समीक्षा बैठक में पालक मंत्री बैंकों के गैरजिम्मेदाराना रवैए पर नाराज, जिला प्रशासन को भी किया सतर्क
नागपुर : नागपुर जिले में 1 लाख 8 हजार किसानों को खरीफ (Kharif) फसलों के लिए ऋण दिया जाना है. लेकिन अब तक सिर्फ 15,002 किसानों को ही ऋण उपलब्ध कराए जा सके हैं. यह संख्या कुल लक्ष्य का मात्र 16% ही है. यह जानकारी मंगलवार, 15 जून को यहां जिले के पालक मंत्री की समीक्षा बैठक में सामने आई.
पालक मंत्री नितिन राउत आज यहां छत्रपति सभागार में खरीफ फसल ऋण आवंटन समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. उन्होंने जिले की बैंक शाखाओं के ऐसे गैरजिम्मेदाराना रवैये पर नाराजगी जताई. साथ ही बैंकों को ऋण वितरण में तेजी लाने का निर्देश दिया. इस अवसर पर बैठक में नागपुर जिला कलेक्टर रवींद्र ठाकरे, जिला उप पंजीयक अजय कडू, अग्रणी बैंक प्रबंधक पंकज देशमुख, निजी और राष्ट्रीयकृत बैंकों के प्रतिनिधि के अलावा अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे.
पालक मंत्री ने कहा कि जून का महीना शुरू हो गया है और किसानों ने खरीफ फसलों की तैयारी शुरू कर दी है. ऐसे में उन्हें समय पर ऋण उपलब्ध नहीं करना, अक्षम्य है. ऋण वितरण की धीमी गति पर पालक मंत्री ने नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि कोविड संकट से लड़ते हुए कृषि और किसानों की जरूरतों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
उल्लेखनीय है कि जिले में जहां 1 लाख 8 हजार किसानों को कर्ज बांटने का लक्ष्य है, वहीं अब तक सिर्फ 15,002 सदस्यों को ही 169 करोड़ 43 लाख कर्ज बांटे गए हैं. उन्होंने 16 प्रतिशत के कम प्रतिशत ऋण वितरण पर असंतोष व्यक्त किया.
जिला प्रशासन को भी सख्त निर्देश
पालक मंत्री राउत ने जिला प्रशासन को ऋण वितरण में तेजी लाने के लिए ग्राम स्तर पर बैठकें आयोजित करने का सख्त निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि इसके लिए जिला और तालुका स्तर और बैंक स्तर पर शिविर आयोजित किए जाने चाहिए. पात्र खाताधारक किसानों को सदस्य बनाया जाए और ऐसे सदस्यों को ऋण आवंटन की प्रक्रिया तत्काल पूरी की जाए.
पात्र किसानों के लिए टोल फ्री फोन नं. जारी करें
समीक्षा बैठक में बैंकवार ऋण संवितरण का प्रतिशत आंकड़ा लिया गया. उन्होंने जिला कलेक्टर को फसल ऋण आवंटन की समय-समय पर समीक्षा करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज ऋण राहत योजना और महात्मा जोतिबा फुले ऋण राहत योजना के माध्यम से कई किसान कर्ज मुक्त हो गए हैं. हालांकि, खरीफ फसल ऋण उन किसानों को वितरित किया जाना चाहिए, जो ऋण के लिए पात्र हैं. उन्होंने सहकारिता विभाग को इस समस्या के समाधान के लिए टोल फ्री नंबर जारी करने का भी निर्देश दिया.
राउत ने कहा कि किसानों को कर्ज के जाल से मुक्त कराने और बैंक स्तर पर किसानों को फसली ऋण बांटने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. समय पर फसल ऋण किसानों के लिए जीवन रेखा है. पिछले साल भी, नागपुर जिले में खरीफ फसल ऋण वितरण अच्छी तरह से किया गया था. इस वर्ष, प्रतिबंधात्मक शर्तों के कारण, कोरोना के कारण फसल ऋण वितरण मेलों के आयोजन से प्रतिबंधित किया गया था, लेकिन अब जब प्रतिबंधों में ढील दी गई है तो बैंकों को ग्रामीण स्तर पर कोविड त्रिसूत्र का पालन करते हुए किसानों तक पहुंचना चाहिए.
पालक मंत्री ने निर्देश दिया कि लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जिला केंद्रीय बैंक, ग्रामीण बैंक और राष्ट्रीयकृत बैंक मिलकर काम करें. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि ग्राम स्तर या तालुका स्तर पर फसल ऋण मेले आयोजित करते समय स्थानीय लोगों के प्रतिनिधियों पर भरोसा किया जाना चाहिए.