कश्मीर घाटी के पत्थरबाजों, आतंकियों की अब खैर नहीं

शुरू होंगी बड़ी कार्रवाई व ऑपरेशंस, नहीं चलेगी राजनीतिक दखलंदाजी नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन की इस तैयारी शुरू कर है. यहां दिल्ली में भी उच्च स्तरीय बैठकों का दौर शुरू हो गया है. जम्मू-कश्मीर में राज्य के भविष्य को लेकर बड़े फैसलों लिए जा रहे हैं. जानकार सूत्रों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लगने के साथ ही आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशंस और पत्थरबाजों पर कार्रवाई में तेजी लाई जा सकती है. आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशंस में तेजी सूत्रों बताया कि कश्मीर में अमरनाथ यात्रा से पहले आतंकियों के खिलाफ कुछ बड़े ऑपरेशंस को अंजाम दिया जा सकता है. इसके लिए सेना की राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस दक्षिण कश्मीर के कुछ जिलों में बड़े स्तर पर अभियान चलाने की तैयारी भी कर रही है. 'ऑपरेशन किल टॉप कमांडर' और 'ऑपरेशन ऑल आउट' समझा जाता है कि सेना के जवान औरंगजेब और पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या की वारदातों के बाद अब सेना दक्षिण कश्मीर में कुछ बड़े ऑपरेशंस को अंजाम दे सकती है. इसके अलावा आने वाले दिनों में पैरा स्पेशल फोर्सेज के साथ 'ऑपरेशन किल टॉप कमांडर' और 'ऑपरेशन ऑल आउट' जैसे कुछ नए ऑपरेशंस भी शुरू किए जा सकते हैं. पत्थरबाजों से भी सख्ती से निपटने की तैयारी सेना के इन ऑपरेशंस के अलावा दक्षिण कश्मीर में पत्थरबाजों पर बड़ी कार्रवाई भी की जा सकती है. 2016 की हिंसा के दौरान कश्मीर में भाजपा-पीडीपी सरकार के दौरान 9 हजार से अधिक पत्थरबाजों पर केस दर्ज हुए थे. इन सभी पत्थरबाजों में एक बड़ी संख्या उन युवकों की थी, जिन्हें दक्षिण कश्मीर के जिलों से गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के कुछ महीनों बाद महबूबा सरकार ने सैकड़ों पत्थरबाजों पर से मुकदमे वापस ले लिए थे. सरकार का कहना था कि युवाओं को मुख्यधारा में लाने के लिए यह कदम उठाए गए हैं, जबकि विपक्षी पार्टियों का आरोप था कि महबूबा ने श्रीनगर और अनंतनाग सीटों पर होने वाले उपचुनाव के मद्देनजर लोगों के समर्थन के लिए ऐसा किया था. नहीं होगी कोई दखलंदाजी इस फैसले के बाद केंद्र की भाजपा सरकार को भी कई मोर्चों पर विरोध और आलोचना का सामना करना पड़ा था. ऐसे में अब यदि राज्यपाल शासन की स्थितियां बनती हैं तो फिलहाल 2019 के चुनाव तक पत्थरबाजों पर कार्रवाई पर कोई सियासी दखलंदाजी नहीं होगी. गृह मंत्री राजनाथ सिंह की रिपोर्ट पर भाजपा हो गई थी सक्रिय सूत्रों के अनुसार महबूबा सरकार से समर्थन वापसी की रणनीति 12 रोज पहले ही बनने लगी थी. दरअसल, अपने दौरे के बीच ही राजनाथ सिंह ने घाटी में सुरक्षा हालातों की समीक्षा की थी. इस दौरान राजनाथ सिंह ने अमरनाथ यात्रा को लेकर सुरक्षा एजेंसियों से रिपोर्ट भी ली थी, उन्होंने तीनों संभागों जम्मू, श्रीनगर और लद्दाख क्षेत्रों के पार्टी नेताओं से मुलाकात की थी. राजनाथ के इस दौरे के बाद दिल्ली में पीएम मोदी को इसकी रिपोर्ट सौंपी गई थी, जिसके बाद पार्टी की ओर से सरकार से समर्थन वापसी की कवायद शुरू कर दी गई थी.

