मुकेश अंबानी को धमकाने के लिए ऐसे-ऐसे हथकण्डे अपनाए थे वाजे ने

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राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अदालत में दायर चार्जशीट में किया खुलासा

मुंबई : मुंबई पुलिस के बर्खास्त सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे (Sachin Waze) ने व्यवसायी मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के परिवार को आतंकी धमकी देने के लिए न केवल उनके आवास के बाहर 24 फरवरी, 2021 को 20 जिलेटिन स्टिक (विस्फोटक) और धमकी भरे नोट के साथ महिंद्रा स्कॉर्पियो वाहन पार्क किया, बल्कि इसी कड़ी में उन्हें डराने के लिए व्यवसायी मनसुख हिरन की हत्या करवा दी. इन वारदातों को अंजाम देने में उसने मुंबई पुलिस के कम से कम अपने पांच सहयोगियों और भाड़े के दो हत्यारों को भी शामिल कर लिया था.

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व्यवसायी मनसुख हिरन, जिसकी सचिन वाजे ने ह्त्या करवा दी थी.

वाजे ने मुकेश अंबानी से अपनी इस जबरदस्ती वसूली की योजना को अंजाम देने के लिए उन्हीं पैसों का इस्तेमाल किया, जिन्हें उसने जबरन वसूली से हासिल किया था. और इस साजिश में एक कमजोर कड़ी मनसुख हिरन की हत्या करवा दी. यह आरोप आईएनए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने वाजे के खिलाफ दायर चार्जशीट में लगाया है.

एनआईए का आरोप है कि वाजे ने 24 फरवरी, 2021 को 20 जिलेटिन स्टिक (विस्फोटक) और धमकी भरे नोट के साथ मुकेश अंबानी के आवास के पास महिंद्रा स्कॉर्पियो वाहन पार्क किया और बाद में व्यवसायी मनसुख हिरन की हत्या का आदेश दिया. चार्जशीट में कहा गया है कि मुकेश अंबानी परिवार को डराने और आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने के लिए ऐसा किया गया.

एनआईए का आरोप है कि वाजे ने हिरन को विस्फोटक लगाने की जिम्मेदारी लेने के लिए मजबूर किया. जब उसने मना कर दिया, तो वाजे और अन्य ने मुंबई पुलिस कमिश्नरेट कंपाउंड में बैठे हिरन को मारने की योजना बनाई.

प्रदीप शर्मा के अगुवाई में किराए के हत्यारों ने हिरन को लालच देकर मार डाला. एजेंसी ने कहा कि उसका शव 5 मार्च को मुंबई के बाहर ठाणे की खाड़ी से बरामद किया गया था.

एनआईए ने कहा कि जबरन वसूली के माध्यम से, वह भारी मात्रा में धन एकत्र कर रहा था, जिसका एक हिस्सा तत्काल अपराध करने के लिए इस्तेमाल किया गया. जैसा कि कारमाइकल रोड पर खुद आरोपी सचिन वाजे (ए 1) द्वारा लगाए गए वाहन में विस्फोटकों के साथ रखे गए धमकी नोट से स्पष्ट है.

वाजे का इरादा…
एजेंसी ने आगे बताया है कि आरोपी वाजे का इरादा स्पष्ट रूप से धनी और समृद्ध व्यक्तियों को आतंकित करने और उन्हें गंभीर परिणामों के डर से पैसे निकालने का था. टेलीग्राम चैनल जैश उल हिंद पर पोस्ट आतंक के उपरोक्त कृत्य में विश्वसनीयता जोड़ने का एक जानबूझकर प्रयास प्रतीत होता है और मनसुख हिरन की हत्या आतंक के उक्त कृत्य का प्रत्यक्ष परिणाम है.

एजेंसी का दावा है कि वाजे के कथित अपराध के पीछे का मकसद 16 साल बाद, 2020 में मुंबई पुलिस बल में उनकी बहाली के बाद खोई हुई प्रतिष्ठा को फिर से हासिल करना और खुद को “सुपर कॉप” के रूप में स्थापित करना भी था.

एनआईए ने आरोप लगाया कि वाजे ने हिरन से स्कॉर्पियो वाहन की चोरी के संबंध में एक गुमशुदगी दर्ज करने के लिए कहा, ताकि वह इसे अपराध में इस्तेमाल कर सके. मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी की सुरक्षा के लिए काफिले द्वारा इस्तेमाल किए गए पंजीकरण नंबर के साथ नकली नंबर प्लेट, स्कॉर्पियो पर चिपका दी गई थी.

