नई दिल्ली : काले धन पर उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल (SIT) जल्द ही शीर्ष अदालत को अपनी आठवीं अंतरिम रिपोर्ट सौंपेगी. पैनल के उपाध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अरिजीत पसायत ने मंगलवार को कटक (ओडिशा) में बताया.
मई 2014 में सत्ता में आने के बाद, नरेंद्र मोदी सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार एसआईटी के पुनर्गठन को मंजूरी दी थी. पिछले नौ वर्षों में एसआईटी ने शीर्ष अदालत को सात अंतरिम रिपोर्ट सौंपी हैं.
न्यायमूर्ति पसायत ने देश में काले धन के सृजन का पता लगाने और उस पर अंकुश लगाने के संबंध में मंगलवार को यहां कटक (ओडिशा) स्थित अपने आवास पर केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक की.
आयकर, प्रवर्तन निदेशालय, सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड के अधिकारियों की दो घंटे से अधिक समय तक बैठक हुई, जिसमें प्रतिभागियों ने भारत और विदेशों में काले धन की उत्पत्ति का पता लगाने और उस पर अंकुश लगाने के लिए लागू किए जाने वाले तरीकों पर चर्चा की.
जस्टिस पसायत पैनल के उपाध्यक्ष हैं. पिछले नौ वर्षों में एसआईटी ने शीर्ष अदालत को सात अंतरिम रिपोर्ट सौंपी हैं. काले धन पर विशेष जांच दल (SIT) की नियुक्ति उच्चतम न्यायालय द्वारा मई 2014 में की गई थी. उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एम.बी. शाह एसआईटी के अध्यक्ष हैं.
इससे पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने काला धन मामले में एक उच्च स्तरीय विशेष जांच दल का गठन 4 जुलाई 2011 में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी.पी. जीवन रेड्डी की अध्यक्षता में किया था. विदेशी बैंकों में जमा काले धन की जांच और उसे लाने की कोशिशों पर इस दल को निगरानी करना था. न्यायमूर्ति रेड्डी इस जांच दल के अध्यक्ष थे. सुप्रीम कोर्ट के ही पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एम.बी. शाह तब विशेष जांच दल के उपाध्यक्ष बनाए गए थे.