भय्यूजी ने आखिरी समय में बीबी-बेटी से मानो रिश्ता ही तोड़ लिया था

एक और सुसाइड नोट : पूरी दौलत अपने करीबी सेवादार विनायक को सौंप दी इंदौर : भय्यूजी महाराज आत्महत्या मामले में एक और सुसाइड नोट बरामद होने से नया मोड़ आ गया है. जिसमें भैय्यू जी ने अपनी पूरी संपत्ति उनके सेवादार और सबसे करीबी विनायक के नाम की है. विनायक पिछले 15 सालों से भय्यू जी महाराज के साथ है. उसे भैय्यू जी का सबसे करीबी बताया जाता है. सुसाइड नोट के दूसरे पन्ने में भैय्यू जी ने अपने आश्रम, प्रॉपर्टी और वित्तीय शक्तियों की सारी जिम्मेदारी विनायक को दी है. पूरी जिम्मेदारी विनायक को सौपने की इच्छा जताई है सुसाइड नोट में भय्यूजी महाराज ने लिखा कि मैं विनायक पर ट्रस्ट करता हूं. इसलिए उसे ये सारी जिम्मेदारी देकर जा रहा हूं और ये मैं बिना किसी दबाव के लिख रहा हूं. जब भैय्यू जी ने खुद को गोली मारी तब विनायक भी घर पर ही मौजूद था. कौन है यह विनायक विनायक मूलतः महाराष्ट्र के अहमदनगर के रहने वाले हैं. बताते हैं कि विनायक करीब दो दशक पहले महाराष्ट्र से इंदौर आए थे. कुछ दिन इंदौर में गुजारने के बाद वह महाराष्ट्र से जुड़े और इंदौर में रहने वाले रसूखदार लोगों की मदद से भय्यूजी महाराज के साथ जुड़ गए. वक्त गुजरने के साथ विनायक ने काम करने के तरीके और सादगी से भय्यूजी महाराज का विश्वास जीत लिया. परिवार और आश्रम के लोगों से पुलिस कर रही है पूछताछ पुलिस ने भैय्यू जी की लाश के पास से सुसाइड नोट के अलावा रिवॉल्वर, मोबाइल, टैब, लैपटॉप, फोन सहित 7 गैजेट्स जब्त कर लिए हैं. परिवार और आश्रम से जुड़े लोगों से पूछताछ की जा रही है. वहीं, डीआईजी हरिनारायणाचारी मिश्र ने कहा कि, "सुसाइड नोट में विनायक के बारे में ज़िक्र है. यह शख्स 15-16 सालों से उनकी देखरेख करते थे. उनके ही साथ रहते थे. उस तथ्य के बारे में भी पुलिस ज़रूर जांच करेगी. संभावना है कि वे भावनात्मक तौर पर उनके काफी करीब रहे होंगे, इसलिए उनका नाम लिखा गया है." जांच में यह भी सामने आया है कि स्वयं को गोली मारे जाने के समय घर में भय्यू महाराज, मां व सेवक विनायक और योगेश थे. पत्नी डॉ. आयुषी बाहर गई थीं. उसके अलावा दो सेवादार और थे, जिन्हें सुबह 11 बजे उन्होंने नीचे भेज दिया था और स्वयं पुणे में रहने वाली बेटी कुहू के कमरे में चले गए थे.