मुकेश अंबानी के आवास के पास कार रखने के बाद, उन्होंने अंततः मामले को क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट, मुंबई पुलिस को स्थानांतरित कर दिया, जिसका नेतृत्व वाजे ने ही किया. इसके बाद आपत्तिजनक सीसीटीवी फुटेज आदि को नष्ट कर दिया गया.

5 मार्च को, एनआईए ने आरोप लगाया कि वाजे ने जानबूझकर एक झूठी छापेमारी की, ताकि उसका स्थान उसे मनसुख हिरन की हत्या से संबंधित अपराध स्थल से दूर ड्यूटी करते हुए दिखाए,

एजेंसी ने चार्जशीट में बताया है कि हिरन की हत्या के बाद वाजे ने पत्रकारिता के क्षेत्र में अपने संपर्कों के माध्यम से इस तरह की खबरें प्रसारित करके इसे आत्महत्या के मामले के रूप में पेश करने की कोशिश की.

एनआईए ने 20 संरक्षित गवाहों सहित 178 गवाहों के बयानों का हवाला दिया है. उनमें से एक स्कॉर्पियो वाहन को पार्क करने वाले वाजे और 24 फरवरी, 2021 को तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख के घर वाजे की कथित यात्रा का एक चश्मदीद गवाह है.

पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने देशमुख पर बार मलिकों से वाजे द्वारा 100 करोड़ रुपए की मासिक वसूली करने का आरोप लगाया है.

अन्य आरोपी कौन हैं और उनकी भूमिका क्या है?

आरोपी इस प्रकार हैं :

1. सचिन हिंदराव वाजे (बर्खास्त सहायक पुलिस निरीक्षक)

2. नरेश रमणीकलाल गोर (सट्टेबाज) – हिरन की हत्या में इस्तेमाल किए गए बेनामी सिम कार्ड हासिल किए

3. विनायक बालासाहेब शिंदे (बर्खास्त कांस्टेबल, दोषी) – होटल, बार और रेस्तरां मालिकों को पेश किया, जो वाजे को नाजायज मासिक राशि / हफ्ता देकर अवैध रूप से व्यवसाय चलाने का इरादा रखते हैं.

4. रियाजुद्दीन हिसामुद्दीन काज़ी (बर्खास्त सिपाही) – वाजे के सहयोगी ने नकली वाहन नंबर हासिल किए.

5. सुनील धर्म माने (बर्खास्त पुलिस निरीक्षक) – हिरन की हत्या करने के लिए साजिश की बैठकों में भाग लिया. मुकेश अंबानी मामले में गिरफ्तारी से बचाने के बहाने हिरन को फोन किया और फिर उसे भाड़े के हत्यारों के हवाले कर दिया.

6. संतोष आत्माराम शेलार (किराए पर लिया गया हत्यारा)- प्रदीप शर्मा के कहने पर अन्य हत्यारों को राजी कर लिया. माने से हिरण को उठाकर टवेरा वाहन में ले गए, जिसमें हिरण की हत्या हुई थी.

7. आनंद पांडुरंग जाधव, सतीश तिरुपति मोथकुरी, मनीष वसंतभाई सोनी (हत्यारे) – शेलार के साथ मिलकर मनसुख हिरन को टवेरा कार के अंदर मार डाला. शव को ठाणे क्रीक में फेंक दिया और-

8. प्रदीप रामेश्वर शर्मा (पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट) – हत्या के लिए शेलार को मोटी रकम चुकाई, जो उन्हें सचिन वाजे से मिली थी.

दायर चार्जशीट में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 286 (विस्फोटक पदार्थों से संबंधित लापरवाही आचरण), धारा 465 (जालसाजी के लिए सजा), धारा 473 (नकली मुहर बनाने या रखने), धारा 506 II (आपराधिक धमकी के लिए सजा) और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के 4 (ए) (बी) (आई) (विस्फोट करने की कोशिश या जीवन को खतरे में डालने या संपत्ति को नष्ट करने के इरादे से विस्फोटक रखने के लिए सजा) के तहत सचिन वाजे के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया. वाजे पर एक्सप्लोसिव सब्सटेंस एक्ट और आर्म्स एक्ट के तहत अतिरिक्त चार्जेज लगाए गए हैं.

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