जम्मू-कश्मीर में लुढ़की महबूबा मुफ्ती की सरकार

भाजपा ने समर्थन वापस लिया, गवर्नर रूल लागू करने की मांग की नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में भाजपा के सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल एन.एन. वोहरा को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. इसी दौरान भाजपा ने भी राज्य में गवर्नर रूल लागू करने की मांग की है. नई दिल्ली में भाजपा कोर कमिटी ने लिया फैसला राजधानी दिल्ली में भाजपा की कोर कमिटी की बैठक में पीडीपी सरकार से समर्थन वापस लेने का फैसला किया गया. भाजपा चीफ अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के सभी भाजपा नेताओं की राय जानी और फिर पार्टी ने सरकार से अलग होने का फैसला किया. भाजपा महासचिव राम माधव, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और जम्मू भाजपा के दूसरे नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर समर्थन वापसी के फैसले का ठीकरा महबूबा मुफ्ती पर फोड़ा. भाजपा नेताओं ने महबूबा पर आतंकवाद रोक पाने में असफल होने का आरोप लगाया. नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला मिले राजयपाल से जम्मू-कश्मीर में मुफ्ती सरकार गिरने के बाद राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने राज्यपाल एन.एन. वोहरा से मुलाकात की. उमर ने कहा, 'मैंने गवर्नर से मुलाकात की. मैंने उन्हें बताया कि न तो हमें 2014 में मैंडेट मिला और न ही अब हमारे पास मैंडेट है. न तो किसी ने हमें अप्रोच किया और न ही हमने किसी को अप्रोच किया है. किसी पार्टी के पास बहुमत नहीं उन्होंने बताया कि अभी किसी पार्टी के पास बहुमत नहीं है तो उन्हें गवर्नर रूल लागू करना ही होगा. मैंने अपनी पार्टी की तरफ से गवर्नर को भरोसा दिलाया है कि हम किसी भी स्थिति में उनका समर्थन करेंगे, लेकिन साथ ही गुजारिश भी की कि स्टेट में ज्यादा समय तक राज्यपाल शासन न हो, लोगों को उनके द्वारा चुनी गई सरकार के साथ आगे बढ़ने का मौका मिलना चाहिए. समर्थन वापसी के भाजपा के कदमों से अनजान थी पीडीपी पीडीपी के प्रवक्ता रफी अहमद मीर ने कहा, 'हमने सरकार चलाने के लिए भरपूर कोशिश की. यह तो होना ही था. यह हमारे लिए काफी चौंकाने वाला था, क्योंकि हमें उनके फैसले के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. वहीं पीडीपी के एक अन्य नेता ने कहा कि हम शाम को 5 बजे विस्तार से बात करेंगे, तब तक के लिए महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. भाजपा महासचिव राम माधव ने समर्थन वापसी के कारण गिनाए- - भाजपा महासचिव राम माधव ने कहा कि मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती राज्य में हालात नहीं संभाल पाईं. - रमजान के दौरान केंद्र सरकार ने शांति बहाल के लिए राज्य में सीजफायर किया था, पर न तो आतंकवादियों और न हुर्रियत से अच्छा जवाब मिला. - भाजपा ने राज्य के तीनों क्षेत्र के विकास के लिए कोशिश की. जम्मू, लद्दाख और कश्मीर क्षेत्र के समान विकास के लिए केंद्र ने पूरा सहयोग दिया पर राज्य सरकार द्वारा जम्मू क्षेत्र के साथ भेदभाव किया गया. - जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति के कारण पीडीपी-भाजपा गठबंधन टूट गया है. - श्रीनगर में एक बड़े पत्रकार की हत्या हो गई पर राज्य सरकार चुप रही. - राज्य में राज्यपाल शासन से...

