रिश्वत नहीं दिया तो 10 हजार किलो चावल सहित ट्रक जब्त

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पुलिस उपायुक्त, कलमाना पुलिस निरीक्षक को हाई कोर्ट का समन

नागपुर : एक लाख रुपए की रिश्वत नहीं देने पर ट्रक समेत 10 हजार किलो चावल जब्त करने का गंभीर आरोप दो अनाज व्यापारियों ने कलमना पुलिस पर लगाया है. मुंबई हाई कोर्ट के नागपुर बेंच के समक्ष दायर याचिका में दोनों व्यापारियों ने यह भी बताया है कि अवैध रूप से जब्ती के कारण पुलिस चार महीने तक एफआईआर भी दर्ज नहीं कर पाई. 

इस याचिका पर मुंबई हाई कोर्ट के नागपुर बेंच ने शुक्रवार, 15 सितंबर को सुबह 10.30 बजे पुलिस उपायुक्त जोन-3 और कलमना वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक को कोर्ट में उपस्थित हो कर रिश्वत की मांग और चावल जब्त करने के आरोप पर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है. मामले की सुनवाई जस्टिस नितिन साम्ब्रे और जस्टिस वाल्मीकि मैनजेस के समक्ष हुई.

याचिकाकर्त्ता अनाज व्यापारियों के नाम नीलेश बावरिया और फैजल खान मुस्तफा खान हैं. उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर बताया कि अवैध रूप से चावल और ट्रक की जब्ती के कारण चार महीने तक कलमना पुलिस ने एफआईआर तक दर्ज नहीं कर पाई. दोनों व्यापारियों ने रिश्वत की मांग और चावल जब्त करने वाले दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कानून के मुताबिक सख्त कार्रवाई करने की मांग की है. 

इन व्यापारियों ने संबंधित चावल भारती ग्रुप को बेचा था. जब वह एक ट्रक में चावल भरकर बंजारा ले जा रहा था, कलमाना पुलिस ने ट्रक को रोक लिया और आवश्यक दस्तावेज मांगे. व्यापारियों ने दस्तावेज दिखाए. लेकिन पुलिस चावल भरे ट्रक को थाने ले गई और छोड़ने के लिए एक लाख रुपए रिश्वत की मांग रख दी. 

लेनदेन वैध होने के कारण व्यापारियों ने रिश्वत देने से इनकार कर दिया. नतीजतन पुलिस ने चावल समेत ट्रक को जब्त कर लिया. उसके बाद चार महीने तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई. याचिका में आरोप लगाया गया है कि तब तक चावल और ट्रक को पुलिस ने अवैध रूप से जब्त कर लिया था. याचिकाकर्ताओं की ओर से अधि. कौस्तुभ फुले ने पक्ष प्रस्तुत किया. 

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