दूसरी दुनिया से मिले प्राणी होने के संकेत

भारतीय वैज्ञानिक डॉ. विशाल गज्जर ने ब्रह्माण्ड से आती रेडियो तरंगों को पकड़ने में पाई थी सफलता. इसके बाद पकड़ी गई और 72 तरंगों से इस बात की पुष्टि हुई है कि हमारी हमारी आकाशगंगा से करीब 3 अरब प्रकाश वर्ष दूर ब्रह्माण्ड में प्राणी हो सकते हैं...

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ब्रह्माण्ड से आती रेडियो तरंगों को पकड़ा था भारत के डॉ. गज्जर ने, हुई पुष्टि, 72 और संकेतों को भी पकड़ा

बेंगलुरु : यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफॉर्निया, बर्कले के पोस्टडॉक्टरल रिसर्चर डॉ. विशाल गज्जर के खगोलीय कार्यक्रम संबंधी खोज से ‘ब्रेकथ्रू लिसन’ को एक बड़ी सफलता मिली है. बाहरी दुनिया से आती तरंगों की डॉ. गज्जर की पिछले साल की खोज के बारे में रिसर्चरों का कहना है कि तरंगें जिस स्रोत से आ रही हैं, वहां जीवन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.

यह गैलक्सी (ब्रह्माण्ड) दूर है करीब 3 अरब प्रकाश वर्ष
सोमवार देर शाम की गई घोषणा के मुताबिक आर्टिफिशल इंटेलिजेंस की मदद से वैज्ञानिकों ने 72 नए फास्ट रेडियो विस्फोट (FRBs) का पता लगाया है, जो FRB-121102 से आ रहे हैं. ज्ञातव्य है कि हमारी आकाशगंगा ‘मिल्की वे’ से यह गैलक्सी (ब्रह्माण्ड) करीब 3 अरब प्रकाश वर्ष दूर है.

सोमवार देर शाम की गई घोषणा के मुताबिक आर्टिफिशल इंटेलिजेंस की मदद से वैज्ञानिकों ने 72 नए फास्ट रेडियो विस्फोट (FRBs) का पता लगाया है, जो FRB-121102 से आ रहे हैं. आपको बता दें कि हमारी आकाशगंगा ‘मिल्की वे’ से यह गैलक्सी करीब 3 अरब प्रकाश वर्ष दूर है.

गुजरात के हैं डॉ. विशाल गज्जर
उल्लेखनीय है कि FRB-121102 की पहचान को लेकर पहली घोषणा पिछले साल हुई थी और इस खोज का श्रेय यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफॉर्निया, बर्कले के पोस्टडॉक्टरल रिसर्चर डॉ. विशाल गज्जर को जाता है. डॉ. विशाल मूल रूप से गुजरात से ताल्लुक रखते हैं.

सोमवार को ब्रेकथ्रू लिसन की ओर से बताया गया, ‘एक विस्फोट (तरंगों के रिलीज) के दौरान ज्यादातर FRBs की पहचान की गई. इसके विपरीत FRB-121102 ही अकेली ऐसी गैलक्सी है, जहां से लगातार तरंगें निकल रही हैं. 2017 में ब्रेकथ्रू लिसन की निगरानी के दौरान वेस्ट वर्जिनिया में ग्रीन बैंक टेलिस्कोप (GBT) की मदद से कुल 21 बर्स्ट की पहचान की जा सकी थी.’

पिछले साल डॉ. विशाल के नेतृत्व में 5 घंटे लंबी निगरानी और विश्लेषण के बाद FRB-121102 का पता लगाया गया था. लिसन साइंस की टीम ने अब एक नया, पावरफुल मशीन लर्निंग एल्गोरिदम भी विकसित कर लिया है, जिसने दोबारा 2017 के डेटाबेस का विश्लेषण किया है, जिससे 72 नए FRBs का पता चला.

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