वाहनों के लिए फ्लेक्स-फ्यूल इंजन होगा जरूरी, 10 दिनों में सरकार लेगी फैसला
मुंबई : पेट्रोल की बढ़ती कीमत सेंचुरी पार कर चुकी है. इस भारी आर्थिक बोझ से त्रस्त लोगों के लिए एक राहत भरी खबर है. सरकार पेट्रोल के वैकल्पिक ईंधन और इंजन पर शीघ्र ही फैसला लेने वाली है. इस ईंधन की कीमत 60 रुपए से 62 रुपए प्रति लीटर होगी. यह जानकारी केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने यहां दी.
उन्होंने कहा की ईंधन की कीमतों ने उपभोक्ताओं को बुरी तरह प्रभावित किया है. यह बार-बार देखा गया है कि पेट्रोलकी बढ़ती कीमतों पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है. ऐसा इसलिए है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल-डीजल की कीमतें तय होती हैं. इसलिए सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमत पर कोई फैसला नहीं ले सकती है. लेकिन सरकार के पास एक वैकल्पिक समाधान है. पेट्रोल को बहुत कम दरों वाले ईंधन से बदला जा सकता है. यह ईंधन है- इथेनॉल.
वाहनों में फ्लेक्स-फ्यूल इंजन जरूरी
लेकिन, गड़करी ने बताया कि इसके लिए वाहनों में फ्लेक्स-फ्यूल इंजन जरूरी है. अतः इस इंजन की अनिवार्यता पर केंद्र सरकार अगले 8 से 10 दिनों में बड़ा फैसला लेने वाली है. ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए ऐसे इंजन अनिवार्य किए जाएंगे. फ्लेक्स फ्यूल, फ्लेक्सिबल फ्यूल है. केंद्रीय मंत्री के मुताबिक इस वैकल्पिक ईंधन की कीमत 60 से 62 रुपए प्रति लीटर होगी.
अब जबकि पेट्रोलकी कीमत 103 रुपए तक जा पहुंची है, इथेनॉल को सबसे अच्छा वैकल्पिक ईंधन माना जा रहा है. इथेनॉल ईंधन के इस्तेमाल से पेट्रोल उपभोक्ताओं को 30-35 रुपए तक की बचत होगी. नितिन गड़करी ने कहा, “मैं परिवहन मंत्री हूं. मैंने न केवल पेट्रोल इंजन, बल्कि फ्लेक्स-फ्यूल इंजन भी बनाने के आदेश जारी किए हैं.” ऐसे में ग्राहकों के पास अब दो विकल्प होंगे.
ग्राहकों के पास अब दो विकल्प
पहला विकल्प यह है कि वे 100 प्रतिशत पेट्रोलका उपयोग कर सकते हैं, या 100 प्रतिशत इथेनॉल. गड़करी ने बताया, ‘ब्राजील, कनाडा और अमेरिका में वाहन कंपनियां फ्लेक्स फ्यूल का उत्पादन करती हैं. इन देशों में उपभोक्ताओं को 100 फीसदी पेट्रोल या 10 फीसदी बायो-एथेनॉल का विकल्प दिया जा रहा है.’
2030 तक सेंट-परसेंट इथेनॉल
ज्ञातव्य है कि हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “प्रदूषण को कम करने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए पेट्रोलके साथ 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण करने का लक्ष्य था. पिछले साल, सरकार ने 2022 तक पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल और 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण करने का लक्ष्य रखा था. 2030 तक सेंट-परसेंट इथेनॉल.”