शरद पवार से सावधान रहे जनता : उद्धव

'सामना' के अग्रलेख से राष्ट्रवादी नेता पर साधा निशाना मुंबई : शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र की जनता को आगाह किया है कि वे राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष शरद पवार से सावधान रहें. अपनी पार्टी के मुखपत्र "सामना" के अग्रलेख में लोगों को आगाह करते हुए उन्होंने लिखा है कि "राष्ट्रवादी के अध्यक्ष शरद पवार की समझ बदल गई है. उनका आत्मविश्वास डगमगा गया है. कोरेगांव-भीमा दंगे के बाद शरद पवार के राष्ट्रवादी ने जातिवाद का दामन थाम लिया है. राज्य की जनता को उनसे सावधान रहने की जरूरत है. उल्लेखनीय है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस प्रमुख शरद पवार ने हाल ही में एक वक्तव्य में कहा था कि राष्ट्रवादी के मंच पर 'पुणेरी पगड़ी' से स्वागत न कर 'फुले पगड़ी' से स्वागत किया करें. शरद पवार के इसी वक्तव्य पर उद्धव ने 'सामना' के अग्रलेख के माध्यम से उन पर निशाना साधा है. अग्रलेख में उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश के मुझफ्फरनगर, कैराना में धार्मिक दंगे कर मतों का धार्मिक ध्रुवीकरण किया गया. अब महाराष्ट्र में भी जातीय ध्रुवीकरण करने का निःकृष्ट प्रयास शुरू किया जा रहा है. शरद पवार ने अब जिस एक ‘पगड़ी' की राजनीति शुरू की है, वह महाराष्ट्र के लिए घातक है. उद्धव ठाकरे ने अग्रलेख में कहा है कि जो व्यक्ति राज्य का तीन-चार बार मुख्यमंत्री रहा हो, उसके मुंह से ऐसी बात शोभा नहीं देती.

विषपान कर नन्हीं बेटी के साथ फांसी पर झूल गए पति-पत्नी

माता-पिता से झगड़ कर घर से मंगलवार को ही निकल गए थे रवि लाखे वर्धा : जिले की छोटी आष्टी के एक बच्चा और पति-पत्नी का शव फांसी से झूलते हुए मिले. प्राप्त जानकारी के अनुसार इनके नाम अनिल नारायण वानखड़े (37), उनकी पत्नी स्वाती अनिल वानखड़े और डेढ़ वर्ष की बेटी आस्था बताई जाती है. इन तीनों के शव आज बुधवार की सुबह अपर वर्धा डैम परिसर के एक पेड़ से झूलते देखे गए. बताया जाता है कि घर में माता-पिता से हुए विवाद के बाद अनिल वानखेड़े अपनी पत्नी और बेटी आस्था के साथ घर से कल मंगलवार की शाम को ही निकल गए थे. पुलिस को आशंका है कि पेड़ से फांसी पर झूलने से पूर्व उन्होंने जहरीले पदार्थ का सेवन किया है. पुलिस ने उनके शव पोस्टमार्टम के लिए भेज कर जांच शुरू कर दी है.

