महाराष्ट्र : किसानों की बड़ी जीत, 6 माह में पूरी होंगी मांगे

मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने विधानसभा में किसानों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की. करीब तीन घंटे तक चली बैठक के बाद विधान भवन के बाहर संवाददाताओं से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कृषि उपयोग में लाई जाने वाली वन भूमि आदिवासियों और किसानों को सौंपने के लिए हम समिति बनाने पर सहमत हो गए हैं. बशर्ते वे 2005 से पहले जमीन पर कृषि करने के सबूत मुहैया कराएं. हमने उनकी लगभग सभी मांगें मान ली हैं.’’ उन्होंने कहा कि किसानों की करीब 12-13 मांगें थीं, जिनमें से ज्यादातर पर दोनों पक्षों में सहमति बन गई है. वनभूमि संबंधित मामले में मुख्यमंत्री ने 6 महीने में हल निकालने के निर्देश दिए हैं.

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मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस सोमवार को किसानों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं को बैठक में हुई सहमति की जानकारी देते हुए.

जून 2017 तक के 1.5 लाख तक के कर्ज़ माफ होंगे, मुख्यमंत्री ने दिया लिखित आश्वासन

मुंबई : महाराष्‍ट्र की देवेंद्र फड़णवीस सरकार ने किसानों की मांग पूरी करने का आश्वासन दिया है. मुंबई स्थित विधान भवन में किसान प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में सरकार ने उनकी ज्यादातर मांगें मान ली हैं. महाराष्ट्र सरकार ने किसानों को भरोसा दिया है कि किसानों के 1.5 लाख तक के कर्ज़ माफ कर दिए जाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए हमने लिखित आश्वासन भी दिया है.

30 जून 2017 तक के कर्ज़ माफ होंगे

सरकार ने वादा किया कि 30 जून 2017 तक के कर्ज़ माफ कर दिए जाएंगे, इससे पहले कर्ज माफी की मियाद 30 जून 2016 तक की थी. हजारों किसान अपनी तमाम मांगों के साथ पिछले छह दिनों तक लगातार पैदल चलकर नासिक से मुंबई पहुंचे हैं, इस मोर्चे में महिलाएं भी बड़ी तादाद में शामिल हैं.

सरकार ने मांगों को लागू करने के लिए मोहलत भी मांगी

किसानों की मांगों को लेकर सरकार पर चौतरफा दबाव है और कई राजनीतिक दल भी किसानों के साथ खड़े हैं. सरकार ने कहा है कि मांगों को लागू करने में उसे थोड़ा वक्त लग सकता है इसके लिए मोहलत भी मांगी गई है. सरकार ने किसानों की वापसी के लिए विशेष ट्रेनों का इंतजाम भी किया है, मंगलवार को मुंबई से भुसावल के लिए दो स्पेशल ट्रेनें चलेंगी, किसान अब वहां से लौटने भी लगे हैं.

महाराष्ट्र सरकार झुकी किसानों के आगे

मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने विधानसभा में किसानों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की. करीब तीन घंटे तक चली बैठक के बाद विधान भवन के बाहर संवाददाताओं से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कृषि उपयोग में लाई जाने वाली वन भूमि आदिवासियों और किसानों को सौंपने के लिए हम समिति बनाने पर सहमत हो गए हैं. बशर्ते वे 2005 से पहले जमीन पर कृषि करने के सबूत मुहैया कराएं. हमने उनकी लगभग सभी मांगें मान ली हैं.’’ उन्होंने कहा कि किसानों की करीब 12-13 मांगें थीं, जिनमें से ज्यादातर पर दोनों पक्षों में सहमति बन गई है. वनभूमि संबंधित मामले में मुख्यमंत्री ने 6 महीने में हल निकालने के निर्देश दिए हैं.

पैदल चलकर आए किसानों की बड़ी जीत

राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि उनकी‘‘ सभी मांगों’’ को स्वीकार किया जा रहा है. वह सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी की मौजूदगी में दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में धरना दे रहे किसानों को संबोधित कर रहे थे. नासिक से मुंबई तक लगभग 180 किलोमीटर की दूरी पैदल चलकर आए किसानों के लिए बड़ी जीत है.

किसान जब मुंबई पहुंचे तो सभी समुदाय के लोगों ने दिल खोल कर उनका स्वागत किया और उनके खाने-पीने का बंदोबस्त भी किया.

मुंबई के लोगों ने दिल खोलकर किया किसानों का स्वागत

किसानों का मुंबई के लोगों ने दिल खोलकर स्वागत किया। किसान जब मुंबई पहुंचे तो लोगों ने उनके लिए खाने-पीने का इंतजाम कर रखा था. मुंबई के सिख समुदाय और रेसीडेंट असोसिएशन सड़कों पर किसानों के लिए पानी, बिस्कुट, नमकीन और पोहा लेकर आए.

लौटने लगे किसान, विशेष ट्रेनों की भी व्यवस्था

दूसरी ओर मध्य रेलवे ने मंगलवार को मुंबई के सीएसएमटी से भुसावल तक दो विशेष ट्रेनों को रात 8.50 बजे और 10.00 बजे चलाने की घोषणा की है. इन ट्रेनों से आंदोलनकारी किसानों को वापस भेजा जाएगा. वैसे राज्य के विभिन्न भागों से आए किसान आज शाम से ही ट्रेनों और अन्य साधनों से वापस लौटने लगे हैं.

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