तेजस्वी

तेजस्वी और तेज प्रताप पर एसटी नेता की हत्या का आरोप

बिहार विधानसभा चुनाव 2020
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*सीमा सिन्हा,
पटना (बिहार) :
राजद नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव विस चुनाव के पूर्व हत्या के गंभीर आरोप से घिर गए हैं. दोनों राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के पुत्र हैं. इन दोनों भाइयों समेत छह लोगों पर हत्या का मामला पूर्णिया जिले में दर्ज कराया गया है.

तेजस्वी
मृतक शक्ति मालिक की पत्नी खुशबू देवी, जिनके बयान के आधार पर तेजस्वी और तेजप्रताप समेत छह लोगों के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज की गई है.

तेजस्वी और तेज प्रताप समेत छह लोगों पर पार्टी के एक पूर्व नेता शक्ति मलिक की हत्या के मामले में शामिल बताया गया है. मलिक की हत्या रविवार सुबह को हुई. वे राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अनुसूचित जाति-जनजाति प्रकोष्ठ के सचिव रह चुके थे. तेजस्वी, तेज प्रताप या राजद की ओर से अभी इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. एफआईआर में अन्य चार- अनिल कुमार साधु, कालू पासवान, सुनीता देवी और मनोज पासवान के भी नाम दर्ज हैं. अनिल कुमार साधु लोक जनशक्ति पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के दामाद हैं और वे राजद के अनुसूचित जाति-जनजाति प्रकोष्ठ के पूर्णिया जिले के अध्यक्ष हैं.

पूर्णिया के पुलिस अधीक्षक विशाल शर्मा के अनुसार, मृतक शक्ति मालिक की पत्नी खुशबू देवी के बयान के आधार पर छह लोगों के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज की गई है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

शक्ति मलिक के करीबी लोगों का दावा है कि मलिक अररिया जिले के रानीगंज विधानसभा क्षेत्र से पार्टी की टिकट मांग रहे थे. उनका आरोप है कि लेकिन टिकट के लिए उनसे 50 लाख रुपए की मांग स्वयं तेजस्वी यादव ने किया था और उन्हें अपमानित कर भगा दिया था. इससे क्षुब्ध हो शक्ति मालिक निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी में जुट गए थे.

इसी संबंध में हाल में शक्ति मलिक ने एक वीडियो भी जारी किया था. वीडियो में उन्होंने पार्टी नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए थे. शक्ति मलिक ने वीडियो में आरोप लगाया था कि टिकट के बदले उनसे पार्टी फंड में बड़ी रकम जमा करने की मांग की गई थी. स्थानीय लोगों के अनुसार पार्टी नेतृत्व के व्यवहार से क्षुब्ध शक्ति मलिक ने अररिया जिले के रानीगंज विधानसभा क्षेत्र से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ने का मन बना लिया था.

शक्ति मलिक की मां मालती देवी ने बताया कि रविवार सुबह लगभग छह बजे तीन लोगों ने उनके पूर्णिया स्थित आवास में घुसकर उनकी हत्या कर दी. गोली सर और छाती पर लगी थी. तीनों के मुंह ढके हुए थे. परिवार के लोग उनको तुरंत पूर्णिया के सदर अस्पताल लेकर जा रहे थे, लेकिन वहां पहुंचने के पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी.

इस मामले पर राष्ट्रीय जनता दल की ओर से कोई प्रतिक्रया जारी नहीं की गई है. इस संबंध में पार्टी की प्रतिक्रिया जानने के लिए के कई नेताओं से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन किसी से बात नहीं हो सकी.

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