खामगांव होते हुए अमरावती आई थी, वापस वहीं समाधि के तौर पर स्थापित की जाएगी
अमरावती : दिवंगत भय्यूजी महाराज का अस्थिकलश विदर्भ क्षेत्र की यात्रा के तहत 25 जून को खामगांव से शुरू हुई. 26 जून को अकोला, अकोट व दर्यापुर होते हुए देर रात करीब 11 बजे अस्थिकलश का अमरावती आगमन हुआ. आज शाम अस्थिकलश नागपुर के लिए रवाना हुई.
यहां कल रात अस्थिकलश को कोर्ट परिसर निवासी तथा भय्यूजी महाराज के अनन्य भक्त सुंदरकर परिवार के निवास पर रखा गया. बाद में आज बुधवार 27 जून को अस्थिकलश श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ शिवाजी नगर स्थित मातोश्री विमलाबाई देशमुख सभागार में लाया गया. जहां पर हजारों श्रद्धालुओं ने भय्यूजी महाराज के अस्थिकलश के दर्शन किए.
शाम करीब 5 बजे यहां से अस्थिकलश नागपुर व वर्धा जिलों के लिए रवाना किया गया. बताया गया कि अस्थिकलश की अगली यात्रा के नागपुर, वर्धा, पुलगांव, यवतमाल, पुसद, मानोरा, वाशिम, मेहकर, चिखली, बुलढाणा व नाशिक होते हुए वापस खामगांव पहुंचेगी. जहां ऋषि संकुल आश्रम में इस अस्थिकलश को भय्यूजी महाराज की समाधि के तौर पर स्थापित किया जाएगा.
अस्थिकलश के साथ खामगांव स्थित ऋषि संकुल आश्रम के भाऊराव पाटिल और प्राध्यापक प्रा.मोरे विदर्भ क्षेत्र की यात्रा कर रहे हैं. अस्थिकलश के अमरावती पहुंचने पर भय्यूजी महाराज के प्रति आस्था रखनेवाले राजू सुंदरकर, प्रा.किशोर शिरभाते, डॉ. राजेश नीरकर, प्रा. हेमंत देशमुख, रविराय देशमुख, शुभम चव्हाण, अमरीश देवगांवकर, प्रमोद दहाड़े, जय देशमुख, गजानन लोखंडे, विशाल आहाडे व अनिल कराडे सहित सैकड़ों भाविक श्रध्दालुओं ने मातोश्री विमलाबाई देशमुख सभागार में उपस्थित रहकर भय्यूजी महाराज को श्रध्दांजलि अर्पित की.
श्रध्दांजलि अर्पित करने का यह सिलसिला देर शाम तक चलता रहा तथा अनेक श्रध्दालु भय्यूजी महाराज के अस्थिकलश को देखकर बिलखते देखे गए. शाम 5 बजे अमरावती में अस्थिकलश दर्शन का कार्यक्रम निपटने के बाद यह अस्थिकलश यात्रा नागपुर के लिए रवाना हुई.