अयोध्या में राम मंदिर निर्माण : संघ और साधु-संतों का धैर्य छूटा

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सुप्रीम कोर्ट ने किया अयोध्या टाइटल सूट मामले की सुनवाई जनवरी तक स्थगित

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या टाइटल सूट मामले की सुनवाई जनवरी तक स्थगित करने पर निराशा जाहिर करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस संघ) और उत्तर प्रदेश के साधु-संतों ने सोमवार को राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए सरकार पर इसके लिए विधेयक लाने का दवाब बनाना शुरू कर दिया है.

उल्लेखनीय है की दशहरे के मौके पर संघ के नागपुर स्थित मुख्यालय में वार्षिक शस्त्र पूजन समारोह में संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने यह मांग उठाने की पहल की थी.

आरएसएस की ओर से आज सोमवार को फिर कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में जल्द फैसला करने में यदि कुछ कठिनाई हो तो सरकार कानून बनाकर मन्दिर निर्माण के मार्ग की सभी बाधाओं को दूर करे तथा श्रीराम जन्मभूमि न्यास को भूमि सौंपे.

संघ : हाईकोर्ट मान चुका है कि उस स्थान पर राम लला का मंदिर था
संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने आज नई दिल्ली में अपने बयान में कहा कि हाईकोर्ट ने अपने निर्णय में यह स्वीकार किया था कि उपरोक्त स्थान रामलाल का जन्म स्थान है. उन्होंने दावा किया कि तथ्य और प्राप्त साक्ष्यों से भी यह सिद्ध हो चुका है कि मंदिर तोड़कर ही वहां कोई ढांचा बनाने का प्रयास किया गया और पूर्व में वहां मंदिर ही था.

साधु-संतों में लंबी प्रतीक्षा करने का धैर्य नहीं
उधर लखनऊ में महंत परमहंस दास ने कहा कि हिंदू समुदाय और साधु-संतों में लंबी प्रतीक्षा करने का धैर्य नहीं है. दास हाल ही में अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण शीघ्र कराने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे थे. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी से राम मंदिर का निर्माण आरंभ करने की घोषणा जल्द करने को कहा. उन्होंने कहा कि इस कार्य में विफल होने पर भाजपा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) को हिंदुओं के कोप का भाजन बनना पड़ेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने भूमि मालिकाना हक विवाद की सुनवाई टाली
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि मालिकाना हक विवाद मामले में दायर दीवानी अपीलों को अगले साल जनवरी के पहले हफ्ते में एक उचित पीठ के सामने सूचीबद्ध किया है, जो सुनवाई की तारीख तय करेगी. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि उचित पीठ अगले साल जनवरी में सुनवाई की आगे की तारीख तय करेगी.

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