अदाणी

अदाणी मामले में बुरी फंसी कांग्रेस, इंडी के साथियों ने भी छोड़ा साथ  

General
Share this article

नई दिल्ली : अदाणी ग्रुप (Adani Group) पर लगातार झूठे आरोप लगाकर कांग्रेस (Congress) हर तरफ से घिरती जा रही है. अदाणी ग्रुप पर अमेरिका में घूस देने के आरोप लगे थे. लेकिन, ग्रुप ने बयान जारी कर सभी आरोपों को खारिज किया है. अदाणी ग्रुप को इस दौरान मार्केट और निवेशकों का भी भरपूर साथ मिला. बुधवार को अदाणी ग्रुप ने शेयरों से अच्छी-खासी रिकवरी कर ली थी. गुरुवार को भी इस ग्रुप के शेयरों में जबरदस्त उछाल देखा गया था. ऐसे में अदाणी मामले में कांग्रेस अब अलग-थलग पड़ती दिख रही है, क्योंकि विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A के कुछ नेताओं ने अलग स्टैंड ले लिया है. इसमें केरल में लेफ्ट पार्टी और ममता बनर्जी की पार्टी TMC के नेता शामिल हैं. वहीं, कई देशों ने भी अदाणी ग्रुप का सपोर्ट किया है.

कांग्रेस का हाथ साथियों ने ही छोड़ा

यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि दूसरे देश अदाणी के समर्थन में खड़े हो रहे हैं, लेकिन यहां अपने ही देश में कांग्रेस अपने ही देश की कंपनी के खिलाफ मुहिम चला रही है. हालांकि, अब उसके साथी उसका साथ छोड़ रहे हैं. I.N.D.I.A. गठबंधन की सहयोगी TMC ने बयान दिया कि वो नहीं चाहती कि अदाणी मुद्दे पर संसद में गतिरोध जारी रहे, जनहित के और मुद्दे भी हैं, जिन पर बात होनी चाहिए.

केरल की लेफ्ट पार्टी ने भी किया अदाणी को सपोर्ट

इसी I.N.D.I.A. गठबंधन की लेफ्ट पार्टी की सरकार केरल में है. वहां की सरकार ने अदाणी विड़िन्यम पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के साथ विड़िन्यम पोर्ट प्रोजेक्ट को पांच साल बढ़ाने का करार किया. केरल के सीएम पिनराई विजयन ने X पर एक पोस्ट जारी कर कहा कि 10 हजार करोड़ की लागत से इसकी क्षमता बढ़ाई जाएगी.

जगन मोहन रेड्डी ने आरोपों को किया खारिज

आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी ने अदाणी ग्रुप से जुड़े लोगों पर घूस के आरोपों को खारिज किया है. आंध्र में प्रोजेक्ट के लिए घूस देने के आरोप अमेरिका में लगे हैं. जगन ने कहा है कि ये करार दो सरकारी एजेंसियों के बीच हुआ और इसमें किसी बाहरी व्यक्ति की कोई भूमिका नहीं थी. इससे साबित होता है कि जब बाहरी व्यक्ति की भूमिका ही नहीं थी तो रिश्वत की बात ही बेमानी है. ये करार आंध्र प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (APEPDCL) और केंद्रीय एजेंसी सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया यानी SECI के बीच हुआ था. SECI ने देश में 12 गीगावॉट की रिन्यूएबल एनर्जी आपूर्ति के लिए टेंडर निकाला था.

मानहानि का करेंगे दावा जगन मोहन रेड्डी 

जगन ने बताया है कि चूंकि अदाणी ग्रुप ने सबसे सस्ती बिजली का प्रस्ताव दिया था, इसलिए ये करार हुआ. बिजली की दर 2.49 रुपए थी . जगन ने जानकारी दी कि वो मीडिया संस्थान आंध्र ज्योति और ईनाडू के खिलाफ गलत खबर छापने के लिए 100 करोड़ रुपए की मानहानि का दावा करेंगे. 

छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर की स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन बोर्ड ने भी बिजली खरीद के कॉन्ट्रैक्ट साइन किए थे. बता दें कि इससे पहले बीजेडी भी रिश्वत के आरोपों को खारिज कर चुकी है.

विदेश से भी मिल रहा अदाणी ग्रुप को समर्थन 

अदाणी ग्रुप को समर्थन देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी मिल रहा है. इजरायल, श्रीलंका, तंजानिया, नार्वे समेत कई देशों ने अदाणी ग्रुप का समर्थन किया है.आज इजरायल के राजदूत रूवेन अजर ने भी एक तरह से अमेरिका में लगे आरोपों को दरकिनार कर दिया. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं अदाणी ग्रुप इजरायल में निवेश करता रहे. 

श्रीलंका और तंजानिया कॉन्ट्रैक्ट रखेंगे बरकरार

श्रीलंका पोर्ट्स अथॉरिटी और तंजानिया सरकार ने अदाणी ग्रुप के साथ अपने समझौतों पर प्रतिबद्धता जताई है. अबू धाबी की IHC ने भी ग्रुप में अपना विश्वास बरकरार रखा है. अदाणी ग्रुप श्रीलंका में पोर्ट स्ट्रक्चर के विस्तार में अहम भूमिका निभा रहा है. कोलंबो टर्मिनल में 1 अरब डॉलर के निवेश के साथ यह प्रोजेक्ट श्रीलंका के पोर्ट एरिया में सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश है.

नॉर्वे के राजनयिक ने पूछा- कब रुकेगा अमेरिकी अतिक्रमण

नॉर्वे के राजनयिक और UN एनवायरमेंट प्रोग्राम के फॉर्मल एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर एरिक सोलहेम ने अदाणी ग्रुप को लेकर अमेरिकी सरकार की रिपोर्ट की आलोचना की है. सोलहेम ने इसे ‘अमेरिकी अतिक्रमण’ कहते हुए रिपोर्ट की ग्लोबल मीडिया कवरेज पर सवाल उठाए.

उन्होंने पूछा – “अमेरिकी अतिक्रमण कब रुकेगा? आरोपों में वास्तविक रिश्वत पेमेंट या अदाणी ग्रुप के लीडर्स की संलिप्तता के सबूत नहीं हैं. न ही इस बात का कोई सबूत है कि अदाणी के अधिकारियों ने भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी थी. ये आरोप केवल इस दावे पर आधारित है कि रिश्वत का वादा किया गया था या इस पर चर्चा की गई थी. इस अमेरिकी अतिक्रमण के लोगों के जीवन पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं.”