तीन वजहों ने उजाड़ दी भय्यूजी महाराज की जिंदगी

दूसरी पत्नी और बेटी के कलह ने घोल दिया था उनके जीवन में जहर इंदौर से प्रकाशित दैनिक अखबार "नई दुनिया" ने प्रतिष्ठित संत भय्यूजी महाराज की अचानक ऐसी आत्महत्या की वजहों को खंगाला है. आखिर ऐसी कौन सी वजह थी, जिसने जीवन जीने की राह दिखाने वाले, किसानों, गरीबों और देश के आम जान-जीवन से जुड़ी की समस्याओं को सुलझाने में जुटे रहने वाले, शांत स्वभाव के, मिलनसार, कभी किसी पर नाराज नहीं होने वाले और किसानों को आत्महत्या करने से रोकने के लिए बेचैन रहने वाले भय्यू महाराज को ही आत्महत्या का मार्ग अपनाना पड़ गया? उनका अंतिम संस्कार आज दिन के 1 बजे होगा. प्रस्तुत है "नई दुनिया" की यह रिपोर्ट- इंदौर (नई दुनिया) : दुनिया को संयम और मुक्ति की सीख देने वाले भय्यू महाराज, दूसरी पत्नी डॉ. आयुषी और बेटी कुहू के बीच चल रहे विवाद से टूट गए थे. दर्जनों ऐसे मौके आए जब पत्नी और बेटी आमने-सामने हो गई. दोनों के बीच सुलह और सब कुछ सामान्य करने के प्रयास भय्यू महाराज करते रहे, लेकिन स्थिति सुधरने के बजाय बिगड़ती चली गई. मंगलवार को बेटी पुणे से इंदौर आने वाली थी, तब उनके घर मौजूद परिजन और कर्मचारियों को भी विवाद होने का भय सता रहा था. भय्यू महाराज को भी शायद इस बात का अंदेशा हो गया था. हजारों लोगों को उनकी समस्याओं का चुटकियों में हल बताने वाले भय्यू महाराज शायद जब अपनी समस्या का हल नहीं तलाश पाए तो उन्होंने खुद की जीवनलीला समाप्त कर ली. आज दोपहर एक बजे भय्यूजी महाराज का अंतिम संस्कार होगा. कलह की पहली वजह : बेटी को पिता की दूसरी शादी पसंद नहीं थी जानकारी के मुताबिक दूसरी पत्नी को घर लाते ही बेटी ने पूजा का सामान फेंक दिया. पहली पत्नी माधवी के निधन के बाद भय्यू महाराज ने डॉ. आयुषी से शादी करने के निर्णय के बारे में बेटी कुहू को नहीं बताया था. वह शादी से सहमत नहीं थी. गुस्से के कारण कुहू शादी में भी शामिल नहीं हुई. डॉ. आयुषी जब पहली बार घर आईं तो कुहू ने इसका विरोध किया. दोनों में कहासुनी भी हुई. कुहू ने गुस्से में भय्यू महाराज के पूजन स्थल से दीपक और सामान फेंक दिया. डॉ. आयुषी को इससे बहुत तकलीफ हुई. उन्होंने भय्यू महाराज से कहा- 'तुमने कुहू की इस हरकत का विरोध क्यों नहीं किया.' भय्यू महाराज ने कहा कि बेटी नादान है. उसकी मां इस दुनिया में नहीं है. समय के साथ-साथ सब सामान्य हो जाएगा. डॉ. आयुषी को बुरा लगा. वह कुहू की हरकत से ज्यादा इस बात से दुखी हुई कि उनके पति ने उनका साथ नहीं दिया. कलह की दूसरी वजह : घर से हटवा दी पहली पत्नी की तस्वीरें डॉ. आयुषी ने शादी के कुछ समय बाद मकान का रंगरोगन करवाया. पुताई के दौरान उन्होंने कुहू की मां व भय्यू महाराज की पहली पत्नी माधवी की सारी तस्वीरें हटवा दीं. जब कुहू पूणे से घर आई और मां की तस्वीरें गायब देखी तो हंगामा कर दिया. डॉ. आयुषी और कुहू के बीच जमकर कहासुनी हुई. उस वक्त भी भय्यू महाराज बेटी के...

लालू परिवार की 44.75 करोड़ की 11 जमीनें जब्त

बढ़ीं मुश्किलें : राबड़ी देवी, तेजस्वी, तेजप्रताप भी हैं साझेदार, ईडी की बड़ी कार्रवाई सीमा सिन्हा पटना : आईआरसीटीसी होटल धनशोधन मामले में 44.75 करोड़ रुपए कीमत की 11 जमीनें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जब्त की. इन जमीनों से संबंधित कंपनी के प्रबंध साझेदारों में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की पत्नी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और साझेदारों के रूप में पूर्व उपमुख्यमंत्री और देते तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव तथा राजद के विधायक अबु दुजाना की कंपनी मेरीडियन कंस्ट्रक्शन इंडिया लिमिटेड के नाम पर हैं. ईडी ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद के परिवार से जुड़ी इस कंपनी डिलाइट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (अब लारा प्रोजेक्ट्स एलएलपी) के नाम पर इन जमीनों को कुर्क किया था. हाल में धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) से जुड़े मामलों की सुनवाई करने वाले एक प्राधिकारी ने ईडी को जब्त संपत्तियां अपने कब्जे में लेने की इजाजत दी थी. अधिकारियों ने कहा कि पटना के दानापुर इलाके में करीब तीन एकड़ क्षेत्रफल में एक-दूसरे से सटी हुई इन जमीनों पर एक बड़ा नोटिस बोर्ड लगाया गया है और कब्जे के दस्तावेजों को अधिसूचित किया गया है. नोटिस बोर्ड पर दिल्ली जोनल ऑफिस -1 के सहायक निदेशक के दस्तखत हैं. उन्होंने बताया कि पीएमएलए की धारा -8 के तहत यह कार्रवाई की गई है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने आईआरसीटीसी होटल आवंटन मामले में पिछले साल दिसंबर में पीएमएलए के तहत 44.75 करोड़ रुपए (बाजार दर) की जमीनें अस्थायी तौर पर कुर्क की थी. प्राधिकारी ने अपने हालिया आदेश में कहा था कि यह संपत्तियां ‘‘धनशोधन में शामिल’’ थीं. यह जमीनें डिलाइट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (अब लारा प्रोजेक्ट्स एलएलपी), जिसके प्रबंध साझेदार लालू की पत्नी राबड़ी देवी और साझेदारों के रूप में तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव एवं राजद के विधायक अबु दुजाना की कंपनी मेरीडियन कंस्ट्रक्शन इंडिया लिमिटेड के नाम पर हैं.