विपक्षी समर्थन के अभाव में विफल रहा झारखंड बंद

आदिवासी सेंगेल और झारखंड दिशोम ने किया था भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ आह्वान बरुण कुमार रांची : भूमि अधिग्रहण बिल में संशोधन के खिलाफ झारखंड बंद विपक्षी दलों के समर्थन के अभाव में विफल रहा. आदिवासी सेंगेल अभियान और झारखंड दिशोम पार्टी ने सड़क जाम करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने इन्हें हिरासत में ले लिया. आदिवासी बहुल क्षेत्रों में भी बंद बेअसर बोकारो जिला के जारीडीह ब्लॉक स्थित तुपकाडीह सड़क को कुछ देर के लिए जाम किया गया. करीब 8.45 बजे पुलिस ने 20 लोगों को हिरासत में लेकर जाम खत्म करवा दिया. बोकारो जिला के अन्य क्षेत्रों में भी बंदी का असर नहीं दिखा. पुलिस और प्रशासन ने बंदी से निबटने के पुख्ता इंतजाम किये थे. लोहरदगा में भी बंदी बेअसर है. वाहनों का परिचालन सामान्य है. दुकानें, शिक्षण और सरकारी संस्थान खुले हैं. इसी प्रकार डाल्टनगंज, गढ़वा, रामगढ़, धनबाद, गिरीडीह, देवघर, दुमका सहित सिमडेगा और गुमला में भी बंद की आह्वान का कोई खास असर नहीं पड़ने का समाचार है. नहीं मिला कांग्रेस, झामुमो का समर्थन आदिवासी सेंगेल अभियान और झारखंड दिशोम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल के खिलाफ सोमवार (18 जून) को झारखंड बंद का एलान किया था. उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस समेत तमाम विरोधी दलों से बंद को समर्थन देने की अपील की थी, लेकिन किसी ने उनके आग्रह को स्वीकार नहीं किया. क्या है झारखंड भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल 2017 आदिवासी सेंगेल अभियान और झारखंड दिशोम पार्टी इस झारखंड भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल 2017 को आदिवासियों और मूलवासियों के लिए डेथ वारंट मानती है. ज्ञातव्य है कि झारखंड विधानसभा ने 12 अगस्त, 2017 को भूमि अर्जन-पुनर्वासन एवं पुनर्स्थापना में उचित प्रतिकार और पारदर्शिता का अधिकार, झारखंड संशोधन विधेयक-2017 पारित किया था. इसमें सोशल इम्पैक्ट के अध्ययन के प्रावधान को खत्म कर दिया गया. इससे सरकारी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, अस्पताल, पंचायत भवन, आंगनबाड़ी, रेल परियोजना, सिंचाई योजना, विद्युतीकरण, जलापूर्ति योजना, सड़क, पाइप लाइन, जलमार्ग और गरीबों के आवास बनाने के लिए जमीन का अधिग्रहण करने का रास्ता साफ हो गया. हालांकि, पिछले साल विधानसभा के मॉनसून सत्र में भू-अर्जन में सोशल इम्पैक्ट असेसमेंट खत्म करने पर विपक्ष की कड़ी आपत्ति के बावजूद भारी शोर-शराबे के बीच यह बिल ध्वनिमत से पारित हो गया था. बिल में संशोधन आदिवासियों के हित में : प्रदेश भाजपा झारखंड में सत्तारूढ़ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ने कल रविवार को संशोधन को आदिवासियों-मूलवासियों और रैयतों के हित में बताया. स्पष्ट किया कि सिर्फ सरकारी योजनाओं के लिए ही भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा और कृषि भूमि का अधिग्रहण विशेष परिस्थिति में ही किया जाएगा. किसी भी जिले में कुल शुद्ध बोया क्षेत्र (खेतिहर जमीन) के एक चौथाई से अधिक का अधिग्रहण नहीं किया जाएगा.

