CVC का बुलावा  : नीरी के दागी नहीं जाएंगे दिल्ली, कोरोना बना बहाना

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करोड़ों के घोटाले में पूछताछ के लिए केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने किया था तलब

नागपुर : राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी), नागपुर में करोड़ों के फर्जीवाड़े और घोटाले में 13 लोगों (लिप्त बताए जाने वाले अफसरों और उनमें गवाहों समेत) को केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने दिल्ली तलब किया था. नीरी से ऐसी गंभीर शिकायत मिलाने पर सीवीसी ने एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन किया है. इसी कमेटी के समक्ष सभी को उपस्थित होना था.

पता चला कि इन सभी लोगों ने ‘कोरोना महामारी के कारण दिल्ली जाना संभव नहीं होना’, कारण बताया है. बताया गया कि अब CVC की जांच कमेटी ने सभी संबंधितों को इ-मेल से प्रश्न भेज दिए हैं. इनसे मेल के माध्यम से अपने जवाब 27 सितम्बर तक भेजने का निर्देश दिया गया है.

ज्ञातव्य है कि नीरी के कई प्रोजेक्ट में रिसर्च और कंसल्टेंसी के नाम पर फर्जी कंपनियों को करोड़ों का भुगतान किया गया. इनमें से कुछ कंपनियों के डायरेक्टरों में नीरी में ही कार्यरत कुछ डेली वेजेज कर्मियों के भी नाम बताए जाते हैं. कुछ कंपनियों के नाम और पते भी फर्जी पाए गए हैं.    

सूत्रों के अनुसार इन घोटालों के अलावा नीरी में पिछले दिनों हुई नियुक्तियों गड़बड़ी की शिकायत भी की गई थी. इसके अलावा संस्थान के माध्यम से कुछ लोगों को अनियमित ढंग से पी.एचडी दिए जाने के भी मामले की शिकायत की गई है. सतर्कता आयोग की जांच कमेटी ने घोटालों के साथ-साथ संबंधितों से इन गड़बड़ियों के बारे में भी सवाल किए हैं. जांच कमेटी को जांच से सम्बंधित अपनी रिपोर्ट आगामी 30 सितंबर तक CVC के महानिदेशक को सौंप देनी है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार इस प्राथमिक जांच के बाद सतर्कता आयोग (CVC) एक अन्य जांच कमेटी गठित कर सकती है, जो इन सभी से विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी पूछताछ शुरू कर सकती है. अथवा यह जांच समिति नीरी पहुंच कर सभी से प्रत्यक्ष रूप से भी पूछताछ कर सकती है.

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद से संबद्ध नागपुर स्थित राष्ट्रीय पर्यावरण अभि‍यांत्रिकी अनुसंधान संस्‍थान (CSIR-NEERI) भारत सरकार द्वारा बनाया और वित्त पोषित एक शोध संस्थान है.

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