भय्यूजी महाराज ने कर ली आत्महत्या, भारी तनाव बना कारण

कारण ढूंढने में जुटी इंदौर पुलिस, पूरे देश में बनी थी पहचान इंदौर : चर्चित संत भय्यूजी महाराज की आज मंगलवार की दोपहर गोली लगने से मृत्यु हो गई. प्रारंभिक जानकारी के अनुसार भय्यूजी महाराज ने खुद को गोली मारी और मौके पर ही उनकी मौत हो गई. अस्पताल के सूत्रों के अनुसार जब उन्हें लाया गया, तब वे मृत अवस्था में थे. घटना होने के तुरंत बाद ही उन्हें उनके आश्रम के सेवादार गाड़ी से बॉम्बे हॉस्पिटल लेकर आए. जांच के बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. सुसाइड नोट में किया भारी तनाव का जिक्र भय्यूजी महाराज का सुसाइड नोट (मृत्युपूर्व बयान) भी सामने आया है. इससे पता चलता है कि भारी तनाव के कारण उन्होंने आत्महत्या जैसा कदम उठाया. अंग्रेजी में लिखे गए सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा है, "किसी को वहां परिवार की देखभाल के लिए होना चाहिए... मैं जा रहा हूं..अत्यंत तनावग्रस्त, परेशान था." (Some body should be there to handle duities of family.... I am leaving to much stresed out, fedup....) दो वाक्य के इस सुसाइड नोट में दोनों वाक्यों के नीचे उनके हस्ताक्षर हैं. बेटी को लेकर दूसरी पत्नी से अक्सर होती थी झड़प इंदौर के पुलिस उपमहानिरीक्षक हरिनारायणचारी मिश्र ने कहा, 'उन्होंने मानसिक तनाव का जिक्र तो किया है, लेकिन इसकी वजह क्या हो सकती है, यह साफ़ नहीं हो सका है. वह जांच का विषय है. उन्होंने बताया कि प्रारम्भिक पूछताछ से पता चला है कि बेटी को लेकर दूसरी पत्नी से अक्सर उनकी झड़प होती रहती थी. कौन थे भय्यूजी महाराज भय्यूजी महाराज का वास्तिवक नाम उदयसिंह देशमुख था. वे शाजुलपुर अत्यंत समृद्ध जमींदार परिवार से थे. इंदौर में बापट चौराहे पर उनका आश्रम है, जहां से वे अपने ट्रस्ट के सामाजिक कार्यों का संचालन करते थे. आध्यात्मिक क्षेत्र में आने से पूर्व उन्होंने एक मशहूर टेक्सटाइल मिल के कपड़ों की मॉडलिंग भी किया था. उनकी पहली पत्नी का नाम माधवी था, जिनका नवंबर 2015 में निधन हो चुका है. माधवी से उनकी एक बेटी कुहू है, जो फिलहाल पुणे में पढ़ाई कर रही है. भय्यू महाराज ने दूसरी शादी डॉ. आयुषी से 30 अप्रैल 2017 में की थी, जो उनके साथ कई वर्षों से उनके ही आश्रम में सेवा में लगी थी. हर वर्ग में थी पहुंच भय्यूजी महाराज की हर क्षेत्र में पहुंच थी. फिल्म हो, राजनीति हो या फिर समाजसेवा, वे हर जगह सक्रिय थे. उनके आश्रम में वीआईपी संत आते थे. देश के कई बड़े राजनेता, अभिनेता, गायक और उद्योगपति उनके आश्रम आ चुके हैं. इनमें पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, पीएम नरेंद्र मोदी, शिवसेना के उद्धव ठाकरे और मनसे के राज ठाकरे, लता मंगेशकर, आशा भोंसले, अनुराधा पौड़वाल, फिल्म एक्टर मिलिंद गुणाजी भी शामिल हैं. ऐसे देश भर में पहचान बनी थी भय्यूजी महाराज की भय्यूजी महाराज तब मीडिया की नजरों में आए जब अन्ना हजारे के अनशन को तुड़वाने के लिए तत्कालीन केंद्र सरकार ने उन्हें अपना दूत बनाकर भेजा था. बाद में अन्ना ने उनके हाथ से जूस पीकर अनशन तोड़ा था. वहीं पीएम बनने के पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी सद्भावना उपवास पर बैठे थे. तब उपवास खुलवाने...

