मोबाइल इंटरनेट सेवा सस्पेंड

मारे गए आतंकी बुरहान वानी की बरसी पर उत्पात की आशंका - कुलगाम में 3 पत्थरबाजों की मौत और बुरहान वानी की दूसरी बरसी के मद्देनजर घाटी में तनाव - अलगाववादियों ने कश्मीर घाटी में हड़ताल का किया है आह्वान - एहतियात के तौर पर समूची कश्मीर घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवा सस्पेंड - 8 जुलाई 2016 को मुठभेड़ में ढेर हुआ था हिज्बुल कमांडर बुरहान वानी जम्मू : आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की दूसरी बरसी पर कश्मीर घाटी में संवेदनशील जगहों पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है. अलगावादियों द्वारा बुलाई गई हड़ताल के मद्देनजर रविवार को एक दिन के लिए अमरनाथ यात्रा स्थगित कर दी गई है.जम्मू कश्मीर प्रशासन ने एहतियात के तौर पर कश्मीर घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवा भी सस्पेंड कर दी है. हालांकि बीएसएनएल की ब्रॉडबैंड सेवा पर कोई रोक नहीं है. यात्रियों की सुरक्षा और सुगमता शीर्ष प्राथमिकता राज्य के पुलिस महानिदेशक एस.पी. वैद ने कल शनिवार को अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा को अहम बताते हुए कहा, 'आपको पता है कि जम्मू कश्मीर में कानून-व्यवस्था की स्थिति अच्छी नहीं है और हमारा प्रयास तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करना है. कल (रविवार) आतंकियों की ओर से हड़ताल का आह्वान किया गया है, ऐसे में हमें यात्रा रोकनी पड़ रही है. हमारा कर्तव्य तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है.' वैद ने कहा, 'यात्रियों की सुरक्षा और सुगमता हमारी शीर्ष प्राथमिकता है .... मेरी तीर्थयात्रियों से अपील है कि उन्हें घाटी की (कानून-व्यवस्था की) स्थिति को ध्यान में रखकर हमारे साथ सहयोग करना चाहिए.' वे शनिवार को कठुआ गए और देशभर से इस अमरनाथ यात्रा के लिए आ रहे तीर्थयात्रियों के लिए किए गए इंतजामों की समीक्षा की. एक पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस महानिदेशक ने अन्य स्थानों के साथ जम्मू-कश्मीर में प्रवेश के लिए द्वार समझे जाने वाले लखनपुर रिसेप्शन सेंटर पर सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा की.

