चर्चित मुजफ्फरपुर आश्रय गृह रेप कांड के मुख्य आरोपी से गहरे संबंध थे पति के
मेडिकल जांच में बालिका गृह की 34 लड़कियों के यौन उत्पीड़न की हुई थी पुष्टि
*सीमा सिन्हा,
पटना : बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में इस बार भी सभी पार्टी ने दागियों और अपने क्षेत्र के बाहुबलियों को अपना उम्मीदवार बना ही लिया है. सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) भी इस मामले में पीछे नहीं है. फिलहाल इस समय चर्चा में है- जेल की हवा खा चुकीं जदयू की दागी उम्मीदवार पूर्व मंत्री मंजू वर्मा. पार्टी ने उन्हें बेगूसराय जिले से अपना उम्मीदवार बनाया है.
मंजू वर्मा फिलहाल जमानत पर हैं. उनके पति का घिनौने अपराध से जुड़ाव जग जाहिर है. बिहार का बहुचर्चित मुजफ्फरपुर आश्रय गृह रेप कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर से जुड़े थे उनके पति चंद्रशेखर वर्मा. ब्रजेश ठाकुर पर आश्रय गृह में रहने वाली कई लड़कियों ने अपने साथ दुष्कर्म करने और करवाने का आरोप लगाया था. टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज द्वारा राज्य के समाज कल्याण विभाग को सौंपी गई एक ऑडिट रिपोर्ट में मुजफ्फरपुर बालिका गृह में यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया था. जांच शुरू हुई तो आंच पहुंच गई थी मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा पर भी. उस वक्त मंजू वर्मा नीतीश सरकार में समाज कल्याण मंत्री थीं.
संगीन आरोप लगते ही मंत्री के पति फरार हो गए थे. मामले की जांच के दौरान पता चल गया था कि उनके पति चंद्रशेखर वर्मा के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के साथ कथित तौर करीबी संबंध थे. आखिरकार 19 नवंबर 2018 को चंद्रशेखर वर्मा ने खुद कोर्ट में आकर तब सरेंडर किया, जब घर पर पड़े सीबीआई के छापे में अवैध हथियार और करीब 50 कारतूस बरामद हुए.
मंत्री के पति का नाम इस मामले में सामने आने के बाद तो भारी हड़कंप भी मचा. फिर भी काफी दिनों तक वे मंत्री के पद पर बनी रहीं, लेकिन जब सरकार की किरकिरी होने लगी, तब उन्होंने 8 अगस्त 2018 को मंत्री पद से इस्तीफा दिया. जदयू को मंजू वर्मा को पार्टी से भी निकालना पड़ गया था. लेकिन जांच से बचने के लिए वे फरार हो गई थीं. 12 नवंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने मंजू वर्मा के घर से हथियार बरामद होने से संबंधित मामले में उन्हें गिरफ्तार न किए जाने पर नाराजगी जताई थी और राज्य के डीजीपी को भी तलब किया था.
सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद बिहार पुलिस ने मंजू वर्मा के बेगूसराय स्थित घर के बाहर संपत्ति जब्त करने का नोटिस लगाया, तब जाकर मंजू वर्मा ने 20 नवंबर 2018 को बेगूसराय की अदालत में आत्मसमर्पण किया था.