6 राष्ट्रीयकृत बैंकों पर गिराने वाली है गाज

रिजर्व बैंक की कार्रवाई से नहीं दे सकेंगे लोन, बढ़ा नहीं सकेंगे ब्रांच की संख्या नई दिल्ली : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) 6 राष्ट्रीयकृत बैंकों के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई करने जा रहा है. रिजर्व बैंक अब इन 6 और बैंकों को प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन (पीसीए) श्रेणी में डाल सकता है. अगर ऐसा हुआ तो लोगों को इन बैंकों से लोन लेने में दिक्कत होगी. क्योंकि, इस श्रेणी में आने के बाद बैंक लोन नहीं दे सकेंगे. पीएनबी को मजबूत करने की सरकार की योजना को झटका इन बैंकों देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक भी शामिल है. आरबीआई के इस फैसले से वित्त मंत्रालय की उस योजना को भी झटका लग सकता है, जिसमें कमजोर बैंकों के कर्ज को मजबूत बैंकों को बेचने की योजना थी. लोन बांटने पर लग सकती है रोक इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार हो सकता है कि आरबीआई इन बैंकों को इनकी अन्य परफॉर्मेंस के आधार पर कुछ रियायत दे, लेकिन पीसीए में डाले जाने पर लोन बांटने पर पाबंदी तो लग जाती है. साथ ही ये बैंक अपनी ब्रांच की संख्या नहीं बढ़ा सकेंगे. उन्हें डिविडेंड पेमेंट रोकना पड़ सकता है. लोन देने पर भी कई शर्तें लगाई जाती हैं. वहीं, जरूरत पड़ने पर रिजर्व बैंक ऑडिट और रिस्ट्रक्चरिंग का भी आदेश दे सकता है. कौन हैं इस श्रेणी में शामिल अभी इस श्रेणी में इलाहाबाद बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, कॉरपोरेशन बैंक, आईडीबीआई बैंक, यूको बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, देना बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र शामिल हैं. इन सभी बैंकों पर लोन बांटने और ब्रांच संख्या बढ़ाने पर रोक है.

उपराज्यपाल कार्यालय में धरना दिए बैठे हैं केजरीवाल

मिलने से बच रहे राज्यपाल, सोमवार शाम से अन्य तीन मंत्री भी हैं बैठे साथ दिल्‍ली सरकार की तीन मांगें - 1- पहली अधिकारी कथित हड़ताल खत्म करें 2- दूसरा काम रोकने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई हो 3- तीसरा राशन की डोर टू डोर योजना पास की जाए. नई दिल्ली : दिल्‍ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और दो अन्य मंत्री गोपाल राय तथा सत्येंद्र जैन अपनी मांगों को लेकर सोमवार शाम से उपराज्यपाल अनिल बैजल के कार्यालय में धरना दिए बैठे हैं. मुख्यमंत्री केजरीवाल और उनके मंत्रियों ने उपराज्यपाल बैजल से आईएएस अधिकारियों को हड़ताल खत्म करने का निर्देश देने और ‘चार महीनों’ से कामकाज रोक कर रखे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने सहित तीन मांगें की है. केजरीवाल का आरोप है कि उपराज्यपाल इस मामले में ढीला-ढाला रवैया अपना रहे हैं. अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि उनके पास सीबीआई, पुलिस, ईडी, आईटी, आईएएस, एसीबी- सब कुछ है. फिर वे इतना घबराए क्यों हैं? हमारे साथ सत्य है, आत्मबल है. इसीलिए चेहरों पर सुकून और मुस्कान है. सत्य में बड़ी ताकत होती है.

