इंडोनेशिया में भूकंप और सूनामी के चलते करीब 400 लोगों की मौत

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जकार्ता : इंडोनेशिया में शुक्रवार, 28 सितंबर को आए भूकंप और सूनामी के कारण अबतक लोगों की मौत का आंकड़ा 384 पहुंच चुका है, वहीं इस तबाही से करीब 540 लोग जख्मी हैं और सैंकड़ों लोग लापता हैं.

अंतर्राष्ट्रीय समाचार सूत्रों के हवाले से और मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि भयंकर भूकंप और सूनामी की चपेट में आए लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. वहां के अस्पताल घायलों और उन्हें देखनेवाले लोगों से पूरे भर चुके हैं. प्राप्त खबरों के अनुसार शु्क्रवार को आए भूकंप का केंद्र पालू शहर से 78 किलोमीटर की दूरी पर था.

भूकंप की तीव्रता 7.5 थी
अमेरिकी भूगर्भ सर्वे के अनुसार शुक्रवार को मध्य सुलावेसी के डोंग्गाला कस्बे में आए इस भूकंप की तीव्रता 7.5 थी. यह तीव्रता इस साल की शुरुआत में लोमबोक द्वीप में आए भूकंप से कहीं अधिक थी, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए थे. इंडोनेशिया की भौगोलिक स्थिति के कारण वहां भूकंप का खतरा हरदम बना रहता रहता है. दिसंबर 2004 में पश्चिमी इंडोनेशिया के सुमात्रा में 9.3 तीव्रता का भूकंप आया था. इसके कारण आई सूनामी के कारण हिंद महासागर क्षेत्र के कई देशों में 2,20,000 लोग मारे गए थे.

घायलों की खुले में हो रहा उपचार
भूकंप के बाद पालू के अस्पतालों में इस समय घायलों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि बहुत से लोगों का उपचार खुले में किया जा रहा है. इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो के हवाले से बताया गया कि त्रासदी वाली जगह पर मदद के लिए सेना को बुलाया गया है. खबरों के मुताबिक, इस तबाही में हजारों घर और अन्य इमारतों को नुकसान पहुंचा है, जिसमें एक 80 कमरों वाला होटेल भी शामिल है. इसके अलावा कुछ मस्जिदों, शॉपिंग मॉल्स आदि के गिरने की भी खबर है. सावधानी बरतते हुए पालू एयरपोर्ट को शनिवार शाम तक बंद रखने का आदेश भी दिया गया था.

1.5 मीटर (पांच फुट) ऊंची लहरें उठीं
करीब साढ़े तीन लाख की आबादी वाले शहर पालू में शुक्रवार को सुनामी की 1.5 मीटर (पांच फुट) ऊंची लहरें उठी थीं. कई लोगों के शव समुद्र तट पर नजर आए. आपदा एजेंसी ने बताया कि उस रात वहां समुद्र तट पर कोई जश्न होना था और लोग उसी की तैयारियों में लगे थे. फिलहाल वहां और शवों की तलाश जारी है. एक व्यक्ति को समुद्र तट के पास एक छोटे बच्चे का रेत से सना शव निकालते देखा भी गया था.

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