बिजली मंत्रालय ने पैदा कर दी है जोरदार झटका लगने के आसार

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बिजली मंत्रालय

नई दिल्ली : केंद्र सरकार के बिजली मंत्रालय ने आयातित कोयले का अपने थर्मल पावर स्टेशनों में इस्तेमाल करने वाली बिजली कंपनियों को बिजली के दरों में बढ़ोत्तरी करने की छूट दे दी है. निकट भविष्य में देश में बिजली की दरों में फिर उछाल आने के आसार बन गए हैं.

जानकारों का कहना है कि आम ग्राहकों के लिए बिजली की दरों में 50 से 70 पैसे प्रति यूनिट की अतिरिक्त बढ़ोत्तरी हो सकती है. अभी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोयले की कीमत 300 डालर प्रति टन से ज्यादा है. देश के ज्यादातर हिस्सों में गर्मी का भीषण प्रकोप शुरू हो गया है, जिसके जून के पहले पखवाड़े तक जारी रहने का अनुमान है.

देश के ज्यादातर हिस्सों में गर्मी का भीषण प्रकोप के कारण बिजली की खपत में तेजी आई है. पेट्रोल-डीजल, सीएनजी, पीएनजी, रसोई गैस सिलेंडर के महंगा होने के बाद अब बिजली भी महंगी होने के आसार बन रहे हैं. हालांकि, अभी तक किसी ने बिजली के दाम में बढ़ोतरी का संकेत नहीं दिया है.

केंद्र सरकार ने विदेश से कोयला आयात कर बिजली बनाने वाले थर्मल संयंत्रों को यह छूट दे दी है कि वह बढ़ी हुई लागत बिजली खरीद समझौते (पीपीए) के जरिये वसूल सकते हैं. पीपीए थर्मल पावर प्लांट और डिस्काम के बीच होता है जिसकी दर पहले तय होती है. अब जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोयला काफी महंगा हो गया है. देश में बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए बाहर से कोयला मंगवाना बेहद जरूरी है.

बिजली मंत्रालय पहले ही सरकारी और निजी क्षेत्र के ताप बिजली संयंत्रों को घरेलू कोयला में 10 प्रतिशत तक आयातित कोयला मिलाने की मंजूरी दे चुका है. इसके लिए बिजली कानून की धारा 11 के तहत आपातकालीन निर्देश भी दिए गए हैं.

इलेक्ट्रिसिटी एक्सचेंज में बिजली की खरीद कीमत में तेज उछाल दर्ज किया जा रहा है. मार्च 2022 में तो बिजली की औसत खरीद कीमत मार्च 2021 के मुकाबले दोगुनी हो गई. महंगी बिजली खरीदने की वजह से बिजली वितरण कंपनियां इसका बोझ उपभोक्ताओं पर डाल सकती है.

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