केंद्र सरकार की ‘उड़ान’ योजना : इलाहाबाद से नागपुर, इंदौर जेट की उड़ान शुरू

छोटे शहरों से विमान सेवा : कुंभ से पूर्व 5 और शहरों को जोड़ेंगे, लखनऊ, पटना भी जुड़े इलाहाबाद : छोटे शहरों से विमान सेवा शुरू करने की केंद्र सरकार की 'उड़ान' योजना तेजी से परवान चढ़ रही है. इसी कड़ी में इलाहाबाद से लखनऊ-पटना की फ्लाइट शुरू होने के बाद शनिवार को नागपुर-इंदौर के लिए भी फ्लाइट शुरू हो गई. नागपुर-इलाहाबाद-इंदौर की दो जेट एयरवेज की फ्लाइट में कुल 264 यात्रियों ने सफर किया. यात्रियों का बमरौली एयरपोर्ट पर स्वागत किया गया. इलाहाबाद से 14 जून को लखनऊ-पटना की फ्लाइट शुरू हुई. शनिवार से नागपुर-इलाहाबाद-इंदौर की फ्लाइट शुरू हो गई. नागपुर-इलाहाबाद की फ्लाइट में 66 और इलाहाबाद-इंदौर की फ्लाइट में 69 यात्रियों ने सफर किया. इंदौर-इलाहाबाद की फ्लाइट में 69 और इलाहाबाद-नागपुर की फ्लाइट में 60 यात्रियों ने उड़ान भरी. शनिवार को कुल 264 यात्रियों ने सफर किया. कुंभ से पहले इलाहाबाद से 13 शहरों के लिए फ्लाइट शुरू होनी है. चार शहरों के लिए फ्लाइट शुरू हो गई है. नौ शहरों के लिए अभी फ्लाइट शुरू होनी है. संभावना है कि अगले महीने से इंडिगो भी इलाहाबाद से अपनी फ्लाइट शुरू कर देगी. अभी जेट एयरवेज ने शुरू की है. हफ्ते में तीन दिन लखनऊ-पटना और तीन दिन नागपुर-इंदौर के लिए फ्लाइट है. 92 फीसद सीटें रहीं बुक जेट एयरवेज की एक फ्लाइट में 72 सीटें हैं. नागपुर-इलाहाबाद-इंदौर और इंदौर-इलाहाबाद-नागपुर की फ्लाइट में कुल 288 यात्री सफर कर सकते हैं. नागपुर से इलाहाबाद के लिए फ्लाइट सुबह 9.45 बजे उड़ान भरेगी, जो यहां 11.50 बजे पहुंचेगी. इलाहाबाद से इंदौर के लिए फ्लाइट दोपहर में 12.30 बजे है, जो 2.40 बजे वहां पर पहुंच जाएगी. इंदौर से इलाहाबाद के लिए फ्लाइट दोपहर में 3.10 बजे है, जो यहां पर 5.25 बजे पहुंच जाएगी. इलाहाबाद से नागपुर के लिए फ्लाइट शाम को 5.50 बजे हैं, जो 7.45 बजे वहां पर पहुंचेगी.

थैलेसीमिया, सिकल-सेल को जड़ से मिटाने की जरूरत : अमृता फड़णवीस

शिविर का किया उदघाटन, पीड़ित बच्चों का मनोबल बढ़ाया नागपुर : मुख्यमंत्री देवेंद्रजी फड़णवीस की धर्मपत्नी श्रीमती अमृता फड़णवीस ने आज यहां थैलेसीमिया और सिकलसेल जैसी बीमारियों को जड़ से मिटाने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने इस कार्य में समर्पित भाव से जुड़े डॉ. रुघवानी सहित इस कार्य में सहयोग कर रहे सभी लोगों की प्रशंसा की. वे डॉ विन्की रुघवानी हॉस्पिटल, जरीफटका में आज रविवार, 17 जून को आयोजित थैलेसीमिया और सिकलसेल शिविर का उदघाटन करते हुए यह बातें कही. कार्यक्रम की मुख्य अतिथि तौर पर उपस्थित हो कर उन्होंने थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों का मनोबल बढ़ाया और इन बच्चों के इलाज में पूर्ण सहयोग का आश्वासन भी दिया. इस मौके पर वे पीड़ित बच्चों से भी मिलीं और उन्हें पुरस्कार भी बांटे. कार्यक्रम में नागपुर मनपा की स्थायी समिति के अध्यक्ष विक्कीभाई कुकरेजा, थैलेसीमिया सोसाइटी ऑफ सेंट्रल इंडिया के अध्यक्ष डॉ विन्की रुघवानी, थैलेसीमिया सोसाइटी ऑफ सेंट्रल इंडिया के उपाध्यक्ष प्रताप मोटवानी, डॉ संगीता रुघवानी भी मंच पर उपस्तिथ थे. अमृताजी के आगमन पर कार्यक्रम के दौरान थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया. डॉ विन्की रुघवानी ने थैलेसीमिया जैसी बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता निर्माण के करने के लिए शहर के सभी सिनेमागृहों में स्लाइड्स चलवाने का आग्रह विक्की भाई से किया. उन्होंने मनपा की ओर से पूरी तरह सहयोग करने का आश्वासन दिया. प्रताप मोटवानी ने थैलेसीमिया की जागरूकता के लिए 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' एपिसोड के माध्यम से जागरूकता फैलाने का आग्रह अमृताजी से किया. अमृताजी ने भी अपनी ओर से पूरे सहयोग का आश्वासन दिया. कार्यक्रम में हरीश बाखरू, ईश्वर केसवानी, पंकज रुघवानी, दीपांश रुघवानी, आदित्य रुघवानी, अश्विन अग्रवाल मेहाडिया, राकेश सत्यवान कृपलानी, डॉ. जय दीपानी, नेहा परोहा, सोनल दयारामानी, नीरज परोहा आदि भी उपस्थित थे.

