केंद्र सरकार ने अचानक घटा दी दालों की भंडारण सीमा, राजपत्र निकाला
नागपुर : दि होलसेल ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट एसोसिएशन के सचिव प्रताप मोटवानी ने केंद्र सरकार द्वारा अचानक दलहनों की भंडारण सीमा घटा दिए जाने पर आश्चर्य व्यक्त किया है. उन्होंने इसे अनुचित बताया है.
सोमवार, 5 जुलाई से बेमियादी मंडी बंदी की घोषणा
सरकार की इस कार्रवाई का व्यापारियों के एक वर्ग ने कडा विरोध किया है. उन्होंने कहा है कि वर्त्तमान परिस्थिति में दलहन के होलसेल और चिल्लर मूल्य पूरी तरह नियंत्रण में हैं और दलों का आयत भी किया जा रहा है तब अचानक स्टॉक लिमिट घटाया जाना अनुचित है. इसके विरोध में सोमवार, 5 जुलाई से बेमियादी देशव्यापी मंडी बंद की घोषणा भी कर दी गई है.
केंद्र सरकार ने 2 वर्ष पूर्व दलहनों की स्टॉक सीमा हटा दी थी. मोटवानी के अनुसार गत वर्षों में देश मे दलहनों का उत्पादन बढ़ने से तथा भाव समर्थन मूल्यों से कम होने से केंद्र सरकार ने देश में दलहनों पर से स्टॉक सीमा हटाई थी. साथ ही देश से दलहनों का निर्यात भी शुरू कर दिया था और आयात पर मात्रात्मक प्रतिबंध लगाया था, ताकि किसानों को उनकी फसलों का सही मूल्य मिले.
मोटवानी ने बताया गत माह बंगाल चुनाव के बाद सरकार ने सभी के लिए दलहन आयात भी शुरू कर दिया था. लेकिन अचानक 2 जुलाई को राजपत्र (जीआर) निकाल कर दलहनों पर स्टॉक सीमा तत्काल लागू भी कर दिया गया.
होलसेल और चिल्लर स्टॉक सीमा
केंद्र सरकार द्वारा शुक्रवार को जारी राजपत्र के अनुसार होलसेल विक्रेताओं के लिए दलहनों की भंडारण सीमा 200 मेट्रिक टन, यानी 2000 क्विंटल कर दिया गया है. लेकिन साथ ही एक ही वेरायटी की दाल 1000 क्विंटल से ज्यादा वे नहीं रख सकते हैं.
चिल्लर लायसेंस होल्डरों के लिए यह सीमा 5 मेट्रिक टन याने 50 क्विंटल तय की गई है. दाल मिलों के लिए स्टॉक सीमा पिछले 3 महीने के उत्पादन या वार्षिक स्थापित क्षमता का 25%, जो भी अधिक हो, होगी. अन्य अनाजों के लिए कोई भी स्टॉक सीमा नहीं है. यह निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है.
मोटवानी ने कहा कि सरकार द्वारा एकाएक स्टॉक सीमा घटाए जाने की घोषणा और तत्काल लागू करना समझ के परे है. जब कि आयात भी शुरू कर दिया गया है और वह भी तब, जब दलहनों के भाव कंट्रोल में है.
आयात रोकने की संभावना, जमाखोरी पर लगाम के लिए ऐहतियाती कदम
सूत्रों ने संभावना जताई है कि सरकार ने दालों के आयात पर रोक लगाने के उद्देश्य से देश में दालों की भंडारण सीमा घटाने का यह निर्णय लिया है. आयात रोकने से देश में दालों के बाजार मूल्य में वृद्धि और व्यापारियों द्वारा जमाखोरी करने की आशंका के मद्देनजर सरकार ने ऐहतियाती कदम उठाया है.