कारगिल विजय दिवस समारोह में वीरमाता, वीरपत्नी का सम्मान

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सैनिक बाल छात्रावास में आयोजित 'कारगिल विजय दिवस' समारोह में शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित करतीं नागपुर जिले की कलेक्टर विमला आर., साथ में जिला सैनिक कल्याण अधिकारी मेजर डॉ. शिल्पा खड़पकर.

सैनिकों और शहीदों की वीरता की अमर महागाथा है कारगिल युद्ध : कलेक्टर विमला आर.

नागपुर : कारगिल की लड़ाई में, भारतीय सैनिकों ने देश की सीमा की रक्षा के लिए एक बड़ी लड़ाई लड़ी, इस युद्ध में हमारे वीर सैनिक सीमा की रक्षा में शहीद हुए. इन शहीदों ने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी. 22 साल पुराना कारगिल युद्ध सैनिकों और शहीदों की वीरता की अमर महागाथा है. इस मिशन की जीत वीर सैनिकों के पराक्रम के कारण हुई थी. कारगिल युद्ध वीरता की कहानी है. उन शहीदों के परिजनों की हम हर संभव सहायता करेंगे.

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वीरमाता मीरा रामेशराव सताई का सत्कार करतीं नागपुर की कलेक्टर. 

यह बात नागपुर की जिला कलेक्टर विमला आर. ने यहां सोमवार, 26 जुलाई को सैनिक बाल छात्रावास में आयोजित ‘कारगिल विजय दिवस’ समारोह में कहीं. कार्यक्रम में जिला सैनिक कल्याण अधिकारी मेजर डॉ. शिल्पा खड़पकर, सहायक जिला सैनिक कल्याण अधिकारी सत्येंद्र कुमार चावरे, माणिक इंगले आदि उपस्थित थे.
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वीरपत्नी प्रमिला नरेश बडोले का सत्कार करतीं विमला आर., साथ में जिला सैनिक कल्याण अधिकारी मेजर डॉ. शिल्पा खड़पकर.

इस अवसर पर वीरमाता की मीरा रामेशराव सताई और वीरपत्नी प्रमिला नरेश बडोले का कलेक्टर विमला आर. ने शॉल, श्रीफल और पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया.

कार्यक्रम की शुरुआत में कलेक्टर विमला आर. ने शहीद भूषण कुमार सताई और शहीद नरेश बडोले की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी.

जिला सैनिक कल्याण अधिकारी श्रीमती खड़पकर ने अपने परिचयात्मक भाषण में बताया कि कारगिल युद्ध 3 मई 1999 से 26 जुलाई 1999 तक चला. युद्ध 2 महीने, 3 सप्ताह और 2 दिन तक चला. इस लड़ाई में हमारे करीब 527 सैनिक शहीद हुए और 1363 घायल हुए. हमारे लिए गर्व का विषय है कि इस युद्ध में नागपुर जिले के सैनिकों ने भी भाग लिया था।

जिला कलेक्टर ने शहीदों के परिवारों का मनोबल बढ़ाया. उन्होंने कहा कि शहीदों को भुलाया नहीं जा सकेगा. उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि उनके परिवार को सरकारी योजनाओं में प्राथमिकता दी जाएगी.

सभी जरूरतमंद दिव्यांग रोजगार गारंटी योजना के जॉब कार्ड प्राप्त करें
नागपुर : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को गांव में ही रोजगार प्रदान करती है. इस योजना के अंतर्गत सभी दिव्यांगों को भी जॉब कार्ड प्राप्त करना चाहिए. जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी योगेश कुंभेजकर ने यह बात कही.

जिले में अब तक 2575 विकलांग हितग्राहियों को जॉब कार्ड जारी किए जा चुके हैं. जिसमें से 271 विकलांग व्यक्तियों को रोजगार प्रदान किया गया है. उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों को रोजगार के लिए जॉब कार्ड बनवाने की जरूरत है. इसके लिए वे अपने गांव के सरपंच, ग्राम सेवक और ग्राम रोजगार सेवक से संपर्क करें. जॉब कार्ड पंजीकृत करके रोजगार प्राप्त किया जा सकता है.

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