फिर मिला पावस अधिवेशन पूर्व महाराष्ट्र मंत्रिमंडल के विस्तार का संकेत

राज्य के वित्त मंत्री मुनगंटीवार ने जगाई विधायकों में आस, फिर भी है संभ्रम की स्थिति नागपुर : महाराष्ट्र विधानमंडल का अधिवेशन आगामी 4 जुलाई से नागपुर में आरम्भ होने वाला है. इस बीच बहुप्रतिक्षित मंत्रिमंडल विस्तार होने की संभावना है. इस आशय का संकेत यहां राज्य के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने दिया है. हालांकि इस बात को लेकर फिलहाल संभ्रम की स्थिति ही नजर आ रही है. इस संकेत से फिर कुछ विधायकों में मंत्री बनने की आशा जगेगी. हर बार होती आई है विस्तार की चर्चा पिछले डेढ़ वर्ष से प्रत्येक अधिवेशन से पूर्व मंत्रिमंडल विस्तार होने की चर्चा हालांकि हर बार होती आई है. यह चर्चा हर बार एनडीए के घटक भाजपा और शिवसेना दोनों पक्षों के विधायकों में उत्सुकता और उत्साह बढ़ा देती है. यह अनुमान लगाना शुरू हो जाता है कि मंत्रिमंडल में कौन-कौन नए चेहरों को मौका मिलेगा. मंत्री पद के संभावित उम्मीदवारों को बधाइयां भी मिलनी शुरू हो जाती हैं, लेकिन अधिवेशन शुरू हो जाता है, खत्म भी हो जाता है, मंत्रिमंडल में कोई नया चेहरा नजर नहीं आता. लंबित है विस्तार इस बार फिर वित्त मंत्री मुनगंटीवार द्वारा दिए गए संकेत के आधार विधायकों में उत्सुकता और उत्साह का माहौल बनाने वाला है, लेकिन पिछली बार की चर्चा में मंत्री बनाने की पूर्व बधाइयां पा चुके एक भाजपा विधायक ने इस खबर पर कोई प्रतिक्रया देने बचते हुए निराशा जताई. उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी कोई संभावना नजर नहीं आती. हालांकि उन्होंने माना कि राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार लंबित है. मंत्रिमंडल विस्तार : बात गले नहीं उतरती उन्होंने अपना नाम जाहिर न करने का आग्रह करते हुए कहा कि फिलहाल सरकार के समक्ष न तो कोई ऐसा राजनीतिक दवाब है और न ही कोई मजबूरी है. सरकार में शामिल शिवसेना की ओर से भी ऐसा कोई दवाब नहीं है. शिवसेना तो किनारा करने के मूड में है और भाजपा भी यही प्रदर्शित कर रही है कि उसे भी अब आगे के चुनावों में अकेले ही चलना है. इधर पिछले दिनों मुंबई में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और सेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बीच हुई मुलाक़ात के बाद भी ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है कि सरकार को मंत्रिमंडल विस्तार करनी पड़े. उन्होंने कहा कि ऐसे में पावस अधिवेशन के पूर्व मुख्यमंत्री अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे ही, यह बात गले नहीं उतरती.

