महामंडलों के अध्यक्ष पद स्वीकार कर शिवसेना ने जनता को धोखा दिया : कांग्रेस

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कांग्रेस की जनसंघर्ष यात्रा में प्रदेशाध्यक्ष सांसद अशोक चव्हाण और नीचे जनसभा में जनता.

भीमा कोरेगांव मामले में विचारकों की हुई गिरफ्तारी पर मुख्यमंत्री की कड़ी आलोचना, निकली कांग्रेस की जनसंघर्ष यात्रा

मुंबई : शिवसेना एक ओर राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने और भाजपा से नाता तोड़ अपने कर बूते चुनाव लड़ने का दम भरती है, दूसरी ओर सरकार के महामंडलों का अध्यक्ष पद स्वीकार करती है. शिवसेना का यह चरित्र उसके दोमुंहापन का परिचायक है और वह केवल महाराष्ट्र की जनता को धोखा दे रही है. यह तीखी प्रतिक्रया आज शनिवार को कोल्हापुर में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष राधाकृष्ण विखे पाटिल ने व्यक्त की.

विखे पाटिल ने कोल्हापुर से कांग्रेस की “जनसंघर्ष यात्रा” की शुरुआत करने दौरान राज्य सरकार द्वारा महामंडलों के अध्यक्ष पदों पर शिवसेना और भाजपा के लोगों की हुई नियुक्तयों के संबंध में प्रसार माध्यमों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा के दौरान यह बात कही.

कोल्हापुर में प्रसार माध्यमों को संबोधित करते कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष राधाकृष्ण विखे पाटिल.

राज्य की जनता के साथ होने का झूठा भ्रम फैलाती रही है शिवसेना
उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े तीन वर्षों से भाजपा के साथ सत्ता में शामिल रहने के बाद भी जो शिवसेना भाजपा सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए साथ छोड़ने की धमकी देती रही, वही शिवसेना आज महामण्डलों के अध्यक्ष पद स्वीकार कर अपना दोमुंहापन उजागर कर चुकी है. उन्होंने आरोप लगाया कि शिवसेना केवल राज्य की जनता के साथ होने का झूठा भ्रम फैला कर जनता को धोखा देने का काम करती रही है.

भीमा कोरेगांव मामला : पूछा- परमवीर सिंह सरकार के प्रवक्ता हैं कया?
उन्होंने राज्य की भाजपा सरकार पर भी जोरदार हमला करते हुए भीमा कोरेगांव मामले में विचारकों और साहित्यकारों को नक्सलवादी करार देने के लिए की गई कार्रवाई के समर्थन में राज्य के अतिरिक्त पुलिस महासंचालक (एडीजी) परमवीर सिंह द्वारा पत्रपरिषद लेने की भी कड़ी आलोचना की. उन्होंने पूछा कि एडीजी परमवीर सिंह राज्य सरकार के प्रवक्ता हैं क्या?

मुख्यमंत्री अथवा गृह राज्यमंत्री क्यों नहीं आए सामने?
उन्होंने कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट के विचाराधीन है. सरकार को इस मामले में संयम बरतना चाहिए, लेकिन पहले इसी विषय पर पुणे के पुलिस आयुक्त ने पत्रपरिषद आयोजित की. उसके बाद फिर अतिरिक्त पुलिस महासंचालक को प्रसार माध्यमों के समक्ष उतार दिया. यही बात पत्रकारों को बताने के लिए मुख्यमंत्री अथवा गृह राज्यमंत्री सामने क्यों नहीं आए, परमवीर सिंह को क्यों उतारा?

उन्होंने कहाकि अभी हाल ही में सनातन संस्था के लोगों की विस्फोटकों के साथ हुई गिरफ्तारी और कई विचारकों की ह्त्या में उनकी संलिप्तता सामने आने पर ऐसा कोइ पत्रपरिषद लेना सरकार ने तो जरूरी नहीं समझा.

जनसंघर्ष यात्रा : राज्य और केंद्र सरकारों पर हमला
इसके उपरांत कांग्रेस की “जनसंघर्ष यात्रा” प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सांसद अशोक चव्हाण के नेतृत्व में कोल्हापुर से इचलकरंजी पहुंची. जहां भारी जनसमूह को कांग्रेस नेताओं ने संबोधित कर राज्य की भाजपा और शिनसेना की सरकार के साथ ही केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए उन्हें उखाड़ फेंकने की अपील जनता से की.

इचलकरंजी की सभा में इस अवसर पर प्रदेशाध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री सांसद अशोकराव चव्हाण, पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, पूर्व मंत्री सर्वश्री सतेज पाटिल, बसवराज पाटिल, विजय वडेट्टीवार, डी.पी.सावंत, महिला कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चारुलता टोकस, कल्लापा आण्णा आवाडे, प्रकाश आवाडे, गणपतराव पाटिल, प्रदेश महामंत्री सर्वश्री विनायकराव देशमुख, प्रुथ्वीराज साठे, राजन भोसले, प्रकाश सातपुते, रामकिशन ओझा, यशवंत हाप्पे, प्रवक्ता सचिन सावंत, डॉ. राजू वाघमारे, तौफिक मुलानी, व अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.

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