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परमबीर सिंह के खिलाफ जबरन वसूली का मामला दर्ज

अपराध मुंबई
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मुंबई : आईपीएस अफसर और मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह भ्रष्टाचार के आरोपों में घिर गए हैं. राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के विरुद्ध जाकर राज्य सरकार से सीधे पंगा मोल ले लिया है. इससे उनकी मुश्किलें और बढ़ती जा रही हैं. मुंबई पुलिस ने परमबीर सिंह के खिलाफ जबरन वसूली का मामला दर्ज कर दिया है. यह मामला मुंबई के मेरिन ड्राइव पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ है. 


जबरन वसूली के इस मामले में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्‍नर के साथ 8 और लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है. मेरिन ड्राइव पुलिस स्टेशन में जिन लोगों पर केस दर्ज हुआ है, उनमें 6 पुलिसकर्मी और 2 आम नागरिक हैं. परमबीर सिंह के साथ मुंबई पुलिस के डीसीपी अकबर पठान पर भी यह मामला दायर किया गया है. शिकायतकर्ता श्यामसुंदर राधेश्याम अग्रवाल ने शिकायत दर्ज कराई है कि परमबीर सिंह, डीसीपी पठान और छह अन्य ने उन्हें फर्जी मामले में फंसाने के बाद मामला वापस लेने के लिए 15 करोड़ रुपए मांगे.

मुंबई पुलिस के कमिश्नर रहे परमबीर सिंह के ऊपर शिकंजा कसता जा रहा है. एक ओर जहां महाराष्ट्र सरकार ने एंटी करप्शन ब्यूरो यानी एसीबी को आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह के खिलाफ ओपन जांच के आदेश दे दिए गए हैं, वहीं दूसरी तरफ मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में परमबीर सिंह के खिलाफ रंगदारी का मामला दर्ज किया गया है.

शिकायतकर्ता एक व्यवसायी है. एफआईआर में कुल 8 लोगों के नाम हैं, जिनमें 6 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं. मुंबई पुलिस ने इस मामले में अब तक दो नागरिकों को भी गिरफ्तार किया है.

ज्ञातव्य है कि परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपए वसूली करने का आरोप लगाया था. परमबीर सिंह ने खत में लिखा था कि गृह मंत्री ने सब इन्स्पेक्टर सचिन वाजे से कहा था कि उन्हें हर महीने सौ करोड़ रुपए जुटाने हैं.

इस टारगेट को हासिल करने के लिए गृह मंत्री ने वाजे से कहा था कि मुंबई में मौजूद 1750 बार और रेस्टोरेंट से अगर 2-3 लाख भी मिल जाएं तो महीने में चालीस-पचास करोड़ रुपए जुटाए जा सकते हैं. इस चिट्ठी ने महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल ला दिया था. इससे पूर्व परमबीर सिंह को मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद से हटा दिया गया था.

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