…अब एक तेंदुए ने महामार्ग पर दुर्घटना में जान गंवाई

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तेंदुए की सड़क दुर्घटना में मौत के साक्षी जुनापानी गांव की ग्रामीण राष्ट्रीय महामार्ग पर तड़के तेंदुए के शव के साथ.

एनएचए की “कृपा” से नागपुर-अमरावती राष्ट्रीय महामार्ग पर हो रही वन प्राणियों की मौत

ब्रजेश तिवारी
कोंढाली (नागपुर) :
नागपुर-अमरावती राष्ट्रीय महामार्ग पर कोंढाली से 10 कि.मी. दूर जुनापानी गांव के पास अज्ञात वाहन की टक्कर से सड़क एक नर तेंदुआ की सुबह 5 बजे मृत्यु हो गई. वह तेंदुआ सड़क पार करते वक्त किसी तेज रफ्तार वाहन की गया और सड़क दुर्घटना में उसकी मौत हो गई.

दुर्घटना का कारण : एनएच द्वारा महामार्ग में कैरिडोर का प्रावधान नहीं करना
कोंढाली वन परिक्षेत्र में गत कुछ वर्षों में बाघ और तेंदुओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है. इसके साथ ही सड़क पार करते समय कोंढाली वन परिक्षेत्र के महामार्ग पर बाघ-और तेंदुओं सहित अन्य वन प्राणियों की मृत्यु भी हो रही है. इसका सबसे बड़ा कारण है- राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण (एनएचए) की जानबूझ कर वन क्षेत्रों से गुजरने वाले महामार्ग पर वन प्राणियों के लिए पर्याप्त कैरिडोर नहीं बनाना.

एनएचए द्वारा आपराधिक अवहेलना
वन क्षेत्र की सड़कों को एलिवेटेड रखते हुए नीचे से कैरिडोर बनाने का प्रावधान होने और इस संबंध में देश के नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के स्पष्ट निर्देश के बावजूद एनएचए द्वारा इसकी आपराधिक अवहेलना होती रही है. उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण (एनएचए) केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी की अधीन एक महकमा है.

बाघ बाजीराव भी हाल ही में सड़क हादसे का हुआ था शिकार
ज्ञातव्य है कि बाजारगांव के समीप हाल ही में सड़क कर रहे बाजीराव नामक बाघ भी अज्ञात वाहन की टक्कर से मौत हो गई थी और आज सुबह कोंढाली से 10 कि.मी दूर जुनापानी गांव के समीप इसी नागपुर-अमरावती महामार्ग पर फिर सड़क पार करते वक्त इस तेंदुआ को अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी, जिससे उसके मुंह तथा पैर को जबरदस्त मार लगने से घटनास्थल पर ही ऊसकी मृत्यु हो गई.

मृत तेंदुए का पंचनामा किया
दुर्घटना में तेंदुए की मौत की जानकारी राष्ट्रीय महामार्ग पुलिस खुर्सापार मदद केंद्र के सिपाही उमेश तिवारी ने कोंढाली के वनपरिक्षेत्र अधिकारी फरीद आजमी को दी. जानकारी मिलते ही 15 मिनट में वनपरिक्षेत्र अधिकारी आजमी, वनपाल एस.एन. मोहोड, राजीव डाखोले, वनरक्षक मनोज भस्मे, युवराज पाटिलआदि घटनास्थल पहुंच कर मृत तेंदुए का पंचनामा किया.

चमेली वन विश्रामगृह के परिसर में पोस्टमार्टम
वनपरिक्षेत्र अधिकारी आजमी ने तेंदुए के शव को वन विभाग के वाहन से चमेली वन विश्रामगृह के परिसर में ले गए, जहां उप वन संरक्षक मल्लिकार्जुन तथा उप वन संरक्षक एस. क्षीरसागर, वनपरिक्षेत्र अधिकारी आजमी की उपस्थिति में वन विभाग के पशु चिकित्सक डॉ.चेतन पातोड़े, काटोल तालुका पशुधन विकास अधिकारी डॉ.अनिल ठाकरे, कोंढाली के पशुधन विकास अधिकारी डॉ.अरुण हांडा ने तेंदुए के शव का पोस्टमार्टम किया.

पोस्टमार्टम के बाद शव का दाह संस्कार किया
पोस्टमार्टम के बाद डॉ.अनिल ठाकरे ने बताया कि मृत नर तेंदुए की उम्र तीन से साढ़े तीन वर्ष है, लंबाई 104 से.मी. तथा ऊंचाई 66 से.मी. है. दुर्घटना में तेंदुए के मुंह तथा पैर पर जबरदस्त लगाने और गले के मनके की हड्डी भी टूट जाने के साथ ही अत्यधिक खून बहने से उसकी मृत्यु हुई है. पोस्टमार्टम के बाद दोपहर 2 बजे वन विभाग की ओर से चमेली वन विश्रामगृह परिसर में ही तेंदुए के शव को जला दिया गया.

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