आज से 18 प्रतिशत बढ़ जाएगा एसटी बसों का किराया

वृद्धि 15 की मध्यरात्रि से होगी लागू, प्रशासनिक खर्च बढ़ने का दिया हवाला मुंबई : महाराष्ट्र राज्य मार्ग परिवहन महामंडल शुक्रवार, 15 जून की मध्यरात्रि से एसटी बसों के किराए में 18 प्रतिशत की वृद्धि लागू करने जा रहा है. महामंडल ने बताया है कि डीजल की बढ़ी कीमतों और कर्मचारियों के बढ़ाए गए वेतन के कारण एसटी प्रशासन का खर्च अत्यधिक बढ़ा है, इस कारण महामंडल के लिए यात्री किराए में यह वृद्धि करना जरूरी हो गया है. छुट्टे पैसे की शिकायतों के मद्देनजर महामंडल ने टिकट दर में सुधार किया है. इसके तहत 7 रुपए के टिकट के लिए यात्रियों से जहां अब 5 रुपए लिए जाएंगे, वहीं 8 रुपए के टिकट के लिए 10 रुपए वसूले जाएंगे. किराए की दरों में वृद्धि के मद्देनजर महामंडल ने इसके कार्यान्वयन के लिए एसटी अधिकारियों की तीन दिनों की छुट्टियां रद्द कर दी है. इस दौरान सभी अधिकारियों को अपने मुख्यालय में उपस्थित रहने का आदेश दिया गया है.

सरकारी जमीन पर अवैध रूप से रह रहे लोगों को निःशुल्क फ्लैट

प्रकल्पों के लिए जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए सरकार की पुनर्वास योजना विपेन्द्र कुमार सिंह नागपुर : सरकारी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के लिए उन भूखंडों पर रहने वालों के पुनर्वास की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी. इस अहम् फैसले के तहत सरकार ऐसे लोगों को 269 वर्गफुट के फ़्लैट उपलब्ध कराएगी. जो फ्लैट नहीं लेना चाहेंगे, उन्हें सरकार उसकी कीमत के बराबर मुआवजा देगी. इस आशय का हलफनामा सरकार की ओर से कल बुधवार, 13 जून को जारी किया गया. सरकार के मुताबिक राज्य और केंद्र सरकार के कई प्रोजेक्ट लगातार लेटलतीफी का शिकार हो रहे हैं. इसका कारण सरकारी भूमि पर किया गया अतिक्रमण है, जिसकी वजह से सरकार वक्त रहते उन पर कब्जा नहीं ले पाती है. इस देरी का असर प्रोजेक्ट की पूरी कीमत पर पड़ता है. सरकार ने इस संबंध में जारी हलफनामें में कहा है, "किसी भी प्रकल्प के लिए सरकारी भूमि पर कब्जा लेने में किसी किस्म की देरी न हो, इसलिए राज्य सरकार इस दिशा में काम कर रही है. यह तरीका प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन में लगने वाले समय और परियोजना की लागत दोनों के लिए बेहतर होगा." सरकारी नियमों के मुताबिक वह सभी लोग, जिन्होंने महानगर पालिका की सरकारी जमीनों पर कब्जा किया है, पुनर्वास के हकदार होंगे. उन्हें 269 वर्गफुट का अपार्टमेंट नि:शुल्क दिया जाएगा. अथवा अपार्टमेंट की कीमत के बराबर की रकम जमीन खाली करने के एवज में उन्हें दी जाएगी. किन्तु इसके किए सभी लाभार्थियों के पास आधार कार्ड जरूर होना जरूरी है. साथ ही प्रत्येक ऐसे परिवार के पास 1 जनवरी 2018 से पहले का राशन कार्ड भी होना जरूरी है. पुनर्वास की जिम्मेदार प्रोजेक्ट निर्माता कंपनी पर होगी.

“गैंग” के माध्यम से पार्टी चला रहे राहुल गांधी, पार्टी के समर्थक किसानों की...

