हुंकार रैली : अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में देरी सहन नहीं

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संघ प्रमुख सहित साधु-संतों और विहिंप की ओर से सरकार को किया गया आगाह

नागपुर : विश्व हिन्दू परिषद की ओर से आज रविवार, 25 नवंबर को अयोध्या के साथ-साथ नागपुर में भी हुंकार रैली आयोजित की गई. रैली में वक्ताओं ने “हुंकार” भरते हुए केंद्र सरकार को यह सन्देश दिया कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और देरी अब सहन नहीं की जाएगी. रैली का आयोजन यहां क्रीड़ा चौक स्थित ईश्वर देशमुख शारीरिक शिक्षण महाविद्यालय के प्रांगण में किया गया था.
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भगवत ने कहा- सरकार सोचे…
रैली में और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने फिर दोहराया कि सरकार अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए क़ानून लाए. उन्होंने कहा, “सरकार सोचे कि मंदिर बनाने के लिए कानून कैसे आ सकता है.” कार्यक्रम में ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती, साध्वी ऋतम्भरा, देवनाथ मठ के जीतेन्द्रनाथ महाराज, विहिंप के कुमार और अनेक साधु-संत, समाज के प्रतिष्ठित नागरिक व जनप्रतिनधि भी उपस्थित थे.

उद्धव एक दिन पहले ही अलख जगा गए
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने भी कल शनिवार को सदल-बल पहुंचकर अयोध्या में ऐलान किया कि वे सरकार को कुम्भकर्णी निद्रा से जगाने यहां आए हैं. दूसरी ओर आज के विश्व हिंदू परिषद की धर्मसभा और हुंकार रैली के माध्यम से भी सरकार पर राम मंदिर निर्माण के लिए दवाब बनाने का कार्यक्रम संपन्न किया गया.
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सुप्रीम कोर्ट पर भी साधा निशाना
यहां नागपुर में संघ प्रमुख डॉ. भागवत ने राम मंदिर निर्माण के लिए सरकार पर दबाव बनाने कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी. उन्होंने विश्व हिंदू परिषद की हुंकार रैली को संबोधित करते हुए स्पष्ट रूप से कहा कि अब धैर्य रखने का नहीं, निर्णायक आंदोलन करने का वक्त आ गया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट पर भी निशाना साधते हुए कहा कि न्यायपूर्ण बात यही होगी कि जल्द मंदिर बने, लेकिन यह कोर्ट की प्राथमिकता में नहीं है तो सरकार सोचे कि मंदिर बनाने के लिए कानून कैसे आ सकता है.

उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की तिथि टालते हुए कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर सुनवाई उसकी प्राथमिकता में नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के इस स्टैंड पर संघ सहित सभी हिंदूवादी संगठओं में तीव्र प्रतिक्रिया हुई है. उसी का परिणाम है कि एक साथ अयोध्या और नागपुर सहित बंगलुरु में भी “हुंकार रैली” आयोजित किया गया.

दबाव आएगा तो सरकार को मंदिर बनाना होगा
संघ प्रमुख ने लोगों को आगाह करते हुए कहा, ‘लेकिन सावधान! यह अपनी मांग है. आज लड़ाई नहीं है, लेकिन अड़ना तो है. जन सामान्य तक यह बात पहुंचानी जरूरी है कि सरकार इसके लिए कानून बनाए और जनता का दबाव आएगा तो सरकार को मंदिर बनाना होगा.’

उन्होंने कहा कि फिर एक बार संपूर्ण भारतवर्ष को मंदिर के लिए खड़ा होना है, जो चित्र और मॉडल हमने सामने रखा है, उसी के हिसाब से मंदिर बनना चाहिए. देश में तबतक जागरण का काम चले, जब तक मंदिर निर्माण का काम शुरू न हो जाए.

