अहमदाबाद ब्लास्ट मामले में 38 को फांसी,11 को उम्रकैद की सजा

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स्पेशल कोर्ट का 14 वर्षों बाद आया फैसला, 56 लोग मारे गए थे और 200 से अधिक घायल हुए थे

अहमदाबाद : अहमदाबाद में 2008 में हुए सीरियल ब्लास्ट मामले में स्पेशल कोर्ट ने शुक्रवार, 18 फरवरी को 49 दोषियों में से 38 को फांसी की सजा सुनाई है. समाचार माध्यमों के मुताबिक, बाकी 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है.


इनमें से एक दोषी, अयाज सैयद को जांच में मदद करने के एवज में बरी किया जा चुका है. इसके अलावा 29 भी सबूतों के अभाव में बरी हो चुके हैं. दोषी अहमदाबाद, भोपाल, गया, बेंगलुरु और देश के अन्य हिस्सों की जेलों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कार्यवाही में शामिल हुए थे.


कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा, “इन धमाकों में मारे गए लोगों के परिजनों को एक लाख रुपए, गंभीर रूप से घायलों को 50 हजार और मामूली घायलों को 25 हजार रुपए की सहायता दी जाएगी.”
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14 वर्षों बाद आए इस फैसले में अदालत ने 8 फरवरी, 2022 को उन्हें शहर में 26 जुलाई, 2008 को हुए सिलसिलेवार विस्फोटों के लिए दोषी ठहराया था, जिसमें 56 लोगों की जान गई थी और 200 से अधिक लोग घायल हुए थे.

26 जुलाई, 2008 को 70 मिनट के भीतर अहमदाबाद के विभिन्न इलाकों में 20 बम विस्फोट हुए. शहर भर में इन धमाकों में कम से कम 56 लोगों की जान गई, जबकि 200 लोग घायल हुए थे.

ब्लास्ट के बाद गुजरात की सूरत पुलिस ने 28 जुलाई और 31 जुलाई 2008 के बीच शहर के अलग-अलग इलाकों से 29 बम बरामद किए थे, जिनमें से 17 वराछा इलाके के और अन्य कतारगाम, महिधरपुरा और उमरा इलाके के थे. जांच में पता चला कि गलत सर्किट और डेटोनेटर की वजह से इन बमों में विस्फोट नहीं हो पाया था.

पुलिस ने कहा था कि आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के सदस्य विस्फोटों में शामिल थे. पुलिस ने बताया था कि आईएम के आतंकवादियों ने 2002 के गोधरा दंगों का बदला लेने के लिए ये धमाके किए हैं.

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