24 बरी, अन्य 74 भी अपराधी साबित, सजा का ऐलान 21 फरवरी को
*वरुण कुमार/सीमा सिन्हा-
रांची/पटना : राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) प्रमुख और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव को यहां केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की विशेष अदालत ने डोरंडा ट्रेजरी केस में दोषी ठहराया है. अदालत के इस फैसले के बाद पूर्व रेल मंत्री अब फिर से पुलिस कस्टडी में रहेंगे. इस मामले में 99 लोग आरोपी थे जिनमें से लालू सहित 75 लोग दोषी करार दिए गए हैं और 24 बरी कर दिए गए हैं. अदालत अब 21 फरवरी को सजा का ऐलान करेगी.
लालू प्रसाद ने की अर्जी
दोषी करार होने के बाद लालू प्रसाद ने अपनी खराब सेहत का हवाला देते हुए रांची के रिम्स अस्पताल भेजे जाने की अर्जी दी है. लालू यादव इसी मामले में बीते कुछ महीनों से जमानत पर हैं. हालांकि अब उनकी जमानत अदालत के अगले फैसले पर टिकी हुई है.
डोरंडा ट्रेजरी केस क्या है-
दरअसल, यह पूरा मामला 139.35 करोड़ रुपए की निकासी का है. साल 1990-1992 के दौरान बड़े स्तर पर घोटाला हुआ था. इसमें पशुओं को स्कूटर और मोटरसाइकिल से ढोना बताया गया था. अफसरों और नेताओं की मिलीभगत ने ऐसा घोटाला कर दिया कि 400 सांड़ों को हरियाणा और दिल्ली से स्कूटर और मोटरसाइकिल से ढोया गया. इसका मतलब है कि पशु विभाग ने अपनी रिपोर्ट में जिन गाड़ियों का नंबर दिया था, वह मोटरसाइकिल और स्कूटर के नंबर थे.
सीबीआई की जांच में दावा किया गया है कि पशुओं के चारे, जैसे- बादाम, खरी, नमक, पीली मकई सरीखे कई टन वस्तुओं को स्कूटर, मोटरसाइकिल और उस जमाने में चलने वाली गाड़ी मोपेड का नंबर दिया गया था.
170 लोग थे आरोपी
जांच के दौरान पता चला कि इन दो सालों में 2 लाख 35 हजार में 50 सांड़, 14 लाख 4 हजार से अधिक की कीमत में 163 सांड़ और बछिया की खरीद हुई. साल 1996 में दर्ज इस मामले में कुल 170 लोगों को आरोपी बनाया गया था. इनमें से 55 की मौत हो चुकी है, जबकि सात आरोपियों को सीबीआई ने सरकारी गवाह बनाया है. अदालत द्वारा फैसला सुनाए जाने से पहले ही दो आरोपियों ने आरोप कबूल कर लिया, जबकि छह आरोपी आज तक फरार हैं.
53 अलग-अलग मामले दर्ज हुए थे
मामले के अन्य प्रमुख आरोपियों में पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, बिहार के तत्कालीन पशुपालन सचिव डॉ. आर.के. राणा, बेक जूलियस और पशुपालन विभाग के सहायक निदेशक के.एम. प्रसाद शामिल हैं. इससे पहले के चार मामलों में लालू प्रसाद यादव को सामूहिक रूप से सत्ताईस साल जेल की सजा सुनाई जा चुकी है. हालांकि इन सभी मामलों में उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है.
कुल 950 करोड़ रुपए का चारा घोटाला बिहार के पशुपालन विभाग में लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल के दौरान हुआ था. सीबीआई ने घोटाले की जांच के लिए 1996 में 53 अलग-अलग मामले दर्ज किए थे.
पटना के पार्टी दफ्तर और राबड़ी आवास में सन्नाटा
पटना से हमारी संवाददाता सीमा सिन्हा ने बताया है कि चारा घोटाला के पांचवें मामले में लालू प्रसाद यादव को दोषी करार दिए जाने के सीबीआई के स्पेश्ल कोर्ट के फैसले की खबर के बाद आरजेडी खेमे में मायूसी फैल गई है. पार्टी दफ्तर और राबड़ी आवास के बाहर सन्नाटा पसर गया है. वहीं, कुछ कार्यकर्ता हाथों में पोस्टर लिए लालू के समर्थन में नारे लगाते दिख रहे हैं. इधर, कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि कोर्ट का जो फैसला आएगा, वह हमें मान्य होगा.
हार नहीं मानेंगे : सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे
18 फरवरी को आने वाले फैसले के संबंध में उन्होंने कहा कि छोटे कोर्ट में फैसला आएगा तो हम हाई कोर्ट जाएंगे. हाई कोर्ट का फैसला होगा तो हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. अंतिम रूप से जब तक हम कोशिश नहीं कर लेते हैं, तब तक हार नहीं मानेंगे. हमें न्याय मिलने की उम्मीद है. इस देश के सांप्रदायिक एकता के प्रतीक हैं लालू यादव और उन्हे न्याय जरूर मिलेगी.