मुंबई : केंद्रीय गृह अमित शाह के दाैरे और चुनाव आयोग की टीम में महाराष्ट्र पहुंचने के बीच बड़ा सियासी घटनाक्रम सामने आ रहा है. महाराष्ट्र की सरकार में एक साल पहले शामिल हुए अजित पवार , महायुति यानी एनडीए से बाहर होंगे. महाराष्ट्र की राजनीति पर पैनी नजर रखने वाले सूत्रों ने इसकी भविष्यवाणी कर दी है.
अजित पवार विधानसभा चुनावों के अकेले या फिर कुछ छोटे दलों के साथ थर्ड फ्रंट बनाकर मैदान में उतर सकते हैं. लोकसभा चुनावों के बाद पहली बार ऐसा हुआ है, जब भाजपा नेता और महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी लोकसभा चुनावों में कमजोर प्रदर्शन के लिए अजित पवार पर ठीकरा फोड़ दिया है.
फडणवीस ने कहा कि अजित पवार के वोट ट्रांसफर नहीं हुए थे. इसलिए महायुति का प्रदर्शन लोकसभा चुनावों में खराब रहा.
सावधान हो गए थे अजित पवार
लोकसभा चुनावों के बाद खराब प्रदर्शन पर आरएसएस के मुखपत्र ‘द ऑर्गनाइजर’ ने अजित पवार के ऊपर ठीकरा फोड़ा था. इसके बाद अजित पवार भी अपने सियासी भविष्य को लेकर सावधान हो गए थे. उन्होंने अपनी पार्टी की अच्छी पोजीशनिंग के लिए एक कंपनी हायर की थी. इसके बाद वह राज्य में अकेले जन सम्मान यात्रा निकाल रहे थे.
बड़ा राजनीतिक उलटफेर होगा
अजित पवार के महायुति से निकलने के बाद राज्य की राजनीति में बड़ा सियासी उलटफेर हो सकता है. विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाडी (महायुति) पर भी इसका असर पड़ेगा. सूत्रों के अनुसार अगले कुछ एक दिनों में अजित पवार महायुति से एक्जिट ले सकते हैं. पिछले दिनों भाजपा नेता नितेश राणे द्वारा अल्संख्यक समुदाय को लेकर की जा रही बयानबाजी पर भी अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी ने नाराजगी जाहिर की थी.
महायुति छोड़ेंगे पवार
यह तय माना जा रहा है कि अजित पवार महायुति से बाहर आने का फैसला ले चुके हैं. वह अब इसका ऐलान कब करते हैं, इसका इंतजार है. अभी जो परिस्थिति बनी है. उसमें वह सहज महसूस नहीं कर रहे थे. कई बड़े मौकों पर वह अनुपस्थित भी रहे थे. वह कई अवसरों पर पीएम मोदी और अमित शाह से अलग से मिले थे. महायुति से बाहर आने के बाद वह मनचाही सीटों पर चुनाव लड़ पाएंगे. इसकी तैयारी उन्होंने जन सम्मान यात्रा से की है.