शिवसेना नेता संजय राउत की करोड़ों की संपत्ति अटैच

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संजय राउत

प्रवर्तन निदेशालय की बड़ी कार्रवाई, महाराष्ट्र सरकार ने भी शुरू की जवाबी कार्रवाई

मुंबई : महाराष्ट्र में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस बार सत्तारूढ़ महा विकास आघाड़ी के शिवसेना के बड़े नेता संजय राउत पर कार्रवाई की है. ईडी ने गोरेगांव के पात्रा चॉल में 1034 करोड़ रुपए के फ्लोर स्पेस इंडेक्स (एफएसआई) धोखाधड़ी की जांच के सिलसिले में शिवसेना सांसद संजय राउत और उनके परिवार के सदस्यों के स्वामित्व वाले अलीबाग में आठ भूखंड और मुंबई के दादर में एक फ्लैट अस्थायी रूप से संलग्न किया है. संजय राउत महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे परिवार के बाद शिवसेना के सबसे ताकतवर नेता हैं.


ईडी ने इस साल 2 फरवरी को व्यवसायी प्रवीण राउत को गिरफ्तार किया था, जो संजय राउत के करीबी माने जाते हैं. एजेंसी ने एक अप्रैल को प्रवीण के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. केंद्रीय एजेंसी, हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) की सहायक कंपनी गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा उपनगरीय मुंबई में एक प्लॉट के फ्लोर स्पेस इंडेक्स की कथित धोखाधड़ी बिक्री के लिए प्रवीण की जांच कर रही है.

प्रवीण गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन के डायरेक्टर हैं. ईडी की चार्जशीट में एचडीआईएल के प्रवीण, सारंग वधावन और राकेश वधावन के साथ-साथ गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी बनाया गया है. वधावन भी फिलहाल गिरफ्तार हैं. ईडी के अनुसार यह घोटाला एक हजार करोड़ से ज्यादा का है. इधर महाराष्ट्र सरकार ने भी जवाबी कार्रवाई के तहत ईडी के कुछ अधिकारियों के खिलाफ जबरन वसूली के आरोपों को लेकर एक विशेष जांच दल गठित कर दिया है.

 
वहीं शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा है कि वह डरने वाले नहीं हैं. उन्होंने कहा, मैं कोई नीरव मोदी, या अंबानी, अडानी नहीं हूं. मैं छोटे से मकान में रहता हूं. जो संपत्ति मेहनत की कमाई से ली थी ईडी उसे घोटाला बता रही है.

प्रवीण राउत की इस संपत्ति और अन्य संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया गया था. पिछले 2 फरवरी को भी प्रवीण राउत को ईडी ने गिरफ्तार किया था. वह अभी जमानत पर हैं. आज उनकी 9 करोड़ की प्रॉपर्टी कुर्क हुई है जिसमें कुछ प्लॉट और जमीनें शामिल हैं. ये महाराष्ट्र के पालघर, सफाले और पाडगा में हैं.

महाराष्ट्र सरकार की जवाबी कार्रवाई
इधर महाराष्ट्र सरकार ने भी जवाबी कार्रवाई के तहत ईडी के कुछ अधिकारियों के खिलाफ जबरन वसूली के आरोपों को लेकर एक विशेष जांच दल गठित कर दिया है. महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने कहा कि शिवसेना सांसद संजय राउत द्वारा ईडी के कुछ अधिकारियों के खिलाफ लगाए गए जबरन वसूली के आरोपों की जांच के लिए एक एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टास्क फोर्स) का गठन किया गया है.

उन्होंने कहा कि एसआईटी का गठन वीरेश प्रभु नामक अधिकारी के नेतृत्व में किया गया है. हमने एसआईटी को मामले की जांच के लिए जरूरी समय दिया है. प्रभु अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) हैं. राउत ने पिछले महीने आरोप लगाया था कि प्रवर्तन निदेशालय के कुछ अधिकारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए ‘एटीएम’ के रूप में काम कर रहे हैं.

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