पहली तिमाही में 21.07 करोड़ का लाभार्जन किया वेकोलि ने

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वित्तीय मोर्चे पर दर्ज की प्रगति, मिशन ‘मिशन डब्ल्यूसीएल 2.0’ की सफलता का का कमाल

नागपुर : पिछले दो वित्तीय वर्षों के दौरान घाटा उठा चुकी वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (वेकोलि) ने अप्रैल से जून 2018 के दौरान कर-भुगतान के पूर्व (PBT) 21.07 करोड़ रुपए का लाभार्जन किया, जबकि गत वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में कम्पनी को 169.10 करोड़ रुपए का घाटा उठाना पड़ा था. यह जानकारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से वेकोलि ने दी है.

165.32 करोड़ रुपए का कुल समेकित लाभ
बताया गया कि पिछले वर्ष इसी अवधि में वेकोलि को 171.60 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था, जबकि इस वर्ष की पहली तिमाही में कम्पनी ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए 165.32 करोड़ रुपए का कुल समेकित लाभ अर्जित किया. इस प्रकार, 30 जून, 2018 तक वेकोलि की जमा पूंजी (नेट वर्थ) 1034.07 करोड़ रुपए हो गई, जो 31मार्च, 2018 को 868.75 करोड़ रुपए थी.

वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (वेकोलि) ने वर्तमान वित्तीय वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में अब तक के सर्वाधिक उत्पादन और डिस्पैच के बाद, अपने वित्तीय निष्पादन में भी संतोषजनक प्रगति दर्ज की है. जून 2018 से प्रारम्भ ‘मिशन डब्ल्यूसीएल 2.0’ के तहत सुधार की दिशा में यह पहला कदम है.

उत्पादन और डिस्पैच में बढ़ोत्तरी
उल्लेखनीय है कि, 2017-18 के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए कम्पनी ने अब तक का सर्वाधिक 46.22 मिलियन टन कोयला-उत्पादन और 48.76 मिलियन टन कोयला डिस्पैच किया. हर मोर्चे पर उम्दा प्रदर्शन के बावजूद, कर्मियों के वेतन में वृद्धि, भू-अधिभार समायोजन (OBR Adjustment) एवं ग्रेच्युटी में हुए इजाफा आदि के लिए किए गए वित्तीय प्रावधानों की वज़ह से कम्पनी को घाटे का सामना करना पड़ा.

कम्पनी के सम्पूर्ण कार्य-निष्पादन और वित्तीय स्थिरता तथा अन्य मोर्चों पर और बेहतर परिणाम हासिल करने के लिए ‘मिशन डब्ल्यूसीएल-2.0’ की अवधारणा को मूर्त रूप दिया गया. इस मिशन का उद्देश्य कम्पनी की लक्ष्य-प्राप्ति में कर्मियों एवं सभी अंश धारकों (स्टेक होल्डर्स) आदि को शामिल कर, प्रगति के लिए संयुक्त प्रयास करना है.

15,000 से भी अधिक सुझाव मिले
अपेक्षा के अनुरूप, इसमें सभी से प्राप्त सुझाव के आलोक में, सब मोर्चों पर कार्य प्रारम्भ कर दिए गए हैं. केटेगरी-1 जनरल मजदूर से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों से 15,000 से भी अधिक सुझाव मिले. प्रत्येक सुझाव का सावधानीपूर्वक, विस्तृत अनुशीलन करने के बाद रोड मैप तैयार किया गया. कोयले की गुणवत्ता, अनावश्यक खर्चों में कटौती तथा कोयले की बिक्री में समुचित मिश्रित तरीकों के जरिये राजस्व में वृद्धि कर, घाटे को कम करने पर जोर दिया जा रहा है.

‘मिशन डब्ल्यूसीएल-2.0’ का असर-
कोयले की गुणवत्ता में सुधार, ऊर्जा और गैर ऊर्जा उपभोक्ताओं-दोनों को अधिकतम कोयला-प्रेषण, चिह्नित खदानों में ओबीआर एडजस्टमेंट, कबाड़ का निस्तारण, आवासीय कॉलोनियों का रख-रखाव, परियोजनाओं के विस्तार हेतु जमीन के लम्बित मामले, कम्पनी-कर्मियों के लिए मध्यप्रदेश में बडकुही, नागपुर में जवाहरलाल नेहरु और वणी में राजीव रतन हॉस्पिटल को केन्द्रीय अस्पताल में परिवर्तित करने के रूप में बदस्तूर दिखने लगा है.

प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार वर्तमान वित्तीय वर्ष 2018-19 में, कम्पनी ने 52.5 मिलियन टन उत्पादन और 59.70 मिलियन टन कोयला डिस्पैच का लक्ष्य रखा है. इससे उत्पादन में 14% और डिस्पैच में 22% यानि दो अंकों में वृद्धि होगी, जो वेकोलि के स्थापना- काल से अभी तक सम्भव नहीं हो पाया. इसका जिक्र भी प्रासंगिक है कि भारी बारिश के बावजूद, आज की तारीख (13 अगस्त, 2018) तक, वेकोलि ने दो अंकों में, उत्पादन में 12% और डिस्पैच में 18% की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज़ की है.

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