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स्कूल बेच कर भागने की फिराक में हैं बड़े स्कूलों के संचालक

नागपुर
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विदर्भ पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप अग्रवाल का आरोप, CAG से जांच की मांग

नागपुर : नागपुर शहर के निजी क्षेत्र के बड़े स्कूल के संचालक अपनी स्कूलें बेचकर विदेश भागने की फिराक में हैं. यह बड़ा खुलासा विदर्भ पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप अग्रवाल ने किया है. उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री से मांग की है कि इन बड़े निजी स्कूलों की जांच CAG से कराएं.
एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर उन्होंने आरोप लगाया है कि शहर की कई बड़े स्कूलों के संचालक अपनी स्कूल बेचकर विदेश भागने की तैयारी कर रहे हैं. अग्रवाल ने बताया है कि पिछले साल जब एसोसिएशन ने ‘नो स्कूल नो फीस’ की मुहिम शहर में चालू की थी, उस समय से ही शहर की सभी स्कूलों का काला चिट्ठा खुलने लगा था और देखते ही देखते यह पूरे देश में ‘नो स्कूल नो फीस’ की मांग उठने लगी और पालक इसके लिए अपनी आवाज बुलंद करने लगे थे.

अग्रवाल का आरोप है कि शासन और प्रशासन की ओर से सकारात्मक कदम नहीं उठाने के कारण पालकों को न्याय मिलने में देरी हो रही है लेकिन पालकों के बढ़ते दबाव के कारण शासन और प्रशासन को न चाहते हुए भी कार्रवाई करनी पड़ रही है. पूरे महाराष्ट्र में लगभग 95 फीसदी स्कूलों ने फर्जी पालक-टीचर एसोसिएशन (PTA) बनाकर पालकों को पिछले 10 सालो में केवल लूटा है.

अग्रवाल ने बताया कि विदर्भ पेरेंट्स एसोसिएशन की मांग पर ही शिक्षा राज्यमंत्री बच्चू कडू ने 10 स्कूलों पर जांच बैठाई थी. जिसके बाद यह पता चला कि नागपुर शहर के अनेक प्रतिष्ठित स्कूलों ने पालकों से करोड़ों रुपए की ठगी की है. उन्होंने मुख्यमंत्री को भी निवेदन दिया है कि प्रदेश की सभी स्कूल की CAG द्वारा जांच कराई जाए.

उन्होंने कहा कि ठगी पर खड़ी की गई अपनी बुनियाद कमजोर होता देख शहर की कई स्कूल संचालक अब अपना स्कूल बेचकर विदेश भागने की तैयारी में लगे हैं. क्योंकि उन्हें डर है कि उनकी ठगी को लेकर उन पर अगर कार्रवाई हो गई तो उन्हें पालकों को करोड़ों रुपइ लौटाने होंगे. अग्रवाल ने आरोप लगाया कि अब बचने के लिए कानूनों की धज्जियां उड़ाते हुए स्कूल संचालक इस प्रकार के बिक्री के सौदे को अंजाम देने में जुटे हैं.

अग्रवाल ने बताया अधिकांश स्कूल धर्मादाय आयुक्त में पंजीकृत हैं और संचालकों को बिना धर्मादाय आयुक्त के अनुमति के अपने स्कूल बेचने का अधिकार नहीं है. प्राप्त सूचनाओं के अनुसार यह भी पता लगा है कि धर्मादाय आयुक्त में संस्था के संचालक बदल कर भी बेचने की कोशिश चालू है, जो पूरी तरह गैर क़ानूनी है.

अग्रवाल ने धर्मादाय आयुक्त से मांग की है कि शहर की किसी भी स्कूल को बेचने के लिए या संचालक मंडल बदलने के लिए कोई भी निवेदन आता है तो उसे स्वीकार न किया जाए. उन्होंने बताया कि अब बहुत जल्द फर्जी PTA की भी जांच होने वाली है और इनके ऊपर करोड़ों रुपए की सरकारी देनदारी भी निकलने वाली है. इसलिए इस प्रकार संचालकों की किसी भी अर्जी पर विचार ना किया जाए.

अग्रवाल ने इन सौदों में करोड़ों रुपए के काले धन का लेनदेन की आशंका भी जताई है. उन्होंने इसकी भी जांच ED द्वारा कराने की मांग की है. अग्रवाल ने सभी स्कूल संचालकों को चेतावनी दी है कि वे बिना पालकों की अनुमति के स्कूल बेचने या उसका सौदा करने की कोशिश न करें.

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