EPF की मानक कटौती 15 से बढ़ाकर 21 हजार कर सकती है सरकार

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साल की छुट्टियां 240 से बढ़ाकर 300 दिनों की करने, EPF के तहत कर्मचारियों के लिए अलग-अलग कानून बनाने का भी प्रस्ताव

नई दिल्ली : केंद्रीय कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत अनेक तोहफे देते जाने के बाद अब EPF के तहत PF कटौती की सीमा बढ़ाने की मेहरबानी भी जल्द ही सामने आ सकती है. सरकार PF कटौतियों की सीमा 21,000 तक बढ़ा सकती है.

लेकिन EPF के तहत सेवानिवृत वरिष्ठ नागरिकों के मासिक पेंशन के रूप में दी जा रही मामूली रकम को बढ़ाने को लेकर सरकार मौन है. कर्मचारी यूनियंस चूंकि इन सेवानिवृत्तों का प्रतिनिधित्व नहीं करते, अतः उनकी तकलीफों की ओर सरकार भी ध्यान देना उचित नहीं मानती. EPF-95 के तहत सेवानिवृत्तों का मासिक पेंशन मात्र 700 रुपए से 2500 तक है. उनके लिए चिकित्स्कीय भत्ते की गुंजाइश भी नहीं की गई है. 

जबकि, मिली जानकारी के अनुसार EPF के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों के लिए पिछले बुधवार-गुरुवार को इस मामले पर सरकार की ओर से अनुकूल रुख दिखाए जाने की खबर है. सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार के श्रम मंत्रालय, उद्योग जगत के प्रतिनिधि और श्रमिक संघों (लेबर यूनियन) के लोगों की आमने-सामने बैठकर बातचीत तय कर ली गई थी.

हालांकि अभी तक सरकार ने इन मामलों में कोई फैसला नहीं लिया है. लेकिन अगर सब कुछ ठीक रहता है और मांगें मान ली जाती हैं तो अब पीएफ की कटौती का मानक बढ़ाने सहित अन्य मामलों में भी कर्मचारियों के लिए यह बड़ा तोहफा होगा. श्रमिक संघों की ओर से इनके लिए सरकार को मनाने का पुरजोर प्रयास रहा है.

क्या वास्तव में 21,000 रुपए नया मानक होगा…?
भारतीय मजदूर संघ ने सरकार से मांग की थी कि जिन कर्मचारियों का मासिक वेतन 15,000 रुपए है, उसमें पीएफ की कटौती न की जाए, लेकिन जिनकी सैलरी 21,000 रुपए है, उसमें कर्मचारी भविष्य निधि स्कीम (कर्मचारी भविष्य निधि – EPF-95) के तहत कटौती की जाए और 15,000 रुपए के मानक को बढ़ाकर 21,000 रुपए कर दिया जाए. समझा जाता है कि इस मांग पर सरकार का जल्द ही फैसला आ सकता है.

अलग-अलग कानून बनाने की मांग
पिछले दिनों सामने आया था कि संघ ने छुट्टियों के मामलों में भी मांग की थी. संघ की मांग है कि अलग-अलग तरह के वर्कर्स के लिए अलग-अलग कानून बनाए जाएं. इसके पीछे दलील दी गई कि पत्रकार, सिनेमा के कामगार, बीड़ी वर्कर्स, भवन व अन्य निर्माण से जुड़े कर्मी आदि सभी का काम अलग-अलग होता है.

साल में 300 दिनों की छुट्टी भी…
इसके अलावा मांग की गई थी. पूरी नौकरी के दौरान मिलने वाली छुट्टी 300 कर दी जाए, जो कि मौजूदा समय में 240 है. पता चला है कि जल्द ही इन सभी मामलों में सरकार की ओर से फैसला आ सकता है. संकेत हैं कि सरकार अमल कर सकती है.

सरकारी कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दे चुकी है सरकार
नए साल 2021 की शुरुआत से ठीक पहले सरकारी कर्मचारियों को सरकार अनेक बड़े तोहफे दे चुकी है. साथ हे सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) पर 8.5 प्रतिशत का पूरा ब्याज एक साथ देने का प्रस्ताव मंजूर कर लिया था. जानकारी के अनुसार, यह राशि 31 दिसंबर 2020 तक कर्मचारियों के खाते में डाल दी गई है. इस तरह नए साल में EPF के तहत आने वाले कर्मचारियों को भी धनवृद्धि का तोहफा मिल गया है.

ब्याज दर से जुड़े प्रस्ताव पर अमल 
अधिकारियों ने इस बारे में बताया था कि ब्याज दर से जुड़े प्रस्ताव पर चर्चा के लिए श्रम और वित्त मंत्रालय की बैठक हुई थी. जिसमें वित्त मंत्रालय ने जोखिम भरा निवेश पर कुछ चिंता जताते हुए ब्योरा मांगा था. हालांकि बैठक के लगभग 1 सप्ताह बाद ही वित्त मंत्रालय से EPFO को इकट्ठा ब्याज देने के आदेश प्राप्त हो गए थे. इस तरह मोदी सरकार ने प्राइवेट और पब्लिक अंडरटेकिंग सेक्टर में काम करने वाले कर्मियों को भी एक बड़ा तोहफा दे दिया है.

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