सीएम बने तो येदियुरप्पा, 15 दिन के बदले 24 घंटे में ही साबित करना होगा बहुमत

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सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री पद कायम रखने के मार्ग में अटका दिया है बड़ा रोड़ा

विशेष संवाददाता
नई दिल्ली :
कर्नाटक में बी.एस. येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री पद के शपथ को रोकने के लिए कांग्रेस रातों-रात सुप्रीम कोर्ट जा पहुंची. कोर्ट में आधी रात के बाद करीब साढ़े तीन घंटे चली बहस के बाद येदियुरप्पा को राहत मिली, जिसके बाद वे आज सुबह पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक सीएम पद के लिए शपथ लेकर सत्ता के सिंहासन पर काबिज तो हो गए, लेकिन 24 घंटे के अंदर उन्हें अपने समर्थक विधायकों की लिस्ट कोर्ट को देनी है. भाजपा के लिए 112 विधायकों की लिस्ट सौंपना आसान नहीं है. इतने कम समय में येदियुरप्पा के सामने बहुमत साबित करना एक बड़ी चुनौती है.

येदियुरप्पा तीसरी बार बने कर्नाटक के सीएम
ज्ञातव्य है कि कर्नाटक विधानसभा की हाल के चुनाव में 222 सीटों पर आए नतीजों में भाजपा को 104 सीटें मिली हैं, जो कि बहुमत से 8 विधायक कम हैं. कांग्रेस को 78 और जेडीएस को 37, बसपा को 1 और अन्य को 2 सीटें मिली हैं. ऐसे में भाजपा भले ही सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी हो, लेकिन बहुमत से वो दूर है. जबकि कांग्रेस और जेडीएस ने नतीजे आने के बाद हाथ मिला लिया है.

देर रात सुप्रीम कोर्ट ने की सुनवाई
कांग्रेस की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ए.के. सीकरी, अशोक भूषण और एस.ए. बोबड़े की खंडपीठ ने आधी रात के बाद पौने दो बजे कांग्रेस-जेडीएस की याचिका पर सुनवाई शुरू की और सुबह पांच बजे य‍ह फैसला सुना दिया कि व‍ह राज्‍यपाल के संवैधानिक अधिकारों में दखल नहीं दे सकती, इसलिए येदियुरप्‍पा पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक आज ही शपथ लेंगे. याचिकाकर्ता कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी ने अर्जी दी थी कि शाम तक इस शपथ ग्रहण समारोह को टाल दिया जाए, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है.

बहुमत साबित करना होगा चुनौती
लेकिन साथ ही देर रात तक सुनवाई करने के बाद खंडपीठ ने एक अहम बात कही है कि शुक्रवार (18 मई) को अदालत इस मामले में पर दोबारा सुनवाई करेगी और दोनों ही पक्षों के समर्थन करने वाले विधायकों की सूची सौंपनी होगी. कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी से कहा कि वे भाजपा और कांग्रेस-जेडीएस के समर्थकों की वह लिस्ट कोर्ट में जमा करवाएं जो उन्होंने राज्यपाल को सौंपी हैं.

राह में एक बड़ा रोड़ा अटका दिया कोर्ट ने
सुप्रीम कोर्ट ने येदियुरप्पा की राह में एक बड़ा रोड़ा अटका दिया. सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल से भाजपा द्वारा दिए गए समर्थन पत्र की मांग की है. मामले में अब शुक्रवार की सुबह 10.30 बजे दोबारा सुनवाई होगी. ऐसे में येदियुरप्पा को अपने 112 विधायकों की लिस्ट सौंपनी है. जबकि उनके पास 104 विधायक ही हैं. ऐसे में 8 विधायकों का समर्थन हासिल करना अपने आप में एक टेढ़ी खीर है.

मुश्किल खड़ी हो सकती है येदियुरप्पा के लिए
भाजपा शुक्रवार को सुबह 10.30 बजे अपने 112 विधायकों की लिस्ट नहीं सौंपती है, तो ऐसी हालत में येदियुरप्पा के सामने मुश्किल खड़ी हो सकती है. भाजपा बहुमत के लिए जरूरी विधायकों की संख्या को पूरा करने में अगर दो अन्य विधायक और एक बसपा विधायक का समर्थन हासिल कर लेती है तो उसकी संख्या 107 ही पहुंचती है. इसके बाद भी बहुमत के लिए 5 विधायकों की जरूरत पड़ेगी, जिसे पूरा करना आसान नहीं है.

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