पकड़े गए परमाणु टेक्‍नोलॉजी को चुरा रहे पांच पाकिस्‍तानी

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पाकिस्‍तानी

अमेरिका में बने परमाणु उत्‍पादों को पाकिस्‍तान स्‍मगल कर रहे थे

 
वॉशिंगटन : अमेरिका में परमाणु टेक्‍नोलॉजी चुराने वाले पांच पाकिस्‍तानी बिजनेसमेन पकड़े गए हैं. अमेरिकी न्‍याय विभाग के मुताबिक इन पांचों ने पाकिस्‍तानी न्यूक्लियर और मिसाइल प्रोग्राम के लिए अमेरिकी तकनीक की स्मगलिंग की है. 

जो पाकिस्‍तानी पकड़े गए हैं, उनमें मुम्मद कामरान वली (41) जो पाकिस्‍तान में रहता है, मुहम्मद अहसान वली (48) और हाजी वली मुहम्मद शेख (82) जो कनाडा में है, अशरफ खान मुहम्मद हॉन्‍गकॉन्‍ग में और अहमद वहीद (52) यूके में रहता है. 

अमेरिकी असिस्टेंट अटॉर्नी जनरल जॉन सी डेमर्स ने कहा, ‘आरोपियों अमेरिका में बने उत्पाद उन संस्थानों को निर्यात किए, जिन्हें अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे के रूप में घोषित किया गया है. क्योंकि इन संस्थानों के संबंध पाकिस्तान के हथियार कार्यक्रमों से है.’  
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इन पांचों लोगों पर इंटरनेशनल एनर्जी इकनॉमिक पावर्स ऐक्ट और एक्सपोर्ट कंट्रोल रिफॉर्म एक्‍ट के उल्लंघन की साजिश रचने का आरोप लगा है. जो आरोप लगे हैं, उनके मुताबिक, इन्‍होंने पाकिस्तान में उस जगह की पहचान छिपाने की कोशिश की, जहां अमेरिकी उत्पाद भेजे जा रहे थे. इन्होंने सामान खरीदने वाली और इसका आखिरी प्रयोग करने वाली कंपनियों के झूठे नाम बताए, जबकि अमेरिकी उत्पाद वास्तव में पाकिस्तान पहुंचे, इन उत्पादों का प्रयोग पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम के लिए होता था और एईआरओ या पीएईसी ने इन उत्पादों की कीमत चुकाई.

अमेरिकी अथॉरिटीज के अनुसार पाकिस्‍तान के ये पांच व्‍यापारी एक इंटरनेशनल रैकेट का हिस्‍सा हैं. इन्‍होंने ऐसी फ्रंट कंपनियों का नेटवर्क तैयार किया था, जो अमेरिका में बने उत्‍पादों को पाकिस्‍तान स्‍मगल करने का काम करती थीं. अमेरिका के न्‍याय विभाग ने उन्‍हें दोषी ठहराया है.

रावलपिंडी में है कंपनी 
पाकिस्‍तान के रावलपिंडी स्थित फ्रंट कंपनी ‘बिजनस वर्ल्ड’ से जुड़े इन पांच पाकिस्तानियों ने उत्‍पादों को पाक की एडवांस्‍ड इंजीनियरिंग रिसर्च ऑर्गनाइजेशन और पाकिस्‍तान एटॉमिक एनर्जी कमीशन को सप्‍लाई किया था. ऐसे 38 गैर-कानूनी परमाणु निर्यातों की पहचान की गई है जिन्‍हें 29 अमेरिकी कंपनियों से पाकिस्‍तान को सितंबर 2014 से अक्‍टूबर 2019 के बीच भेजा गया था.

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पाकिस्तानी वैज्ञानिक ए.क्यू. खान – 16 साल पहले जिसने डच कंपनी रेंको से चुराया था सेंट्रीफ्यूज. 

पहले भी पाकिस्‍तान ने की है ऐसी चोरी 
16 साल पहले पाकिस्तान का न्यूक्लियर स्मगलिंग और प्रॉलिफरेशन स्कैंडल सामने आया था. उसमें पाकिस्तानी वैज्ञानिक डॉ. अब्दुल कदीर खान (ए.क्यू. खान) का हाथ सामने आया था. उसी ए.क्यू. खान ने डच कंपनी रेंको से सेंट्रीफ्यूज चुरा लिया था, जिसके दम पर पाकिस्तान ने साल 1980 में परमाणु बम बना लिया. पाकिस्तान ने यह टेक्नॉलीज नॉर्थ कोरिया और चीन को भी बेच दी. खान ने लीबिया और ईरान को भी मदद की थी.

अमेरिका के लिए भी खतरा बने पाकिस्‍तानी 
अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट के मुताबिक, ये पांच पाकिस्तानी कनाडा, हॉगकॉन्‍ग और ब्रिटेन में रहते हैं. डिपार्टमेंट का कहना है, ‘ये अपनी फ्रंट कंपनियों के लिए दुनियाभर से खरीद करने का नेटवर्क चलाते थे. फ्रंट कंपनियां एडवांस्ड इंजीनियरिंग रीसर्च ऑर्गनाइजेशन और पाकिस्तान एटॉमिक एनर्जी कमिशन (पीएईसी) के लिए अमेरिका में बने उत्पाद खरीदती है. यह कंपनी अमेरिका से सामानों का निर्यात बिना एक्सपोर्ट लाइसेंस के ही करवाती है, जो अमेरिकी कानून का खुला उल्लंघन है.’ 

जर्मनी की गुप्तचर एजेंसी ने भी दी थी जानकारी
उल्लेखनीय है कि जर्मनी की आतंरिक गुप्तचर एजेंसी ‘बीएफवी’ ने पिछले वर्ष परमाणु तकनीक के प्रसार संबंधी एक रपट तैयार की थी. इस रपट में पाकिस्तान से परमाणु हथियारों के निर्माण के लिए जरूरी सामान जर्मनी एवं अन्य पश्‍चिमी देशों से प्राप्त करने की हो रही कोशिश पर ध्यान आकर्षित किया गया था. जर्मन गुप्तचर एजेंसी ने इस मुद्दे पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए पाकिस्तान की यह कोशिश रोकने की जरूरत होने की बात रिपोर्ट में कही थी.

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