दिल्ली बॉर्डर

दिल्ली बॉर्डर पर घट रही किसानों की तादाद, उखड़ रहे तंबू

देश
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नई दिल्ली : नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर (टिकरी और सिंघु बॉर्डर) पर बैठे किसान नेताओं को चिंता सताने लगी है, क्योंकि दिल्ली सीमा पर लगातार किसान प्रदर्शनकारियों के मजमे में कमी नजर आ रही है. ज्ञातब्य है कि जब किसान आंदोलन पीक पर था उस समय दिल्ली की सीमाओं पर किसानों की भीड़ थी. एक वक्त ऐसा था, जब भीड़ और तेजी से बढ़ रही थी.

दिल्ली बॉर्डर
जब पीक पर था किसान आंदोलन.

दिल्ली बॉर्डर पर अब घटती जा रही भीड़
दिल्ली-हरियाणा के टिकरी बॉर्डर पर करीब 22 हजार किसान प्रदर्शन कर रहे थे तो वहीं सिंघु बॉर्डर पर करीब 4 महीने पहले 9 हजार किसान प्रदर्शन कर रहे थे. आज की तारीख में टिकरी बॉर्डर पर केवल 9 हजार तो वहीं सिंघु बॉर्डर पर केवल 3 हजार किसान प्रदर्शनकारी प्रदर्शन कर रहे है.

कम हो रही किसानों की संख्या, तंबू हो रहे खाली
प्रदर्शनकारियों की संख्या कम होने से टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर बहुत से ट्रैक्टर ट्रॉली और तंबू खाली पड़े हैं. कई तो ऐसे हैं, जिन पर ताला भी लटका हुआ है और उसमें रहने वाला कोई नहीं है. किसान वापस अपने घर जा चुके हैं, क्योंकि अब वो अपना किसानी छोड़ना नहीं चाहते हैं. वहीं अब किसानों की तादाद कम होने पर सुरक्षा बलों की संख्या भी कम कर दी गई है, लेकिन फिर भी फोर्स को हमेशा अलर्ट पर रखा जाता है.

9 महीने से ज्यादा समय से चल रहा है प्रदर्शन
नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 9 महीने से ज्यादा समय से किसानों का प्रदर्शन चल रहा है और किसान दिल्ली की सीमाओं पर टिके हुए हैं. सरकार कानूनों में बदलाव के लिए तैयार है, लेकिन किसान लगातार कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. अब तक सरकार और किसानों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल पाया है.

जल्द वापस लौटेंगे…
टिकरी बॉर्डर पर मौजूद एक किसान नेता ने कहा कि लगातार हो रही बारिश के कारण आंदोलनकारी किसान वापस अपने गांव लौटे हैं. स्थिति सामान्य होने पर फिर सभी वापस आ जाएंगे. 

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