NDRC ने खारिज किया बिग बाजार (फ्यूचर रिटेल लिमिटेड) की ओर से दायर पुनर्विचार याचिका
चंडीगढ़ : राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) ने Big Bazar को भुगतान करने के समय उपभोक्ता पर कैरी बैग की अतिरिक्त लागत लगाने के अपने अनुचित ट्रेड प्रैक्टिस को तत्काल प्रभाव से बंद करने का निर्देश दिया है.
Big Bazaar की ओर से दायर पुनर्विचार याचिका खारिज करते हुए आयोग ने कहा कि उपभोक्ता को खास रिटेल आउटलेट के पास जाने और उस आउटलेट से खरीद के लिए वस्तुओं के चयन करने से पहले यह जानने का हक है कि कैरी बैग के लिए उसे अतिरिक्त पैसे देने होंगे. इतना ही नहीं, उपभोक्ता को उस कैरी बैग की कीमत और उसकी विभिन्न विशेषताएं जानने का भी हक होगा.
Big Bazaar (फ्यूचर रिटेल लिमिटेड) बनाम साहिल डावर [आरपी 975/2020] मामले में NDRC के समक्ष मुद्दा यह था कि क्या शिकायतकर्ता द्वारा खरीदे गए सामान को ले जाने के लिए कैरी बैग के लिए अतिरिक्त पैसे (इस मामले में 18/-रु.) वसूले जाने को दोष और अनुचित कारोबार व्यवहार कहा जा सकता है?
इससे पूर्व अक्टूबर 2019 में हरियाणा के चंडीगढ़ जिला उपभोक्ता फोरम और राज्य उपभोक्ता विवाद निपटारा आयोग ने बिग बाजार पर दो ग्राहकों की शिकायत पर 23000 हजार रुपए का जुर्माना लगा चुके हैं. उन्होंने बलदेव राज और संतोष कुमारी के ऐसे ही मामले में फैसला सुनाते हुए 10-10 हजार रुपए Consumer Legal Aid Account में जमा करने और दोनों उपभोक्ताओं को 1,500-1,500 रुपए देने का आदेश दिया था. जिला उपभोक्ता फोरम और राज्य उपभोक्ता विवाद निपटारा आयोग ने बिग बाजार के खिलाफ आदेश जारी करते हुए कहा कि रिटेल आउटलेट में खरीदे गए सामान को घर तक ले जाने में सहूलियत के लिए बगैर अतिरिक्त खर्च के कैरी बैग उपलब्ध कराने की सामान्य प्रथा है.
याचिका खारिज करते हुए आयोग ने आगे निर्देश दिया : 2019 के संबंधित कानून की धारा 39 (1) (जी) [इससे जुड़े 1986 के कानून की धारा 14 (1) (एफ)] के तहत ऑपोजिट पार्टी कंपनी को उसके मुख्य कार्यकारी के माध्यम से आदेश दिया जाता है कि वह किसी उपभोक्ता द्वारा रिटेल आउटलेट का चयन करने तथा सामान के चयन और उसकी खरीद से पहले प्रमुखता से पूर्व सूचना और जानकारी तथा कैरी बैग की प्रमुख विशेषताओं और कीमत की जानकारी दिये बिना एकतरफा तरीके से कैरी बैग के लिए अतिरिक्त पैसे लेने के अनुचित ट्रेड प्रैक्टिस को तत्काल प्रभाव से बंद करे.