नई दिल्ली : प. बंगाल के मौजूदा गवर्नर जगदीप धनखड़ को केंद्र में सत्तारूढ़ एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) ने उपराष्ट्रपति पद के लिए शनिवार, 16 जुलाई को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है.
भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसकी घोषणा की है. संसदीय बोर्ड की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नड्डा के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित संसदीय बोर्ड के अन्य सदस्य भी मौजूद थे.
Brief introduction of NDA's Vice Presidential candidate Shri @jdhankhar1 Ji.
.@BJP4India pic.twitter.com/Jt9fVOA69T
— Jayanta Kumar Das (@DJayantaKumar) July 17, 2022
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विट कर जगदीप धनखड़ को किसान पुत्र और विनयशील बताया है. कानून और विधायिका के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा है कि धनखड़ किसानों, युवकों, महिलाओं और गरीबों के लिए बहुत काम किया है.
Kisan Putra Jagdeep Dhankhar Ji is known for his humility. He brings with him an illustrious legal, legislative and gubernatorial career. He has always worked for the well-being of farmers, youth, women and the marginalised. Glad that he will be our VP candidate. @jdhankhar1 pic.twitter.com/TJ0d05gAa8
— Narendra Modi (@narendramodi) July 16, 2022
गौरतलब है कि उपराष्ट्रपति की रेस में इससे पहले मुख्तार अब्बास नकवी, नजमा हेपतुल्ला और केरल के राज्यपाल के भी नामों पर चर्चा चल रही थी.
राजनीति में लंबी पारी खेल चुके जगदीप धनखड़ को भाजपा ने पश्चिम बंगाल का गवर्नर तब नियुक्त किया था, जब भाजपा बंगाल में जमीन तलाश रही थी और टीएमसी से भाजपा का तनाव पूरे जोर पर था. ऐसे में भाजपा ने बंगाल में धनखड़ को राज्यपाल उनकी खूबियों के कारण बनाया गया.
अपने प. बंगाल राज्यपाल के कार्यकाल में धनखड़ प. बंगाल की तृणमूल सरकार की कथित भेदभाव वाली नीतियों और राज्य में व्यवस्था में गिरावट के साथ उच्च शिक्षा क्षेत्र की नीतियों के विरुद्ध लगातार सक्रीय रहे. राज्य की ममता बनर्जी सरकार की लगातार अवहेलना और अपमानों का घूंट पी-पी कर राज्य सरकार के कार्यकलापों पर उंगली उठाते रहे.
चर्चा है कि धनखड़ की प. बंगाल से विदाई से जहां एक ओर ममता सरकार राहत की सांस लेगी, वहीं उन्हें एनडीए द्वारा उप राष्ट्रपति पद के लिए नामित किया जाना मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के जले पर नमक छिड़कने जैसा साबित होगा.
राजस्थान के झुंझुनू जिले के रहने वाले हैं धनखड़
जगदीप धनखड़ मूल रूप से राजस्थान के झुंझुनू जिले के रहने वाले हैं. झुंझुनू के किठाना गांव के वे निवासी हैं. राजस्थान की जाट बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं. उन्होंने जाट आरक्षण दिलवाने में अहम भूमिका निभाई थी. धनखड़ की आरंभिक शिक्षा-दीक्षा किठाना गांव के ही सरकारी माध्यमिक विद्यालय से शुरू हुई थी. मेरिट के आधार पर उनका चयन चित्तौड़गढ़ स्थित सैनिक स्कूल में हो गया. इसके बाद उन्होंने वकालत को बतौर पेशे के तौर पर चुना.
राजस्थान बार काउंसिल से सुप्रीम कोर्ट तक का सफर
वकालत की डिग्री हासिल करने के बाद जगदीप धनखड़ राजस्थान के बार काउंसिल में बतौर वकील अपने करियर की शुरुआत की. सबसे कम उम्र में राजस्थान बार काउंसिल का अध्यक्ष बनने का सौभाग्य भी धनखड़ के नाम है. इसके बाद धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. सुप्रीम कोर्ट के भी वो नामी वकील बन गए थे.
केन्द्रीय मंत्री भी रहे, जनता दल और कांग्रेस में भी रहे हैं
जगदीप धनखड़ की गिनती कद्दावर नेता और कानून के बड़े जानकारों में होती है. कानून के जानकार के अलावा उन्हें सियासत की भी खूब परख है. वे केन्द्रीय मंत्री भी रह चुके हैं. झुंझुनूं से वे जनता दल से सांसद रहे हैं. कांग्रेस पार्टी में भी वे रहे हैं. हालांकि अजमेर से वे चुनाव हार गये थे. इसके बाद धनखड़ 2003 में भाजपा में शामिल हो गए थे.