देश के लोकतंत्र पर पूंजीपति काबिज : वाजपेयी

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17वें रुईकर स्मृति व्याख्यान में वरिष्ठ पत्रकार पुण्यप्रसून का प्रतिपादन

जीवंत शरण,
नागपुर :
‘हमारे लोकतंत्र और संविधान पर अब बड़े पूंजीपतियों का वर्चस्व हो गया है. इसकी कमान अब उनके हाथों में है. अब हमारे लोकतंत्र को चलाने के लिए इन्हीं कारपोरेट घरानों द्वारा भारी धन खर्च किए जा रहे हैं.’ यह प्रतिपादन यहां वरिष्ठ पत्रकार पुण्यप्रसून वाजपेयी ने की. वे यहां दीक्षाभूमि स्थित आम्बेडकर महाविद्यालय के सभागार में आयोजित “कामगार केसरी रुईकर स्मृति व्याख्यान “भारतीय लोकशाही : दशा व दिशा” के अंतर्गत अपने विचार व्यक्त कर रहे थे.

लूट रहे हैं मल्टीनेशनल…
आर.एस. रुईकर इंस्टीच्यूट ऑफ लेबर एन्ड कल्चरल स्टडीज, नागपुर और अन्य सामाजिक संस्थाओं द्वारा आयोजित कार्यक्रम में वाजपेयी ने कहा कि देश की खुली अर्थव्यवस्था में भारी संख्या में मल्टीनेशनल सक्रीय हैं. विदेशों में अपने व्यवसाय के माध्यम से जो भी पैसा यहां लगा रहे हैं, उसका कई गुना ने यहां से लूट कर ले जा रहे हैं. उन्होंने आंकड़ों के हवाले से बताया कि पिछले दस वर्षों में मल्टीनेशन्स 50 लाख करोड़ रुपए से अधिक धन लूट कर अपने देश ले गए हैं.

राजनीतिक दल सबसे बड़े रोजगारदाता…
उन्होंने कहा कि लोगों को लगता है कि देश में रेलवे सबसे बड़ा रोजगारदाता है, लेकिन आपको जान कर आश्चर्य होगा कि राजनीति के क्षेत्र में पार्टियां सबसे बड़ी रोजगारदाता बन गई हैं. लोकसभा और विधानसभा चुनावों के मात्र 40 दिनों के प्राचार्य कार्य में राजनीतिक दल लाखों बेरोजगारों को करोड़ों रुपए देती हैं. पार्टियां 500 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से प्रति कार्यकर्ता 20 हजार रुपए खर्च कर रही हैं. अकेले भाजपा विभिन्न चुनावों में 6 हजार करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है. इसमें से अधिकांश राशि पूंजीपतियों और मल्टीनेशनल्स के पास से इन्हें मिल रही है.

पेट्रोल-डीजल के सेस से 4 लाख करोड़ की कमाई और…
उन्होंने बताया कि 2014 से 2018 तक पेट्रोल-डीजल की कीमतें तेजी से बड़ी हैं. 2015-16 में इससे 14 हजार 56 करोड़ रुपए सेस के रूप में देश की जनता से वसूले गए. इसी तरह पिछले तीन वर्षों में देश की जनता ने पेट्रोल-डीजल के सेस के रूप में सरकार को 4 लाख करोड़ सरकार को दिए हैं. इनमें से सरकार ने 2 लाख 30 हजार करोड़ रुपए विकास कार्यों पर खर्च किए और बाकी की राशि राजनीति, प्रचार और विदेश दौरों पर खर्च किए गए हैं.

लोकसभा में 171, राज्यसभा में 51 दागी…
लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में गंभीर अपराध करने वाले लोग जनप्रतिनिधि के रूप में बैठे हैं. वाजपेयी ने बताया कि लोकसभा में 171 सदस्यों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. राजयसभा में 51 सदस्य दागी हैं. इनमें से 114 पर ऐसे-ऐसे गंभीर हैं, जिनमें उन्हें कम से कम 5 वर्षों की सजा हो सकती है.

महाराष्ट्र विधानसभा में सर्वाधिक दागी विधायक
इसी तरह विधानसभाओं के 4500 विधायकों में से 1355 विधायक दागी हैं. उन्होंने बताया कि राज्यों सर्वाधिक दागी विधायक महाराष्ट्र विधानसभा में हैं. महाराष्ट्र के कुल 282 में से 160 विधायक दागी हैं. जबकि 111 विधायकों पर गंभीर मामले दर्ज हैं. महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा के सर्वाधिक 107 विधायक हैं और दूसरे नंबर पर उसकी सहयोगी पार्टी शिवसेना है. दोनों पार्टियों में सर्वाधिक दागी विधायक हैं.

कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. श्रीनिवास खांदेवाले ने की. प्रमुख अतिथि के रूप में रुईकर इंस्टीच्यूट के आर.एन. पाटने, राष्ट्रभाषा परिवार के सुरेश अग्रवाल, शहीद भगत सिंह विचार मंच के गुरुप्रीत सिंह और पीपल फॉर इंडिया फोरम के ए.जी. डोकपांडे उपस्थित थे. इस अवसर पर भारी संख्या में विभिन्न सहयोगी संगठनों के सदसयगण और आमंत्रित भी उपस्थित थे.

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