भिवंडी कोर्ट में आज राहुल गांधी की पेशी

आरएसएस की मानहानि मुकदमें में तय हो सकता है आरोप मुंबई : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की मानहानि मुकदमें में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आज मंगलवार, 12 जून को महाराष्ट्र के भिवंडी की अदालत में पेश होने वाले हैं. मुंबई कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि पेशी के लिए राहुल गांधी मुंबई पहुंच चुके हैं. आरएसएस के खिलाफ राहुल की कथित टिप्पणियों को लेकर उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मानहानि मामले आज अदालत पेशी होनी है, जहां उनके खिलाफ आरोप तय भी हो सकता है. राहुल गांधी भिवंडी के दंडाधिकारी की अदालत में पेश होंगे. इस अदालत में आरएसएस के खिलाफ टिप्पणी करने के लिए उनके खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया गया है. कांग्रेस अध्यक्ष के वकील नारायण अय्यर ने कहा कि 2014 के मामले में अदालत उनके खिलाफ आरोप तय कर सकती है. राहुल गांधी ने छह मार्च, 2014 को एक चुनावी रैली में महात्मा गांधी की हत्या को आरएसएस से जोड़ दिया था. मिली जानकारी के अनुसार कोर्ट में पेशी के बाद राहुल गांधी शाम करीब चार बजे यहां मुंबई के गोरेगांव में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करेंगे. इसके बाद वे पार्टी के नगर सेवकों से भी बातचीत करेंगे. साथ ही वे ‘शक्ति’ नाम से एक परियोजना की भी शुरुआत करेंगे, जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद कायम किया जा सकेगा और विभिन्न मुद्दों पर उनकी राय ली जा सकेगी.

बिजली तार के स्पर्शाघात से पांच गौएं मृत

पी.वी. टेक्सटाइल मिल्स की बिजली टूटा तार पास के चारागाह में गिरा था समुद्रपुर (वर्धा) : नागपुर-चंद्रपुर मार्ग पर जाम स्थित चौरस्ते के समीप एक चारागाह में ज़िंदा विद्युत तार के स्पर्श से एक साथ पांच गायों की मौके पर ही मौत हो गई. यह ज़िंदा विद्युत तार पास के पी.वी. टेक्सटाइल मिल्स का था, जो तेज हवा के कारण टूट कर चारागाह में गिरा हुआ था. प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रतिदिन की तरह चरवाहा अपनी गायों को लेकर उस चारागाह में चराने के लिए ले गया था. खेत में घास चार रही गाएं अपराह्न 11 बजे के करीब खेत में गिरे उस विद्युत् प्रवाहित हो रहे तार की चपेट में आ गईं और मौके पर ही उनकी मौत हो गई. इस हादसे में मृत गौएँ चरवाहा भीमराव गावंडे समेत पशुपालक कैलाश बकले और अशोक बावने की थीं. पशुपालकों को 80-90 हजार रुपए का नुकसान हुआ है. इस हादसे की सूचना विद्युत विभाग के महावितरण अधिकारियों को और समुद्रपुर पुलिस को दी गई. पुलिस और महावितरण के अधिकारयों ने मौके का मुआयना किया. पुलिस ने मृत गायों के शव पोस्टमार्टम के लिए पशु चिकित्सालय भेज दिया और मामला दर्ज किया है. महावितरण के कर्मचारी खेत में पड़ा विद्युत तार काट कर अपने साथ ले गए.