बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से नुकसान ने बढ़ाया किसानों का तापमान

नागपुर संभाग विदर्भ
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नागपुर जिले के 276 गांवों की 102,60 हेक्टर खेती की फसलों का नुकसान

नागपुर : बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से नागपुर जिले के करीब 102,60 हेक्टर की फसलों का नुकसान है. प्राप्त जानकारी के अनुसार शासकीय अधिकारियों ने नुकसान का सर्वेक्षण करना शुरू कर दिया है. उनकी पूरी रिपोर्ट मिलने पर ही सरकार को नुकसान की सही जानकारी हो पाएगी. किन्तु जिले में फसलों के नुकसान के बावजूद किसानों की नाराजगी का तापमान इतना अधिक बढ़ा कि ऐन शिवरात्रि के दिन किसान सड़कों पर उतर आए और बारिश व ओलावृष्टि की ठण्ड उसके आगे फेल हो गई.

276 गांवों के किसानों को भारी नुकसान

चार दिनों पूर्व राज्य में बेमौसम बारिश व भारी ओलावृष्टि पूरे विदर्भ सहित नागपुर जिले के काटोल, नरखेड़, रामटेक, मौदा के अनेक गांवों के लगभग 10,260 हेक्टर पर लगे गेहूं, चना,आदि फसलों सहित संतरा, मोसंबी, केला, आम आदि के फल बागों को भारी नुकसान पहुंचा गया है. लगभग 276 गांवों के किसानों को भारी नुकसान हुआ है.

नाराज किसानों ने किया नागपुर-अमरावती महामार्ग जाम

कोंढाली के हमारे संवाददाता ब्रजेश तिवारी की रिपोर्ट के अनुसार क्षेत्र के खापरी, चंदनपार्डी, जुनापानी, खुर्सापार आदि गांवों में 11 को एवं 12 फरवरी की शाम 6 बजे भारी ओलावृष्टि हुई. किसानों ने ओलावृष्टि से नुकसान का उचित मुआवजा तथा मुख्यमंत्री द्वारा नुकसान का जायजा कराने की मांग को लेकर मंगलवार, 13 फरवरी की सुबह 8 बजे से नागपुर-अमरावती महामार्ग पर खापरी फाटे के पास टायर जलाकर चक्का जाम आदोलन शुरू कर दिया. महामार्ग एक घंटा यातायात ठप हो गया तथा हजारों वाहनों की कतार महामार्ग के दोनों ओर लग गई.

नाराज किसानों के साथ विदायक आशीष देशमुख.

इस बीच काटोल के विधायक डॉ. आशीष देशमुख अधिकारियों के जांच दल के साथ खापरी पहुंचे. वहां से वे चंदनपार्डी भी गए. इसी दौरान खापरी के उत्तेजित किसानों ने सरकार के तथा मुख्यमंत्री के खिलाफ भारी नाराजगी जताते हुए राजमार्ग पर भी चक्का जाम आंदोलन शुरू कर दिया. विधायक के समक्ष किसानों ने राजमार्ग के बीचों बीच टायर जलाकर राजमार्ग अवरुद्ध कर दिया.

आंदोलनकारी किसानों को एसडीओ प्रशांत ठाकरे, तहसीलदार प्रसाद मते तथा थानेदार पुरुषोत्तम अहिरकर ने समझाने की कोशिश की. किसानों देखते हुए विधायक डॉ. आशीष देशमुख भी मुख्यमंत्री को बुलाने पर अड़ गए. कोंढाली के थानेदार पुरुषोत्तम अहिरकर तथा नागपुर जिला ग्रामिण कांग्रेस के उपाध्यक्ष सतीश चव्हाण ने उग्र किसानों को बहुत समझाया तब राष्ट्रीय महामार्ग पर एक घंटा बाद यातायात फिर शुरू हो सका.

ओलावृष्टि से नष्ट संतरे तथा खापरी के किसान शेषराव डोंगरे तथा उनका नष्ट हुआ पॉलीहास.