अश्म युगांतर : सतपुड़ा में 20 हजार वर्ष पुराने पाषाण युग का अध्ययन

'अरण्यगर्भ' के बाद डॉ. इंगोले की पाषाण युग पर शोधपूर्ण दूसरी पुस्तक 'अश्म युगांतर' अमरावती : देश-विदेश के प्रतिष्ठित अभियांत्रिकी शोध संस्थाओं से जुड़े और अभियांत्रिकी क्षेत्र में कुल 57 शोध कार्य कर चुके डॉ. विजय टी. इंगोले का निसर्ग-प्रेम उनकी कृति के माध्यम से एक बार फिर सामने आया है. अमरावती की प्रतिष्ठित अभियांत्रिकी शिक्षण संस्था डॉ. राजेंद्र गोड़े इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एन्ड रिसर्च के संचालक डॉ. इंगोले की 15 से 20 हजार वर्ष पूर्व के पाषाण युग के गुफा-चित्रों और अवशेषों की उनकी खोज पर आधारित सद्य प्रकाशित पुस्तक 'अश्म युगांतर' सामने आई है. इससे पूर्व डॉ. इंगोले ने अपने निसर्ग प्रेम का परिचय वन्य-प्राणियों और वन जीवन पर आधारित अपनी शोधपूर्ण पुस्तक 'अरण्यगर्भ' के रूप में दे चुके हैं. नितिन गड़करी ने किया विमोचन 'अश्म युगांतर' का विमोचन पिछले 30 जून को नागपुर में केंद्र सरकार के भूतल परिवहन एवं जहाजरानी, नदी विकास और गंगा शुद्धिकरण मंत्री नितिन गड़करी ने किया. उन्होंने डॉ. इंगोले के इन शोधकार्यों की भूरी-भूरी प्रसंशा की और उनका अभिनन्दन करते हुए उनकी इस पुस्तक को नई पीढ़ी के लिए प्रेरणादायी बताया. गड़करी ने कहा कि 2007 से लेकर 2011 तक सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला में शोध अभियान के दौरान पाषाण युग की 15 से 20 हजार वर्ष पुराने गुफा-चित्रों का और तत्कालीन आदिमानव के जान-जीवन का अध्ययन कर उन्हें लिपिबद्ध कर 'अश्म युगांतर' का रूप देने के कार्य को बहुत ही महत्वपूर्ण और प्रेरणादायी है. 26 जनवरी 2007 से शुरू किया शोध अभियान इस अवसर पर डॉ. इंगोले ने बताया कि अपना शोधकार्य उन्होंने अपने सहयोगी पद्माकर लाड, प्र.सु. हीरुरकर, डॉ. मनोहर खोड़े, शिरीष कुमार पाटिल और ज्ञानेष्वर दमाहे के साथ शुरू किया था. हमने 26 जनवरी 2007 को पहली बार अमरावती जिले के मोर्शी गांव से 20 किलोमीटर पर स्थित सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला के मुंगसादेव की पहाड़ी पर स्थित गुफा में अंकित गुफा-चित्रों से अपना शोधकार्य आरंभ किया और 2012 तक हम इस पर्वत श्रृंखला की विभिन्न पहाड़ी गुफाओं में जाकर पाषाण युग के गुफा-चित्रों और उस युग के अन्य अवशेषों की तलाश करते रहे. रॉक आर्ट सोसायटी ने जब प्रकाशित किया निबंध... उन्होंने बताया कि अपनी खोज पर आधारित मेरे निबंध को जब रॉक आर्ट सोसायटी ने मुहर लगाई, तब मेरा और मेरे साथियों का उत्साह इस दिशा में बढ़ता ही गया. हम इस विषय पर लगातार तीन वर्षों तक गहन शोध और डाक्यूमेंटेशन करते गए. डॉ. इंगोले ने इस अपने शोध अभियान के दौरान हुए अपने अनुभवों पर भी प्रकाश डाला. कार्यक्रम में प्रा. दिनेश सूर्यवंशी, प्रा. प्रदीप खेड़कर, डॉ. डी.टी. इंगोले, विद्याधर इंगोले, इंदिरा विजय इंगोले, प्र.सु. हीरुरकर, पद्माकर लाड, शिरीष कुमार पाटिल, डॉ. मनोहर खोड़े, पांडुरंग सालबर्डी आदि उपस्थित थे.

मुख्य सचिव सहित छह अधिकारियों के वेतन से प्रतिदिन 1 रुपए की कटौती का...

अनधिकृत धार्मिक स्थलों को हटाने को गंभीरता से नहीं लेने पर हाईकोर्ट के तेवर कड़े नागपुर : बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने राज्य के मुख्य सचिव, नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव, गृह विभाग के प्रधान सचिव, राजस्व विभाग के प्रधान सचिव, नागपुर सुधार प्रन्यास के सभापति और महापालिका आयुक्त के वेतन से प्रतिदिन एक रुपया की कटौती करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट दुबारा 31 जनवरी को दिया था आदेश न्यायमूर्ति भूषण धर्माधिकारी और जेड.ए. हक ने बार-बार निर्देश देने के बावजूद शहर के अनधिकृत धार्मिक स्थलों को हटाने को गंभीरता से नहीं लेने पर आज गुरुवार को यह आदेश सुनाया. उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 31 जनवरी को ही अनधिकृत धार्मिक स्थलों को हटाने का आदेश दिया था. इससे पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने 2009 में भी ऐसा ही आदेश दिया था. इस प्रकरण की अगली सुनवाई 19 जुलाई को होगी. इसी मामले में न्यायालय में मनोहर खोरगड़े व डॉ. गजानन झाड़े की जनहित याचिका लंबित है. याचिकाकर्ता की ओर से अधि. फिरदोस मिर्जा पैरवी कर रहे हैं. धार्मिक संस्थाओं की संस्था की अर्जी पेश दूसरी ओर धार्मिक स्थलों की संस्था ने हाईकोर्ट में अर्जी दी है कि महापालिका कर नागपुर सुधार प्रन्यास द्वारा धार्मिक स्थलों को हटाने का दिए गए नोटिस पर उनके द्वारा हमारी कोई सुनवाई नहीं की जा रही है.