कांग्रेस अध्यक्ष के नांदेड़ दौरे ने राहुल व पार्टी के लिए खड़े किए गहरे सवाल, किसान संगठन की उपेक्षा से रोष चंद्रपुर (विशेष प्रतिनिधि) : अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राहुल गांधी का जिले के नांदेड़ आगमन कांग्रेस और स्वयं राहुल गांधी के लिए एक बड़ा सवाल खड़े कर गया है. यह सवाल खुद उन्हीं की पार्टी के उन समर्पित किसान कार्यकर्ताओं ने खड़े किए हैं, जो पार्टी संगठन के लिए काम करते हैं और जिन्हें पार्टी केवल चुनावों के वक्त याद करती है. किसान संगठन की ऐसी उपेक्षा उन्हें हतोत्साहित कर गई सही मायने में यह उनका कोई सवाल नहीं कहा जा सकता, वास्तव में यह उनकी पीड़ा है, जो कांग्रेस अध्यक्ष के द्वारा भी जाने-अनजाने में उन्हें दी गई है. स्थानीय पार्टी विधायकों, वरिष्ठ नेताओं प्रदेश के नेताओं आदि से तो उन्हें ऐसी उपेक्षा का सामना करना ही पड़ता है, पार्टी अध्यक्ष की ओर से भी उन्हें ऐसी उपेक्षा की उम्मीद नहीं थी. पार्टी के किसान संगठन की ऐसी उपेक्षा उन्हें हतोत्साह कर गई थी. फूट पड़ा आक्रोश किसान कार्यकर्ता का पार्टी के किसान संगठन या किसान सेल से जुड़े ये कार्यकर्ता अपने अ.भा.कां. अध्यक्ष के आगमन पर भी उदासीन नजर आए. 'विदर्भ आपला' प्रतिनिधि ने जब राहुल गांधी के कार्यक्रम के प्रति उनकी ऐसी उदासीनता का कारण पूछा तो तो मानो उनके दिल की व्यथा शब्दों के माध्यम से उबलने लगी. "गैंग" के माध्यम से ही चलाई जा रही पार्टी अपना नाम जाहिर न करने की शर्त पर उन्होंने कहा, 'राहुल जी एक ओर पार्टी संगठन को मजबूत करने की बातें करते हैं, लेकिन नहीं लगता कि उन्हें पार्टी संगठन किस चिड़ियां का नाम है, पता है. वे तो पहले की तरह ही एमएलए, सांसदों, पूर्व एमएलए और पूर्व सांसदों और निष्क्रीय रह रहे नामचीन नेताओं की "गैंग" के माध्यम से ही पार्टी चलाते नजर आ रहे हैं.' कांग्रेस किसान सेल के सक्रीय कार्यकर्ता रहे उन सज्जन की बातों में दम नजर आई. इस प्रतिनिधि ने उन्हें फिर कुरेदा. पूछा- ऐसा आप कैसे कह सकते हैं कि "गैंग" के माध्यम से राहुल पार्टी चला रहे हैं. यह सवाल उन्हें थोड़ी चुभ गई. उन्होंने तुरंत सवाल दागा- 'बताइए, राहुलजी यहां क्यों आए?' मैंने जवाब दिया- 'एच.एम.टी. धान के जनक स्व. दादाजी खोब्रागड़े परिवार से मिलने और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए और साथ ही स्थानीय किसानों से संवाद करने.' उन्होंने फिर पूछा- 'यह बताइए, उनके साथ आए नेताओं की फौज में क्या कोई स्थानीय, जिला स्तर या प्रदेश स्तर के किसान सेल या संगठन का कोई नेता भी था? यदि नहीं था तो हम से पूछिए कि क्यों नहीं था.' पार्टी की प्रत्येक चुनावों में हार से आंखे नहीं खुलीं इस प्रतिनिधि ने कहा- आप बताइए तो! उन्होंने कहाकि स्थानीय विधायक और जिले के नेताओं सहित हमारे प्रदेश के नेताओं को भी यही भ्रम है कि किसानों को भी हमारा "गैंग" ही साध लेने में सक्षम है. लेकिन उन्हें हाल के दिनों में भी सभी स्तर के स्थानीय स्वशासी निकायों में पार्टी की हार, नगरपरिषद, पंचायत समितियों के चुनावों में पार्टी की हार, ग्राम पंचायत चुनावों में पार्टी...