हेटीकुंडी फाटा पर भी चक्का जाम

लेकिन दूसरी ओर खापरी से 4 कि.मी. दूर वर्धा जिले के हेटीकुंडी फाटा पर भी किसानों ने चक्का जाम कर दिया. फलस्वरूप दोपहर 2 बजे तक महामार्ग पर यातायात ठप रहा. 20 कि.मी दूरी तक वाहनों की कतार लग गई. हजारों वाहन चालक तथा यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. कोंढाली पुलिस ने इस चक्का जाम आंदोलन के मामले में काटोल के विधायक डॉ.आशीष देशमुख तथा अन्य 30 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

ओलावृष्टि से शत-प्रतिशत नुकसान का किसानों का दावा

खापरी गांव के सभी किसानों के सभी प्रकार की फसलों का 100 प्रतिशत नुकसान की जानकारी किसानों ने दी. शेषराव डोंगरे के परिवार के खेती में टमाटर गेहूं, चना, संतरा की अंबिया तथा मृग बहार दोनों फसलें चौपट हुईं. इसमें अकेले शेषराव डोंगरे परिवार, जिसने बैंक से 50 लाख रुपए कर्ज लेकर पॉलीहाऊस बनवाया तथा फसलों पर खर्च किया, वह सभी भारी ओलावृष्टि की भेंट चढ गया और अंदाजन 85 लाख की क्षति हुई. इसीप्रकार राजू गोरे, महेश किनकर, दिलीप काले, महेश किनकर, श्रीमती शीला बबनराव देशमुख, उत्तम काले, गुणवंत खवसे, रवि गुंड, साहेबराव कालभूत, नागोराव हिंगवे, विजय गाखरे, मुरलीधर साठे के साथ-साथ खापरी, चंदनपार्डी, जुनापानी, जामगढ़, हेटी, चिचोली, अहमदनगर, खुर्सापार, धामनगांव, खैरी में भी भारी ओलावृष्टि से फसलों की भारी क्षति हुई है.

संतरा व्यापारी भी पड़े संकट में

कोंढाली के संतरा व्यापारियों ने अपनी जमापूंजी से खापरी चंदनपार्डी, हेटी, खुर्सापार तथा वर्धा जिले के ठाणेगांव, सावली, आगरगांव, हेटी के संतरा उत्पादक किसानों से बागन की फसल खरीदी का सौदा किया हुआ है, उसकी कुछ किस्तें भी अदा है. ऐसे में ओलावृष्टि के चलते भारी क्षति से संतरा व्यापारियों की कमर टूटने का खतरा पैदा गया है. की व्यापारियों ने तो आभूषण और सोना गिरवी रख कर बागान खरीदे हैं, अब वे भारी संकट में फंस गए हैं. यह जानकारी संतरा व्यापारी शाम बागड़े, तौसिफ पठाण, विलास दार्व्हेकर, दिगांबर मेश्राम ने दी है.

अब तक कपास के बोंडअली पीड़ित किसानों को मुआवजा नहीं

राष्ट्रवादी युवक कॉग्रेस के नेता सलील देशमुख किसानों के बीच पहुंचे, तब किसानों ने सरकार ने अब तक कपास के बोंडअली पीड़ित किसानों को नुकसान का मुआवजा नहीं दिया है, अब ओलावृष्टि से गेहूं, चना, संतरा, साग-सब्जी, टमाटर तथा फूल की खेती के नुकसान को हलके से ले रही है. यह जानकारी युवा किसानों ने दी, तब सलील देशमुख ने किसानों को साथ देने की बात कही तथा सरकार किसानों को उचित मुआवजा देने की मांग की.

सर्वे सही नहीं हुआ तो फिर चक्का जाम आंदोलन की चेतावनी

ओलावृष्टी से पीड़ित किसानों की फसलों की हुई क्षति के सर्वे सही तरीके से हो, यह मांग नागोराव हिंगवे ने की तथा सही सर्वे नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी. ओलावृष्टि के निरिक्षण के लिए विधायक आशीष देशमुख, काटोल के सभापति संदीप सरोदे, उपसभापति योगेश चाफले, एसडीओ प्रशांत ठाकरे, तहसीलदार प्रसाद मते, उप विभागिय कृषि अधिकारी विजय निमजे, तहसील कृषि अधिकारी सोनाली गजबे, बीडीओ सुनील साने, संजय पाटिल, योगेश गोतमारे, प्रमोद चाफले, सुधीर गोतमारे सभी विभागों के कर्मचारी, इस क्षेत्र के बाबा फिस्के, सतीश पुंजे, सतीश चव्हाण, प्रशांत खंते, नितिन ठवले, जेठा भाई, आकाश गजबे आदि सलील देशमुख के साथ ओलावृष्टि पीड़ित किसानों के गांव पहुंचे तथा नुकसान का निरीक्षण किया.

पालक मंत्री बावनकुले ने दिया सर्वेक्षण का आदेश

इस बीच पालक मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने भी मंगलवार को ही ओलावृष्टि ग्रस्त क्षेत्रों का निरीक्षण किया. उन्होंने अधिकारियों को 24 घंटे में नुकसान का सर्वेक्षण कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है. उनके निर्देश पर बुधवार को सर्वेक्षण शुरू भी हो चुका है.

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