संसद का संयुक्त सत्र बुलाएं प्रधानमंत्री
शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती मांग की कि प्रधानमंत्री संसद का संयुक्त सत्र बुलाएं. चुनाव की प्रतीक्षा न करें. अगर अध्यादेश पास हो जाता है तो मंदिर बनेगा, अध्यादेश गिर गया तो उन लोगों के चहरे बेनकाब होंगे जो इसके विरोध में हैं. दोनों की हालातों में सरकार आप की ही बनेगी.

प्रधानमंत्री संघ प्रमुख के आदेश का पालन करें
साध्वी ऋतम्भरा ने सीधे प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए कहा कि ठंड के मौसम में राम लाला ठिठुर रहे हैं. आप उन्हें टाट से निकालकर ठाठ के मंदिर में बैठा दो आप कालजयी हो जाओगे. घर का बुजुर्ग अगर कुछ कहता है तो वह आज्ञा होती है. संघ प्रमुख ने आप को यह आदेश दिया है. उसका पालन करें.

मंदिर निर्माण के लिए याचना नहीं, रण होगा
जितेन्द्रनाथ महाराज ने कहा कि अब मंदिर निर्माण के लिए याचना नहीं, रण होगा….अदालत से देरी हो रही है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के रवैये पर निशाना साधते हुए कहा, “कोर्ट के लिए देश है या देश के लिए कोर्ट! समलैंगिकता, शबरीमला, महिलाओं के विवाहेत्तर संबंध जैसे मामले अदालत की प्राथमिकता में हैं, करोड़ों जनता की भावना नहीं. राम मंदिर जन्मभूमि पर ही बनेगा सरकार इसके लिए व्यवस्था करे.”

कोर्ट के निर्णय पर हमें भरोसा है, लेकिन…
विश्व हिन्दू परिषद नेता आलोक कुमार ने कहा, “इस मुद्दे को जानबूझकर उलझाया जा रहा है. राम मंदिर जन्मभूमि पर दो मुकदमे चल रहे हैं. पिछले 29 अक्टूबर को सुनवाई हुई और इसे जनवरी तक के लिए टाल दिया गया. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर हमें भरोसा है, लेकिन सुनवाई होगी कब इस पर भरोसा नहीं.

उन्होंने कहा कि यही सरकार कई मसलों पर देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले को बदल चुकी है. एससी-एसटी एक्ट पर ऐसा ही हुआ था. पूर्व में भी ऐसा कई बार हो चुका है. सरकार इस पर अध्यादेश लाए. उन्होंने विश्वास जताया, “अन्य दलों से लोग इसके समर्थन में आएंगे. बड़े बहुमत से क़ानून पास होगा. विहिप देश की 543 संसदीय सीट पर सभा लेगी और हर सांसद को क़ानून के पक्ष में वोट डालने की अपील करेगी.”

पूरे विदर्भ से पहुंचे कार्यकर्ता
आज सुबह से ही यहां रैली के आयोजन स्थल क्रीड़ा चौक स्थित ईश्वर देशमुख शारीरिक शिक्षण महाविद्यालय में विहिंप, संघ और संघ सम्बद्ध संस्थाओं कार्यकर्ताओं सहित भाजपा के नेता और कार्यकर्ताओं का तांता लगना शुरू गया था. पूरे विदर्भ से विभिन्न वाहनों से हजारों की संख्या में लोगों का आगमन जारी रहा.

अगली “महाहुंकार रैली” 9 दिसंबर को नई दिल्ली में
पिछले 11 नवंबर को ही रेशिमबाग स्थित संघ मुख्यालय के महर्षि सभागृह में हुंकार रैली की रूपरेखा तय की गई थी. नागपुर की संघभूमि में होने वाली हुंकार सभा में नागपुर सहित 6 संसदीय क्षेत्रों से करीब 80 हजार संघ और भाजपा से संबद्ध सभी संगठनों के कार्यकर्ता शामिल करने की योजना बनी थी. आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी भाजपा विधायकों और स्थानीय स्वराज संस्था के जनप्रतिनिधियों को जिम्मेदारी सौंपी गई थी. अब अगली “महाहुंकार रैली” आगामी 9 दिसंबर को नई दिल्ली में होनी है.

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