– नए आश्वासन देने के बजाय पुराने आश्र्वासन पूरा करें
– भगतसिंह कोशियारी कमिटी की सिफारिशें लागू करें
नागपुर : इपीएस 95 के तहत सेवानिवृत्तों के लिए 5 हजार रुपए पेंशन देने संबंधी समाचार प्रसारित कर सेवानिवृत्तों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने पर दादा झोड़े ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने सरकार से कड़े शब्दों में कहा है कि देश के लाखों ज्येष्ठ नागरिकों के साथ हंसी-ठिठोली करना बंद करें. दादा झोड़े इम्प्लाई पेंशन (1995) कोआर्डिनेशन कमिटी के कानूनी सलाहकार एवं मातोश्री जनसेवा सामाजिक संस्थान के अध्यक्ष हैं. पिछले माह केंद्रीय श्रम मंत्रालय की सलाहकार समिति द्वारा गठित लेबर पैनल की बैठक के हवाले से इपीएस 95 के पेंशनरों का पेंशन 5000 रुपए बढ़ाने की खबर प्रचारित की जा रही है.
बुधवार बीत गया, पेंशन संबंधी कोई खबर नहीं आई..!
हाल ही में दैनिक समाचार पत्रों के माध्यम से संगति क्षेत्र के कर्मचारियों के “एम्प्लाईज पेन्शन फंड” के अंतर्गत देय पेंशन की न्यूनतम रकम 5,000 रुपए करने के बारे में विगत बुधवार को फैसला होने की खबर प्रचारित की गई. संगठित और असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को इपीएफओ अधिक फायदा कैसे दे, इस संबंध निर्णय लेने के लिए इस समिति (पैनल) की स्थापना की गई है. खबर प्रचारित की गई कि इस समिति की बैठक बुधवार 28 अक्टूबर को होने वाली है..इस खबर से सभी वृद्ध इपीएस 95 पेंशनरों में हर्ष का वातावरण निर्माण हो गया. परंतु वह बुधवार बीत गया, पेंशन संबंधी कोई खबर नहीं आई.
दादा झोड़े ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि इस समिति की पहली बैठक 21 अक्टूबर को हुई थी. इस बैठक में पहले यह मुद्दा लाया गया था. बैठक में समिति ने इपीएएफओ को संगठित क्षेत्र के साथ असंगठित क्षेत्र के लिए पेंशन बढ़ाने के संबंध में आवश्यक रकम की उपलब्धता और आंकड़े उपलब्ध कराने का निर्देश दिए थे. उन्होंने बताया कि लेकिन इससे पूर्व भगतसिंह कोशियारी कमिटी द्वारा न्यूनतम 3,000 रुपए मासिक पेन्शन और उस पर महंगाई भत्ता देने की सिफारिश के बाद एक अन्य उच्चाधिकार कमिटी ने न्यूनतम 2,000 रुपए पेंशन देने की सिफारिश की थी. झोड़े ने इस बात पर हैरानी जताते हुए कहा कि लेकिन दोनों में से किसी एक की सिफारिश पर भी अमल नहीं किया गया. अब सिफारिश के लिए एक अन्य नई समिति की स्थापना की गई है. झोड़े ने आशंका व्यक्त की है कि इस नई कमिटी का मुख्य उद्देश्य कुछ और ही है. इसके माध्यम से केवल वृद्ध पेंशनरों में भ्रम फैलाने का कार्य किया जा रहा है.
चुनाव पूर्व दिए गए आश्वासन की पूर्ती करनी चाहिए सरकार को
दादा झोड़े ने कहा है कि यदि सरकार को वृद्ध गरीब पेंशनरों की जरा भी परवाह है तो सरकार और खासकर भारतीय जनता पार्टी की सरकार को आश्वासन देने की अपेक्षा चुनाव पूर्व दिए गए आश्वासन की पूर्ती करनी चाहिए. नई समिति गठित कर फिर 5,000 रुपए पेंशन देने के मृगमरीचिका वृद्ध पेंशनरों को नहीं दिखानी चाहिए.
झोड़े के कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने पिछले 2014 के लोकसभा चुनाव के समय सत्ता में आने पर 90 दिनों के भीतर भगतसिंह कोशियारी कमिटी की सिफारिशें लागू कर कम से कम 5000 रुपए पेंशन और महंगाई भत्ता लागू करने का आश्र्वासन दिया था. झोड़े ने सरकार और भाजपा से मांग की कि उस आश्वासन को अपनी नैतिक जिम्मेदारी मान कर प्रामाणिक रूप से उसे पूरा करें और भगतसिंह कोशियारी कमिटी की सिफारिश तत्काल लागू कराएं. साथ ही अब अधिक समय तक भरमाने का प्रयास न करें.
भारतीय जनता पार्टी ने मांग उठाई थी 2012-13 में ही
झोड़े ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी जब विपक्ष में थी, तब 2012-13 में इपीएफ-95 के अंतर्गत न्यूनतम पेंशन 3,000 रुपए करने और उस पर महंगाई भत्ता देने की मांग तत्कालीन कांग्रेस सरकार से करती रही थी. वर्तमान केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने तब राज्यसभा में इस आशय का पिटीशन दाखिल किया था. इनके पिटीशन पर तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार ने भाजपा नेता (वर्तमान राज्यपाल, महाराष्ट्र) भगतसिंह कोशियारी के नेतृत्व में कमिटी का गठन कर दिया था. इस कमिटी ने इपीएस 95 के अंतर्गत न्यूनतम पेंशन 3,000 रुपए करने और साथ में उस पर महंगाई भत्ता देने की सिफारिश करते हुए अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी थी. इसके बाद 2014 के लोकसभा के चुनाव में भाजपा ने वादा किया था कि हमारी सरकार सत्ता में आई तो 90 दिनों के भीतर हम भगतसिंह कोशियारी कमिटी की सिफारिश हम तत्काल लागू करेंगे.
वृद्ध पेंशनरों का जीवन जीने योग्य बनाए
झोड़े ने विज्ञप्ति में आश्चर्य व्यक्त किया है कि केंद्र की भाजपा अब सत्ता में दूसरी बार भी आसीन है, इसके बावजूद भगतसिंह कोशियारी कमिटी की रिपोर्ट लागू करने के बजाय वह नए सब्जबाग दिखाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि इपीएफ 95 के तहत पहले अपने पूर्व के दिए हुए आश्वासन को पूरा करे और वृद्ध पेंशनरों का जीवन जीने योग्य बनाने का कष्ट करे.