लॉकडाऊन ओपनिंग एवं रासायनिक आपदा पर वेबिनार

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लॉकडाऊन

देश-विदेश से 3000 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया

नागपुर : राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, गृह मंत्रालय, भारत सरकार (नई दिल्ली) एवं दादा रामचंद बाखरू सिंधू महाविद्यालय (नागपुर) के संयुक्त तत्वावधान में “लॉकडाऊन ओपनिंग एवं रासायनिक औद्योगिक आपदाएं” विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित किया गया.
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आयोजन में सम्मानित विषय विशेषज्ञ वक्ताओं में एनआईडीएम के प्रो. अनिल के. गुप्ता व आशीष कुमार पांडा, रक्षा मंत्रालय के उपनिदेशक डॉ. शैलेंद्र सक्सेना और इन्वर्टिस यूनिवर्सिटी, बरेली के सहायक प्राध्यापक अवधेश कुमार आदि ने विविध विषयों पर मार्गदर्शन किया.

समापन सत्र में एनआईडीएम के कार्यकारी निदेशक मेजर जनरल मनोज कुमार बिंदल तथा डीआरबी सिंधू महाविद्यालय के कार्यकारी प्राचार्य डॉ. संतोष वी. लॉकडाउन के कारण और बाद के बारे में कसबेकर ने वेबिनार का सार, प्रस्तुत किया. कार्यक्रम में सिंधी हिंदी विद्या समिति के सचिव नीरज बाखरू प्रमुख रूप से उपस्थित थे. अतिथियों का परिचय एनआईडीएम सलाहकार और संकाय सदस्य आशीष कुमार पांडा तथा डीआरबी सिंधू महाविद्यालय के रजिस्ट्रार नवीन महेशकुमार अग्रवाल ने दिया.

विकास योजनाओं में आपदा जोखिम न्यूनीकरण जरूरी  
उद्घाटन सत्र में विशिष्ट अतिथियों ने विकास योजनाओं में आपदा जोखिम न्यूनीकरण को मुख्यधारा में लाने की बात कही. साथ ही हमारे रासायनिक उद्योगों को सुरक्षित रखने के लिए जमीनी स्तर पर सुरक्षा ऑडिट और नियमों के कार्यान्वयन की आवश्यकता पर बल दिया गया. लॉकडाउन के कारण और बाद में इसके साथ ही श्रमिकों का कौशल विकास, सामुदायिक जागरूकता और योजना में भागीदारी, ऑनसाइट और ऑफसाइट प्लान एवं उनकी नियमित समीक्षा, नियमित रूप से मॉक ड्रिल और रासायनिक औद्योगिक आपदा सुरक्षा उपायों के विषय को स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर के शैक्षिक पाठ्यक्रम में लाने की आवश्यकता पर जोर दिया.

देश में रासायनिक खतरों पर विचार
कार्यक्रम के दौरान हमारे देश में लॉकडाउन के कारण और बाद में रासायनिक खतरों के विभिन्न पहलू, मौजूदा अधिनियम/नियम, रसायनों की सुरक्षा और प्रबंधन से संबंधित मुद्दे पर विचार व्यक्त किए गए. इसके साथ लॉकडाउन के कारण और बाद में लॉकडाउन समापन के पश्चात् पुन: शुरू करने के कारण होनेवाली रासायनिक उद्योगों की समस्याएं, रासायनिक आपदा प्रबंधन योजना की आवश्यकता, खतरनाक रासायनिक पदार्थों का विवरण और मनुष्यों एवं पर्यावरण पर उनका प्रभाव, व्यापार निरंतरता और सतत विकास आदि के संबंध में नए प्रतिमानों पर चर्चा की गई और उन पर प्रकाश डाला गया.

जूम प्लेटफॉर्म पर 100, लाइव यूट्यूब स्ट्रीमिंग पर 2900 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया  
जूम प्लेटफॉर्म पर 100 प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिनिधियों की गरिमामय उपस्थिति तथा लाइव यूट्यूब स्ट्रीमिंग पर 2900 से अधिक प्रतिभागियों ने कार्यक्रम में सम्मिलित होकर आयोजन को सफल बनाया. इसमें भारत के लगभग सभी राज्यों से प्रतिनिधियों के साथ-साथ नेपाल, नाइजीरिया, अलगेरिया, मोरोक्को, फिलीपींस, क़तर, इराक़, इजिप्त, हॉंगकॉंग, इथियोपिया आदि देश के प्रतिनिधियों का समावेश था.  

उदघाटन सत्र में सिंधी हिंदी विद्या समिति के अध्यक्ष एच.आर. बाखरू ने उदघाटन भाषण, एनआईडीएम के कार्यकारी निदेशक व मेजर जनरल मनोज कुमार बिंदल ने मुख्य भाषण, सिंधी हिंदी विद्या समिति के चेयरमैन डॉ. विंकी रूघवानी व महासचिव डॉ. आई.पी. केसवानी तथा इसीडीआरएम विभाग प्रमुख, एनआईडीएम के प्रो. अनिल के. गुप्ता ने अपने विशेष सम्बोधन से उपस्थितों का मार्गदर्शन किया.

वेबिनार का संचालन एनआईडीएम संकाय सदस्य तथा कार्यक्रम समन्वयक आशीष कुमार पांडा ने तथा आभार प्रदर्शन, दादा रामचंद बाखरू सिंधू महाविद्यालय के रजिस्ट्रार तथा कार्यक्रम समन्वयक नवीन महेशकुमार अग्रवाल ने किया.

कार्यक्रम सकारात्मकता तथा एक सुरक्षित एवं बेहतर कल की उम्मीद और इस तरह के कई और सार्थक कार्यक्रम संयुक्त सहयोग में आयोजित किए जाने की अपेक्षा के साथ समाप्त हुआ.

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