राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के बयान के बाद स्पष्ट किया डिप्टी सीएम अजित पवार ने
मुंबई : महाराष्ट्र को मास्क-मुक्त करने पर विशेषज्ञों की राय मांगे जाने और निकट भविष्य में राज्य को मास्क से मुक्ति के संकेत देने संबंधी राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के शुक्रवार के बयान के बाद डिप्टी सीएम अजित पवार ने स्पष्ट किया है कि मास्क की अनिवार्यता का नियम तब तक जारी रहेगा, जब तक कि कोरोना वायरस का उन्मूलन नहीं हो जाता.
पवार ने कहा, “जब तक कोविद है, हमें मुखौटा पहनना पड़ेगा.” उन्होंने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल में इस पर अभी कोई चर्चा नहीं हुई है कि राज्य मुखौटा मुक्त किया जाना है. जब भी ऐसा कोई निर्णय लिया जाएगा, हम एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और सभी को इसके बारे में बताएंगे.”
पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे के साथ सामरिक शहरीकरण परियोजनाओं की जांच के लिए वर्ली, माहिम और दादर की यात्रा के मौके पर, पवार ने शुक्रवार को कहा, “जब तक कोविद है, तब तक हमें मास्क पहनना जारी रखना चाहिए.”
टोपे के बयान ने देश भर में एक बड़ी बहस पैदा कर दी, जिसमें उन्होंने संकेत दिया कि जल्द ही महाराष्ट्र को मास्क-मुक्त किया जा सकता है. उन्होंने कहा था कि इस संबंध में केंद्र और राज्य कोविड टास्क फोर्स से राय मांगी जा रही है. हालांकि उन्होंने कहा था कि अधिकांश विशेषज्ञ मुंबई जैसे भीड़-भाड़ वाले केंद्रों में मास्क के उपयोग का समर्थन करते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि यूरोप की नकल करना नासमझी होगी, जहां बेहतर टीकाकरण संख्या, कम भीड़ और कम वायु प्रदूषण है.
इधर मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर ने भी यह कहा है कि मुंबई में कोविड की तीव्रता कम होने के कारण महानगर पालिका द्वारा लगाई गई पाबंदियां जल्द हटाई जाएगी. उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र कोविड टास्क फोर्स के सदस्यों सहित अनेक विशेषज्ञों ने भी राज्य को कोविड प्रतिबंधों और मास्क-मुक्त करने पर असहमति जताई है.