नीरज के विक्रम से गूंज रहा है “मोटू और पतलू की जोड़ी” का डंका

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'मोटू और पतलू' टी.वी. सीरियल के निर्देशक नीरज विक्रम इनसेट में.

रायपुर (छत्तीसगढ़) : बच्चों का पसंदीदा टी.वी. कार्टून सीरियल “मोटू और पतलू की जोड़ी…” की गूंज अब बड़ों के बीच भी खासा लोकप्रिय हो गया है. इस कार्टून सीरियल की दीवानगी ऐसी है कि बाजार में खिलौने तक मोटू-पतलू के नाम से खूब बिकते हैं क्योंकि ये बच्चों को खूब भाते हैं.

मोटू और पतलू सीरियल के निर्देशक नीरज विक्रम ने बताया कि उन्होंने कॉमिक्स की कहानी में थोड़ा बदलाव कर इसमें इस्पैक्टर चिंगम और डॉ. झटका का किरदार डाला, जो कहानी में रोमांच के साथ इसे मजेदार बनाने में बड़ा मददगार हुआ है. यह बच्चों से लेकर बड़ों को भी पसंद आ रहा है.

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के सिविल लाइन के रहने वाले नीरज ने दोनों ही कार्टून किरदारों की कहानी फिर से लिखीं. इसके साथ ही कार्टून सीरियल की दुनिया में मोटू-पतलू अपना परचम लहरा रहा है.

1975 के दशक में आई केतन पांडेय की कामिक्स मोटू-पतलू को टीवी के परदे तक रायपुर के नीरज विक्रम ने ही पहुंचाया. 20 साल के कॅरियर में नीरज विक्रम ने बच्चों से जुड़ी कहानियां भी लिखीं हैं. उनका मानना है कि बच्चों के मनोरंजन के लिए बच्चों की स्वस्थ कहानियां उनके मानसिक विकास में भी सहायक होती हैं.

छत्तीसगढ़ कॉलेज के लॉ के छात्र नीरज विक्रम ने वकालत का कोर्स तो कर लिया, लेकिन फिल्मी दुनिया से लगाव उन्हें मुंबई खींच लाया. वहां पहुंच कर उन्होंने कई स्टोरी लिखीं. इसमें शाका-लका बूम-बूम, सोनपरी जैसी बच्चों से जुड़ी कहानियां लिखीं. लेकिन सर्वाधिक सफलता मिली ‘मोटू और पतलू’ से.

(इनपुट-‘नई दुनिया’ से)

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