“अमर शहीद सरदार भगतसिंह” के कन्नड़ अनुवाद के लिए प्रभाशंकर प्रेमी को पुरस्कार

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गोइन्का पुरस्कार समारोह में डॉ. बालसुब्रह्मण्यन, डॉ. राजगोपाल और डॉ. वनजा भी पुरस्कारों से सम्मानित

बेंगलुरु : कमला गोइन्का फाउण्डेशन की ओर से प्रति वर्ष की तरह साहित्य की विभिन्न कृतियों के दक्षिण भारतीय भाषाओं में और दक्षिण भारतीय भाषाओं से हिंदी में उत्कृष्ट अनुवाद के लिए चार पुरस्कारों का वितरण यहां गांधी भवन में गोइन्का पुरस्कार समारोह में पिछले 8 अप्रैल को हुआ. समारोह की अध्यक्षता कर्नाटक सरकार के अवकाश-प्राप्त अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री चिरंजीव सिंह ने की.

बेंगलुरु के सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. प्रभाशंकर प्रेमी को 21 हजार रुपए राशि का “पिताश्री गोपीराम गोइन्का हिन्दी-कन्नड़ अनुवाद पुरस्कार” से जितेन्द्रनाथ सान्याल जी की कृति “अमर शहीद सरदार भगतसिंह” के कन्नड़ अनुवाद के लिए दिया गया.

“बालकृष्ण गोइन्का अनूदित साहित्य पुरस्कार” के रूप में 21 हजार रुपए राशि का इस वर्ष डॉ. एम. बालसुब्रह्मण्यन जी की मूल कृति “भारतीय साहित्य के निर्माता कवि कण्णदासन” के हिन्दी में अनुवाद के लिए चेन्नई निवासी डॉ. पी.के. बालसुब्रह्मण्यन को दिया गया.

इसी तरह 21 हजार रुपए का “सत्यनारायण गोइन्का अनूदित साहित्य पुरस्कार” इस वर्ष तुलसीदास जी द्वारा रचित “रामचरित मानस” के मलयालम में पद्यानुवाद के लिए तिरवनन्तपुरम निवासी डॉ. सी.जी. राजगोपाल को दिया गया.

साथ ही 21 हजार रुपए का “बाबूलाल गोइन्का हिन्दी साहित्य पुरस्कार” इस वर्ष कोच्ची निवासी डॉ. के.वनजा को उनकी मूल हिन्दी कृति “इको-फेमिनिज़्म” के लिए दिया गया.

उपरोक्त सभी साहित्यकारों को 21 हजार रुपए नगद, प्रतीक-चिह्न, शॉल, श्रीफल एवं पुष्पमाला प्रदान कर पुरस्कृत कर सम्मानित किया गया.

पुरस्कार समारोह रविवार, 8 अप्रैल को “गांधी भवन” बेंगलुरु में आयोजित किया गया था. इस अवसर पर कमला गोइन्का फाउण्डेशन के प्रबंध न्यासी श्यामसुन्दर गोइन्का ने अथितियों और आमंत्रितों का स्वागत किया एवं संस्था का परिचय दिया. समारोह का संचालन डॉ. आदित्य शुक्ल जी ने किया और धन्यवाद-ज्ञापन श्रीमती सरोजा व्यास ने किया. इस अवसर पर बैंगलोर के अनेक गणमान्य साहित्य रसिक उपस्थित थे.

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