दलहन में किसानों को हो रहा भारी नुकसान

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चने की सट्टेबाजी बंद कराने व तुअर, मूंग, उड़द के आयात भी रोकने की मांग

नागपुर : दलहनों की गिरती कीमतों से चिंतित थोक अनाज बाजार ने सरकार से मांग की है कि चने को तुरंत वायदा बाजार से मुक्त कराया जाए और तुअर, मूंग एवं उड़द का आयात भी तत्काल रोका जाए.

फेडरेशन ऑफ़ एसोसिएशन ऑफ ट्रेड, पुणे के उपाध्यक्ष एवं दि होलसेल ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट एसोसिएशन के सचिव प्रताप ए. मोटवानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, खाद्यान्न मंत्री रामविलास पासवान एवं वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु को ट्विट कर मांग की है कि किसानों को यदि फसलों के उचित मूल्य दिलाने हैं तो चने का वायदा तुरंत खत्म कराएं. साथ ही तुअर, मूंग और उड़द की आयात पर भी तत्काल रोक लगाएं. अन्यथा किसानों को भारी नुकसान होगा.

मोटवानी ने बताया है कि फिलहाल मंडियों में चना 3500 की दर से बिक रहा है और आयातित चने का भाव 3450 से 3475 रुपए है. जबकि चने का समर्थन मूल्य 4450 रुपए है. अर्थात खुले बाजार में चना 1000 रुपए कम के भाव से बिक रहा है. इसका कारण चने की सट्टेबाजी है. सटोरियों ने वास्तविकता में बाजार नहीं कर सट्टेबाजी द्वारा चने का भाव गिरा दिया है.

मोटवानी ने बताया है कि पिछले वर्ष 20 जुलाई को चने को फिर से वायदा (डिब्बा) म्मार्केट में शामिल किया गया था. उसके बाद चने का भाव निरंतर 5000 रुपए से गिरता चला गया है. उन्होंने कहा है कि इस वर्ष चने का उत्पादन 111 लाख टन हुआ है. यदि किसानों को समर्थन मूल्य 4450 रुपए के भाव भी नहीं मिले तो वे भारी नुकसान में रहेंगे. इसलिए सरकार किसानों के हित में चने को वायदा बाजार से तुरंत मुक्त कराए.

इसी तरह मोटवानी ने बताया है कि पिछले 1 अप्रैल से सरकार ने 3 लाख टन तुअर और 3 लाख टन मूंग-उड़द के आयात की अनुमति देकर इन फसलों की हालत भी पस्त कर दी है. उन्होंने बताया कि तुअर का समर्थम मूल्य 5450 रुपए है और खुले बाजार में यह 4200 के भाव से बिक रहा है. अर्थात 1200 रुपए कण कीमत में किसान तुअर बेचने को मजबूर है.

उन्होंने बताया कि मूंग और उड़द की भी यही स्थिति है. ऐसी स्थिति में सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से दलहन की खरीद शुरू करनी चाहिए. निर्यात को प्रोत्साहन देने के बजाय दलहन का आयात करने से किसानों को भारी नुकसान पहुंचाने का काम किया जा रहा है. इस स्थिति में मोटवानी ने चने की सट्टेबाजी बंद कराने और तुअर, मूंग और उड़द के आयात भी तत्काल प्रभाव से बंद करने की मांग की है.

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