बाढ़ग्रस्त केरल में 346 मृत, 11 जिलों में रेड अलर्ट

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प्रधानमंत्री ने की 500 करोड़ की सहायता की घोषणा, राहुल ने अपर्याप्त बताया

नई दिल्ली/तिरुवनंतपुरम : केरल में शनिवार, 18 अगस्त को भी बाढ़ से 22 और लोगों की मौत हो गई इस बीच भारी बारिश के अनुमान के कारण अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है. राज्य के 11 जिलों में रेड अलर्ट जारी है.

राज्य में बाढ़ से मरने वालों की संख्या 346 हो गई है
पिछले 8 अगस्त से शुक्रवार तक बाढ़ और भूस्खलन से कुल 324 लोगों की मौत हो चुकी है. अकेले गुरुवार, 17 अगस्त को ही एक दिन की बारिश में 106 लोगों की मौत हो गई. शनिवार को हुई 22 मौत को मिला कर बाढ़ से मरने वालों की संख्या 346 हो गई है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की आज अपराह्न् जारी अनुमान के मुताबिक, राज्य के अलग-अलग हिस्सों में मूसलाधार बारिश की संभावना है.

तिरुवनंतपुरम, कोल्लम और कासरगोड को छोड़कर केरल के 11 जिले रेड अलर्ट पर हैं और यहां अधिक बारिश की संभावना है. एर्नाकुलम, त्रिशूर, इडुक्की, पथनामथित्ता और चेंगन्नूर जिलों से शनिवार को 22 लोगों की मौत की खबर है.

बारिश से सर्वाधिक प्रभावित जिलों में अलुवा, चलाकुड़ी, अलप्पुझा, चेंगन्नूर और पथनामथित्ता जैसे इलाके शामिल हैं, जहां बचाव अभियान तेजी से चलाया जा रहा है और बचाव दलों ने बहुत से लोगों को बचाया है. मीडिया संस्थानों से प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों के रिश्तेदारों और दोस्तों द्वारा जानकारी के लिए अनुरोध किए जा रहे हैं.

500 करोड़ रुपए की वित्तीय मदद की घोषणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाढ़ग्रस्त केरल के लिए 500 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता की घोषणा की. इससे पहले केंद्र द्वारा 12 अगस्त को 100 करोड़ रुपए की घोषणा की गई थी. केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने यहां मीडिया को बताया कि हालात बहुत ही गंभीर व खराब हैं. विजयन ने कहा, ‘मृतकों की संख्या बढ़ सकती है, लेकिन हम जो कार्य कर रहे हैं, उससे हालात काबू में हैं.’ हालांकि कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला ने सरकार पर प्रभावी रूप से राहत व बचाव कार्य करने में विफल रहने का आरोप लगाया.

राहत के लिए 500 करोड़ अच्छा कदम, पर पर्याप्त नहीं : राहुल गांधी
भीषण बाढ़ का सामना कर रहे केरल के लिए 500 करोड़ रुपए के राहत पैकेज की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा को ‘अच्छा कदम’ करार देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कहा कि मोदी को इस बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने में कोई संकोच नहीं करना चाहिए.

राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘प्रिय प्रधानमंत्री, केरल में राहत के लिए 500 करोड़ रुपए का आवंटन एक अच्छा कदम है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है. यह जरूरी है कि आप इस बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करें. कृपया संकोच मत करिए क्योंकि केरल के लोग बहुत परेशानी का सामना कर रहे हैं.’ इससे पहले, राहुल गांधी ने कहा था, ‘बिना विलंब किए हुए केरल की बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित की जाए. हमारे करोड़ों लोगों का जीवन, जीविका और भविष्य दांव पर है.’

क्‍या होती है राष्‍ट्रीय आपदा
पहले की आपदाओं को आखिर क्‍यों राष्‍ट्रीय आपदा घोषित नहीं किया गया. इसके पीछे तर्क सिर्फ इतना है क्‍योंकि आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के मुताबिक किसी भी आपदा को राष्‍ट्रीय आपदा घोषित करने का कोई स्‍पष्‍ट प्रावधान नहीं है. हां, कानून में यह जरूर कहा गया है कि अगर केंद्र सरकार किसी आपदा को राष्‍ट्रीय आपदा घोषित करती है तो उसे राहत और बचाव कार्य के लिए 100 प्रतिशत ग्रांट देनी पड़ेगी.

द वीक ने गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के हवाले से कहा कि केरल की बाढ़ को राष्‍ट्रीय आपदा घोषित करने से कोई खास लाभ नहीं होगा. राज्‍य को वित्तीय सहायता पहले ही दी जा रही है. केंद्र सरकार को भविष्‍य में भी राज्‍य को बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए वित्‍तीय मदद देना जारी रखना चाहिए.

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