नागपुर : 62वें धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस की तैयारी यहां दीक्षाभूमि पर पूरी हो गई है. धम्मचक्र प्रवर्तन का मुख्य कार्यक्रम गुरुवार, 18 अक्टूबर को शाम 6 बजे होगा. इस कार्यक्रम में भाग लेने देश-विदेश से आने वाले लाखों बौध और बाबा साहब आंबेडकर के अनुयायियों के लिए दीक्षाभूमि पर तैयारी पूरी कर ली गई है.
सम्पूर्ण महाराष्ट्र और आस-पास के राज्यों से भारी संख्या में लोगों का नागपुर पहुंचना जारी है. 62 वर्ष पूर्व नागपुर के इसी भूभाग पर स्व. डॉ. बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने लाखों निम्न जाति के समझे जाने वाले अपने अनुयायियों को विजयादशमी के दिन बौद्ध धर्म की दीक्षा दिलाई थी. तब से प्रत्येक वर्ष इसी विजयादशमी के दिन धम्मचक्र प्रवर्तन दिन का आयोजन यहां किया जाता है और इस स्थल का नामकरण दीक्षाभूमि किया गया है. इस ऐतिहासिक स्थल पर विशाल मनोहर स्तूप का निर्माण हुआ है, जिसके गर्भगृह में भगवान बुद्ध के प्रतिमा स्थापित है.
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्मारक समिति दीक्षाभूमि के अध्यक्ष भदंत आर्य नागार्जुन सुरेई ससाई की अध्यक्षता में गुरुवार की शाम होने वाले मुख्य कार्यक्रम में राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस, केंद्रीय भूतल परिवहन, जहाजरानी और जलसंपदा मंत्री नितिन गड़करी, केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्यमंत्री रामदास आठवले, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डॉ. जी. परमेश्वरा, नागपुर के पालक मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, सामाजिक न्याय मंत्री राजकुमार बडोले और महापौर नंदा जिचकार प्रमुख अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे.
स्मारक समिति के सचिव सदानंद फुलझेले के मार्गदर्शन में सदस्य विलास गजघाटे, एन.आर. सुटे, डॉ. सुधीर फुलझेले आदि की देखरेख में यह मुख्य कार्यक्रम संपन्न होगा.