*अश्विन शाह-
वर्धा (महाराष्ट्र) : चलती हुई कार पर हाईमास्ट का गिरना अपने आप में एक बड़ा हादसा है. लेकिन इस हादसे में दैव योग से कोई प्राण हानि नहीं हुई. किस्मत से कार में सवार पति-पत्नी बाल-बाल बच गए.
यह घटना वर्धा शहर के सवांगी मेघे के व्यस्त टी-प्वाइंट के पास की है. गनीमत रही कि यह हाईमास्ट कार के बोनट पर गिरा. जिससे कार में सवार वर्धा के जिला कृषि अधीक्षक और उनकी पत्नी बाल-बाल बच गए.
रविवार की शाम इलाके में तेज आंधी चली. इसी दौरान वर्धा जिला कृषि अधीक्षक अनिल इंगले अपनी पत्नी के साथ वर्धा के पालक मंत्री के जनता दरबार का समापन कर जन्मदिन की पार्टी के लिए अमरावती जा रहे थे. इसी बीच सवांगी मेघे के टी-प्वाइंट इलाके में हाईमास्ट अचानक कार के बोनट पर आ गिरा.
हाई मास्ट के गिरते ही कार रुक गई. सौभाग्य से, इंगले और उनकी पत्नी को किसी प्रकार की चोट भी नहीं आई. हालांकि, इस घटना को देखने वालों के दिल दहल गए.
इस घटना के बाद वर्धा-सवांगी मार्ग पर यातायात कुछ देर के लिए बाधित हो गया. कई लोगों ने लगभग पचास फीट ऊंचे हाई मास्ट को कार पर गिरते देखा. घटना के बाद कुछ देर के लिए दर्शक स्तब्ध रह गए और देखने वालों की भारी भीड़ मौके पर जमा हो गई. इस घटना में सही-सलामत कृषि अधिकारी और उनकी पत्नी को देख नागरिक भी ‘देव तारी त्याला कोण मारी’ (जिसकी रक्षा भगवान करें, उसे कौन मार सकता है), कहते नजर आए.
कितने सुरक्षित हैं ऐसे हाईमास्ट, रखरखाव की जवाबदेही किसकी?
रात्रि में सड़कों को रोशन रखने के लिए चौक पर काफी ऊंचे-ऊंचे लौह मस्तूल लगाए गए हैं. लेकिन, इस हादसे के बाद सवाल यह उठता है कि क्या ऐसे तूफान में हाई मास्ट सुरक्षित हैं..? इस हाई मास्ट को जमीन पर बनाए गए सीमेंट के आधार से जोड़ने वाले नटबोल्ट जंग खाए हुए दिखते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि इसकी देखभाल की व्यवस्था कौन करता है? और इसे दुरुस्त रखने की जिम्मेदारी किसकी है..?