एच.एम.टी. चावल के जनक स्व. खोब्रागड़े को राहुल ने दी श्रद्धांजलि

पहुंचे चंद्रपुर के नांदेड़, 'भारतरत्न' दिलाने की मांग सुनी, चौपाल में सरकार पर किया प्रहार चंद्रपुर (महाराष्ट्र) : जिले के नांदेड़ गांव पहुंचकर आज बुधवार, 13 जून को भा.रा.कां. के अध्यक्ष राहुल गांधी ने एच.एम.टी. चावल के जनक स्व. दादाजी खोब्रागड़े के निवास जाकर उन्हें श्रंद्धांजलि अर्पित की और दादाजी खोब्रागड़े के पुत्र मित्रजित खोब्रागड़े से बातचीत की और परिवार का हाल-समाचार जाना. दादाजी को 'भारतरत्न' राष्ट्रीय सम्मान देने की मांग मित्रजित ने दादाजी खोब्रागड़े के नाम पर कृषि संबंधी शोध करने के लिए भूखंड देने और दादाजी को 'भारतरत्न' राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित करवाने की मांग राहुल गांधी से की. खोब्रागड़े परिवार को आर्थिक सहायता दादाजी खोब्रागड़े परिवार के सदस्यों को कांग्रेस की ओर से ढाई लाख रुपए वडेट्टीवार द्वारा दिए गए. बाद में और 5 लाख रुपए देने का आश्वासन दिया गया. जिले के वरिष्ठ कांग्रेस नेता नरेश पुगलिया की ओर से 1 लाख रुपए की मदद दी गई. अनेक नेता थे साथ, पार्टी का कोई किसान नेता नजर नहीं आया उनके साथ विधानपरिषद के उपसभापति माणिकराव ठाकरे, विधानसभा के विरोधी पक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल, कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अशोक चव्हाण, महाराष्ट्र प्रभारी मोहन प्रकाश और अ.भा.कां. कमिटी के महासचिव अशोक गहलोत भी थे. जिले के बड़े नेता और कार्यकर्ता भी उनके साथ वहां पहुंचे थे, लेकिन कांग्रेस के किसान संगठन का न कोई प्रदेश पदाधिकारी था और न जिले के ही पार्टी के किसान संगठन का कोई नेता वहां नजर आया. चौपाल को किया सम्बोधित, दिए सवालों के जवाब बाद में पार्टी की ओर से आयोजित चौपाल में राहुल गांधी ने विदर्भ में सिंचाई व्यवस्था में और अधिक सुधार करने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहाकि दादाजी ने एचएमटी धान की खोज मात्र अपने फायदे नहीं किया, उन्होंने खोज से देश के हजारों किसानों को फायदा पहुंचाया. देश में ऐसे लाखों किसान हैं. लेकिन सरकार नहीं कर रही. सरकार केवल 15-20 लोगों को ही फायदा पहुंचाने में लगी हुई है. महाराष्ट्र में कांग्रेस की सरकार बनी तो यहां भी हम किसानों का कर्ज माफ़ करेंगे इस दौरान उन्होंने किसानों के साथ चौपाल कर उनकी समस्याएं जानी और पूछे गए सवालों के जवाब भी दिए. राहुल ने केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारों पर प्रहार करते हुए कहा कि कर्नाटक में हमारी सरकार ने किसानों का कर्ज माफ किया, इसी तरह का काम पंजाब में भी किया गया. लेकिन इस भाजपा सरकार में किसानों का कर्ज माफ करने की हिम्मत नहीं है. उन्होंने वादा किया कि महाराष्ट्र में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद यहां भी हम किसानों का कर्ज माफ़ करेंगे. जिनको हिंदुस्तान भूल गया है, उन तक पहुंचकर उन्हें मदद दी जाएगी उन्होंने कहा कि आज जरूरत है कि देश के हर जिले में फ़ूड प्रोसेसिंग यूनिट खुले, जिससे किसान सीधे अपना सामान बेचे और उपयुक्त मुनाफ़ा कमाए. दादाजी खोब्रागड़े की चर्चा करते हुए राहुल ने कहा कि देश में अनेक साइंटिफिक लैब हैं, बावजूद इसके एक व्यक्ति सीमित संसाधन में अपने घर पर शोध कर एक नए बीज तैयार करता है. सरकार की अगर उन्हें मदद मिलती तो वे बहुत कुछ कर...